टेस्ला के बाद अब हुंडई ने भी की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग
प्रकाशित: जुलाई 29, 2021 11:12 am । सोनू । हुंडई आयनिक
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हाल ही में टेस्ला मोटर्स ने भारत सरकार से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की है। अब हुंडई मोटर्स ने भी सरकार से यही मांग की है। वर्तमान में विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर इंजन साइज और उनकी कॉस्ट के हिसाब से 60 से 100 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। ऐसे में अगर इंपोर्ट ड्यूटी कम हो जाए तो भारत में उनकी कीमत कम रखने में मदद मिलेगी।
हुंडई मोटर्स इंडिया के एमटी और सीईओ एसएस किम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘हमने सुना है कि टेस्ला विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करवाना चाहती है। देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड को बढ़ाने के लिए कारों की कीमत कम रखना काफी जरूरी है।’
भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस समय इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बेनेफिट, छूट और कई तरह के इनसेंटिव दे रही है। हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी अभी भी बहुत ज्यादा है जिससे विदेश से इंपोर्ट करके बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की प्राइस यहां काफी ज्यादा हो जाती है।
हाल ही में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक यूजर के ट्विट का रिप्लाई करते हुए कहा कि हम भारत में एंट्री करना चाहते हैं लेकिन यहां पर दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार मॉडल 3 की प्राइस भारतीय करेंसी के मुताबिक 28 लाख रुपये से शुरू होती है और भारत में यह ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी के चलते करीब 60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
हुंडई मोटर्स का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों को देश में ही तैयार करना एक लंबी प्रकिया है और यहां अभी इलेक्ट्रिक स्पेस में डिमांड ज्यादा नहीं है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। ऐसे में यदि सरकार कंपनियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों को इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ छूट दे तो यहां पर बाहर से इलेक्ट्रिक कारें मंगवाकर मांग बढ़ाई जा सकती है।
भारत में अभी टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक इकलौती इलेक्ट्रिक कार है जिसे देश में ही तैयार किया जा रहा है। वहीं एमजी जेडएस ईवी और हुंडई कोना इलेक्ट्रिक कों यहां पर असेंबल करके बेचा जा रहा है।
हुंडई की योजना एक मास मार्केट इलेक्ट्रिक कार उतारने की भी है। यह कोना इलेक्ट्रिक से काफी सस्ती होगी और इसे भारत में 2024 तक लॉन्च किया जा सकता है। हुंडई के अलावा महिंद्रा, टाटा और मारुति भी सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियां लाने पर काम कर रही हैं।
यह भी पढ़ें : भारत की पहली हाइड्रोजन पावर वाली कार हो सकती है हुंडई नेक्सो इलेक्ट्रिक, जानिए कब होगी लॉन्च
हाल ही में टेस्ला मोटर्स ने भारत सरकार से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की है। अब हुंडई मोटर्स ने भी सरकार से यही मांग की है। वर्तमान में विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर इंजन साइज और उनकी कॉस्ट के हिसाब से 60 से 100 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। ऐसे में अगर इंपोर्ट ड्यूटी कम हो जाए तो भारत में उनकी कीमत कम रखने में मदद मिलेगी।
हुंडई मोटर्स इंडिया के एमटी और सीईओ एसएस किम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘हमने सुना है कि टेस्ला विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करवाना चाहती है। देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड को बढ़ाने के लिए कारों की कीमत कम रखना काफी जरूरी है।’
भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस समय इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बेनेफिट, छूट और कई तरह के इनसेंटिव दे रही है। हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी अभी भी बहुत ज्यादा है जिससे विदेश से इंपोर्ट करके बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की प्राइस यहां काफी ज्यादा हो जाती है।
हाल ही में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक यूजर के ट्विट का रिप्लाई करते हुए कहा कि हम भारत में एंट्री करना चाहते हैं लेकिन यहां पर दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार मॉडल 3 की प्राइस भारतीय करेंसी के मुताबिक 28 लाख रुपये से शुरू होती है और भारत में यह ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी के चलते करीब 60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
हुंडई मोटर्स का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों को देश में ही तैयार करना एक लंबी प्रकिया है और यहां अभी इलेक्ट्रिक स्पेस में डिमांड ज्यादा नहीं है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। ऐसे में यदि सरकार कंपनियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों को इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ छूट दे तो यहां पर बाहर से इलेक्ट्रिक कारें मंगवाकर मांग बढ़ाई जा सकती है।
भारत में अभी टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक इकलौती इलेक्ट्रिक कार है जिसे देश में ही तैयार किया जा रहा है। वहीं एमजी जेडएस ईवी और हुंडई कोना इलेक्ट्रिक कों यहां पर असेंबल करके बेचा जा रहा है।
