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जल्द भारत का खुद का क्रैश टेस्ट रेटिंग सिस्टम होगा: नितिन गडकरी

संशोधित: फरवरी 11, 2022 08:00 pm | सोनू

  • इंडिया में बिकने वाली कारों के लिए जल्द भारत एनकैप सेफ्टी रेटिंग सिस्टम शुरू होगा।
  • हाई रेटिंग के लिए कारों में छह एयरबैग, ईएससी, एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग और सभी फ्रंट फेसिंग सीटों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट देना होगा अनिवार्य।
  • यह सिस्टम कब तक शुरू होगा इसकी टाइमलाइन अभी नहीं बताई गई है।

Press conference on ‘Automobile Safety Ecosystem in India' https://t.co/i8HDJwHr9M

— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 10, 2022

ऑटोमोबाइल सेफ्टी ईकोसिस्टम की प्रेस कॉन्फ्रेस में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में बिकने वाली कारों के लिए जल्द सख्त सेफ्टी नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भारत का खुद का सेफ्टी रेटिंग सिस्टम शुरू करने की भी योजना बना रही है।

हालांकि गडकरी ने इसके शुरू होने की टाइमलाइन की जानकारी अभी नहीं दी है। किसी कार को हाई रेटिंग मिलने के लिए उसमें छह एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), सभी फ्रंट फेसिंग पैसेंजर के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट, एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (एईबीएस) और ड्राइवर ड्रोसिनेस डिटेक्शन जैसे फीचर होना अनिवार्य होता है। हाल ही में सरकार ने 1 अक्टूबर से आठ पैसेंजर तक वाली कारों में छह एयरबैग देना अनिवार्य किया है।

सरकार कारों में एडीएएस (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टंस सिस्टम) भी स्टैंडर्ड करने की योजना बना रही है। गड़करी ने प्रेस कॉन्फ्रेस में लैन डिर्पाचर वार्निंग, ड्राइवर ड्रोसिनेस अलर्ट और फॉवर्ड कोलिशन वार्निंग फीचर का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार इन फीचर्स को कारों में शामिल करने के लिए कंपनियों से बातचीत कर रही है।

यह भी पढ़ें : भारत में 6 एयरबैग की अनिवार्यता से भी कारों में सेफ्टी ज्यादा नहीं होगी पुख्ता, ये हैं कारण

भारत में कारें कितनी सेफ ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है। इसका एक उदाहरण इसी बात से समझा जा सकता है कि यहां 15 लाख रुपये के बजट में बिकने वाली अधिकांश कारों के टॉप मॉडल में ही ड्यूल एयरबैग मिलता है। हाल ही में सरकार ने एक अक्टूबर से कार में छह एयरबैग स्टैंडर्ड करने की बात कही है।

आपकी जानकारी के लिए एक बात और बता दें कि लैटिन एनकैप और यूरो एनकैप क्रैश टेस्ट के नियम ग्लोबल एनकैप से ज्यादा सख्त हैं। लैटिन एनकैप क्रैश टेस्ट में बेहतर सेफ्टी रेटिंग पाने के लिए कार में ईएससी, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन और स्पीड असिस्टेंस सिस्टम जैसे फीचर की जरूरत रहती है। जहां ग्लोबल एनकैप एनकैप में कारों का फ्रंट से ही टेस्ट किया जाता है, वहीं लैटिन और यूरो एनकैप में साइड इंपेक्ट, रेस्क्यू और एक्सट्रेक्शन टेस्ट भी शामिल होते हैं।

वर्तमान में भारत में पैसेंजर सेफ्टी को पुख्ता करने के लिए कारों में ड्यूल फ्रंट एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, फ्रंट सीट बेल्ट रिमाइंडर और स्पीड अलर्ट सिस्टम जैसे फीचर को स्टैंडर्ड किया गया है। कारों को ज्यादा सेफ करने पर इनकी प्राइस बढ़ेगी, हालांकि इससे हादसों में मरने वालों की संख्या में कमी आएगी।

यह भी पढ़ें : ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में इन इंडियन कारों की हुई परीक्षा, जानिए किसे मिली कितनी रेटिंग

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