क्या हुंडई का दबदबा खत्म करने जा रही है टाटा मोटर्स? आंकड़ों से मिल रहा इशारा
प्रकाशित: जुलाई 07, 2022 01:32 pm । भानु । टाटा नेक्सन 2020-2023
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भारत के पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में नंबर 1 ऑटो मैन्युफैक्चरर मारुति सुजुकी को मिलने वाले प्रति माह बिक्री के आंकड़ों को किसी भी कंपनी द्वारा छू पाना काफी मुश्किल है। मगर हुंडई मोटर्स का एक लंबे अर्से से नंबर 2 की पोजिशन पर दबदबा रहा है। मगर अब धीरे धीरे कहीं ना कहीं हुंडई मोटर्स को इंडियन कंपनी टाटा मोटर्स से कड़ी टक्कर मिलने लगी है।
टाटा मोटर्स पिछले कुछ समय से काफी अच्छे प्रोडक्ट्स मार्केट में उतार रही है जिससे कंपनी को हर महीने बिक्री के अच्छे खासे आंकड़े मिलने लगे हैं। दिसंबर 2021 में 35,299 यूनिट्स बेचकर टाटा देश की नंबर 2 कारमेकर बनी थी और उस दौरान हुंडई को 32,312 यूनिट्स बिक्री का आंकड़ा मिला था। इसके बाद मई 2022 में भी हुंडई से 1,048 यूनिट्स ज्यादा कारें बेचकर टाटा फिर से नंबर 2 की पोजिशन पर आ गई थी।
हर महीने कारें बेचने के मामले में टाटा मोटर्स हुंडई को कड़ी टक्कर दे रही है मगर कंपनी को अब भी खुद को इस स्थान पर परमानेंट बनाने के लिए काफी काम करने हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार हुंडई मोटर्स ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में 4.81 लाख यूनिट्स व्हीकल्स बेचे जबकि टाटा मोटर्स इस दौरान 3.72 लाख यूनिट्स बेच पाई।
टाटा मोटर्स की ग्रोथ के ये हैं कारण
टाटा ने पिछले तीन साल के भीतर अल्ट्रोज़, पंच जैसे प्रोडक्ट्स उतारे जिन्हें काफी पॉपुलैरिटी मिली। कंपनी का सबसे कामयाब प्रोडक्ट नेक्सन सब कॉम्पैक्ट एसयूवी रही जो अपने सेगमेंट में पिछले काफी समय से टॉप पोजिशन पर बनी हुई है। ये देश की एकमात्र ऐसी कार है जिसमें पेट्रोल,डीजल और इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के ऑप्शन दिए गए हैं।
टाटा के लिए नेक्सन ईवी एक गेम चेंजर प्रोडक्ट रही है। इस कार को हर महीने करीब 1000 यूनिट्स बिक्री के आंकड़े मिल रहे हैं और इसके मुकाबले में कोई कार नहीं होने का भी इसे फायदा मिल रहा है। आने वाले समय में टाटा मोटर्स के लाइनअप में ऐसे और भी प्रोडक्ट्स शामिल होंगे।
टाटा मोटर्स ने सेफ कारें बनाने के मोर्चे पर भी दुनियाभर में अपना परचम लहराया है। ग्लोबल एनकैप की ओर से 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग लाने वाली पहली कार टाटा नेक्सन थी और कंपनी के कई मॉडल्स को 4 स्टार रेटिंग मिल चुकी है। दूसरी तरफ हुंडई की कारों का ग्लोबल एनकैप में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।
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क्या गिर रही है हुंडई की कारोंं की डिमांड?
लेटेस्ट सेल्स फिगर के आधार पर ये कहना गलत होगा कि हुंडई की कारों की डिमांड में कमी आ रही है। ये कंपनी आज भी देश की नंबर 2 कार मैन्युफैक्चरर है। टाटा मोटर्स अब इस कंपनी को टक्कर देने लगी है। कोरोनाकाल के दौरान हुंडई की ग्रोथ में थोड़ा सा ब्रेक लगता दिखाई दिया था। जबकि इस दौरान टाटा मोटर्स तेजी से उबर कर सामने आई थी।
सब 4 मीटर एसयूवी सेगमेंट की बात करें तो यहां निसान,रेनो और किआ जैसे ब्रांड्स की मौजूदगी से हुंडई की वेन्यू एसयूवी की सेल्स पर काफी असर पड़ा। कारण वेन्यू में प्रीमियम फीचर्स के बदले प्राइस ज्यादा वसूली जा रही है। कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट हुंडई का दबदबा कायम है मगर अब इसे यहां स्कोडा कुशाक,फोक्सवैगन टाइगन,एमजी एस्टर और जल्द लॉन्च होने जा रही टोयोटा हाइराइडर और मारुति सुजुकी विटारा से कड़ी टक्कर मिलेगी।
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अफोर्डेबल सेगमेंट में भी हुंडई मोटर्स की सेल्स में गिरावट का दौर जारी है। जहां कॉम्पैक्ट हैचबेक सेगमेंट में मारुति का दबदबा कायम है तो वहीं हुंडई ने सेंट्रो और इयॉन को बंद कर दिया। दूसरी तरफ टाटा ने पंच माइक्रो एसयूवी को लॉन्च कर एंट्री लेवल एसयूवी सेगमेंट में फिलहाल अपना दबदबा कायम कर रखा है।
ग्राहकों के लिहाज से अच्छा होता है कॉम्पिटशन का बढ़ना
हुंडई और टाटा के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है और आगे भी मिलेगा। मार्केट में अपने आपको बेहतर साबित करने के लिए दोनों कारमेकर्स अपने लाइनअप में नए फीचर्स,नए मॉडल्स और नई टेक्नोलॉजी के साथ खुद को अपडेट कर रहे हैं जिससे ग्राहकों को अच्छे प्रोडक्ट्स खरीदने का ऑप्शन मिल रहा है।
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