हुंडई की योजना एक मास मार्केट इलेक्ट्रिक कार उतारने की भी है। यह कोना इलेक्ट्रिक से काफी सस्ती होगी और इसे भारत में 2024 तक लॉन्च किया जा सकता है। हुंडई के अलावा महिंद्रा, टाटा और मारुति भी सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियां लाने पर काम कर रही हैं।
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हाल ही में टेस्ला मोटर्स ने भारत सरकार से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की है। अब हुंडई मोटर्स ने भी सरकार से यही मांग की है। वर्तमान में विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर इंजन साइज और उनकी कॉस्ट के हिसाब से 60 से 100 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। ऐसे में अगर इंपोर्ट ड्यूटी कम हो जाए तो भारत में उनकी कीमत कम रखने में मदद मिलेगी।
हुंडई मोटर्स इंडिया के एमटी और सीईओ एसएस किम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘हमने सुना है कि टेस्ला विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करवाना चाहती है। देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड को बढ़ाने के लिए कारों की कीमत कम रखना काफी जरूरी है।’
भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस समय इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बेनेफिट, छूट और कई तरह के इनसेंटिव दे रही है। हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी अभी भी बहुत ज्यादा है जिससे विदेश से इंपोर्ट करके बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की प्राइस यहां काफी ज्यादा हो जाती है।
हाल ही में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक यूजर के ट्विट का रिप्लाई करते हुए कहा कि हम भारत में एंट्री करना चाहते हैं लेकिन यहां पर दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार मॉडल 3 की प्राइस भारतीय करेंसी के मुताबिक 28 लाख रुपये से शुरू होती है और भारत में यह ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी के चलते करीब 60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
हुंडई मोटर्स का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों को देश में ही तैयार करना एक लंबी प्रकिया है और यहां अभी इलेक्ट्रिक स्पेस में डिमांड ज्यादा नहीं है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। ऐसे में यदि सरकार कंपनियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों को इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ छूट दे तो यहां पर बाहर से इलेक्ट्रिक कारें मंगवाकर मांग बढ़ाई जा सकती है।
भारत में अभी टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक इकलौती इलेक्ट्रिक कार है जिसे देश में ही तैयार किया जा रहा है। वहीं एमजी जेडएस ईवी और हुंडई कोना इलेक्ट्रिक कों यहां पर असेंबल करके बेचा जा रहा है।
हुंडई की योजना एक मास मार्केट इलेक्ट्रिक कार उतारने की भी है। यह कोना इलेक्ट्रिक से काफी सस्ती होगी और इसे भारत में 2024 तक लॉन्च किया जा सकता है। हुंडई के अलावा महिंद्रा, टाटा और मारुति भी सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियां लाने पर काम कर रही हैं।
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हुंडई मोटर्स इंडिया के एमटी और सीईओ एसएस किम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘हमने सुना है कि टेस्ला विदेश से इंपोर्ट होने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करवाना चाहती है। देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड को बढ़ाने के लिए कारों की कीमत कम रखना काफी जरूरी है।’
भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस समय इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बेनेफिट, छूट और कई तरह के इनसेंटिव दे रही है। हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी अभी भी बहुत ज्यादा है जिससे विदेश से इंपोर्ट करके बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की प्राइस यहां काफी ज्यादा हो जाती है।
हाल ही में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक यूजर के ट्विट का रिप्लाई करते हुए कहा कि हम भारत में एंट्री करना चाहते हैं लेकिन यहां पर दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार मॉडल 3 की प्राइस भारतीय करेंसी के मुताबिक 28 लाख रुपये से शुरू होती है और भारत में यह ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी के चलते करीब 60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
हुंडई मोटर्स का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों को देश में ही तैयार करना एक लंबी प्रकिया है और यहां अभी इलेक्ट्रिक स्पेस में डिमांड ज्यादा नहीं है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। ऐसे में यदि सरकार कंपनियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों को इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ छूट दे तो यहां पर बाहर से इलेक्ट्रिक कारें मंगवाकर मांग बढ़ाई जा सकती है।
भारत में अभी टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक इकलौती इलेक्ट्रिक कार है जिसे देश में ही तैयार किया जा रहा है। वहीं एमजी जेडएस ईवी और हुंडई कोना इलेक्ट्रिक कों यहां पर असेंबल करके बेचा जा रहा है।
हुंडई की योजना एक मास मार्केट इलेक्ट्रिक कार उतारने की भी है। यह कोना इलेक्ट्रिक से काफी सस्ती होगी और इसे भारत में 2024 तक लॉन्च किया जा सकता है। हुंडई के अलावा महिंद्रा, टाटा और मारुति भी सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियां लाने पर काम कर रही हैं।
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