इलेक्ट्रिक कारों की टेक्नोलॉज़ी डेवलप करने के लिए बनेगी नई कमेटी
प्रकाशित: अगस्त 10, 2016 06:59 pm । alshaar
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इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग धीरे-धीरे ज़ोर पकड़ रही है। दुनिया भर में ऐसे वाहन को ग्राहक तेज़ी से अपनाने लगे हैं। भारत भी इस ट्रेंड से अछूता नहीं है। हालांकि यहां विकल्प काफी कम हैं, कीमतें ज्यादा हैं और जरूरी बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी कमी है। ऐसे में केंद्र सरकार ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए एक नई कमेटी बनाने की योजना बनाई है। यह कमेटी देश में इलेक्ट्रिक कारों में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉज़ी के डेवलपमेंट का काम देखेगी। इसका नाम टेक्नोलॉज़ी प्लेटफॉर्म फॉर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (टीपीईएम) होगा। इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारी उद्योग विभाग के तहत रखा जाएगा।
इस कमेटी में ऑटो सेक्टर के शीर्ष अधिकारी, टेक्नोलॉज़ी के एक्सपर्ट और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। जो इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास, निर्माण और टेक्नोलॉज़ी पर नज़र रखेंगे और इसमें तेज़ी लाने के सुझाव देंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों की टेक्नोलॉज़ी के विकास में तेज़ी आने के साथ-साथ केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया अभियान और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में भी इसका फायदा मिलेगा। इसके अलावा ऐसे वाहनों की ऊंची लागत भी घटेगी।
कारों की बात करें तो फिलहाल देश में महिन्द्रा की दो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारें बाजार में हैं। इनमें ई2ओ हैचबैक और ई-वेरिटो सेडान शामिल है। हाई परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक लग्ज़री कारें बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला भी मॉडल-3 को यहां उतारने वाली है और भविष्य में प्लांट भी लगा सकती है। ऐसे में इलेक्ट्रिक कारों के लिए अलग कमेटी बनाने का कदम काफी कारगर साबित हो सकता है।
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