कारों में एयरबैग अनिवार्य करने पर नरम पड़ी केंद्र सरकार
प्रकाशित: मार्च 18, 2016 02:54 pm । sumit
- 19 Views
- Write a कमेंट
सभी कारों में एयरबैग्स अनिवार्य रूप से देने के मामले में केंद्र सरकार का रुख थोड़ा नरम पड़ गया है। अब इस बात का गहन अध्य्यन किया जाएगा कि ऐसा करना कितना व्यवहारिक रहेगा।
केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री अनंत गीते ने लोकसभा में इस बारे में जानकारी दी। गीते ने कहा कि फिलहाल सरकार हर कार में एयरबैग दिए जाने को अनिवार्य रूप से दिए जाने का प्रस्ताव नहीं ला रही है। इसके साथ ही गीते ने यब जानकारी भी दी कि कारों में पैसेंजर और ड्राइवर की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कुछ नियमों में संशोधन हुए हैं। इनमें सामने से होने वाली टक्कर के दौरान ड्राइवर-पैसेंजर की सुरक्षा को प्रमुख तौर पर शामिल किया गया है। ईटी ऑटो की एक रिपोर्ट के मुताबिक नियमों में हुए ये बदलाव नई कारों पर एक अक्टूबर 2017 से और पुराने कारों पर एक अक्टूबर 2019 से लागू होंगे। गीते के मुताबिक कारों में पैसेंजरों की सुरक्षा से जुड़े मानकों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
इस मामले में ऑटो जगत से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर दुनिया के किसी भी देश में सरकारें कारों में कैसी भी ऑटोमोटिव टेक्नोलॉज़ी को अनिवार्य रूप से लागू नहीं कराती हैं। इस मामले को ऑटो कंपनियों पर ही छोड़ दिया जाता है कि वे अपनी तरफ से क्या कदम उठाते हैं। जहां तक सामने से होने वाली टक्कर से बचाव की बात है तो मौजूदा और पुरानी कारों में सिर्फ एयरबैग देना ही एकमात्र व्यवहारिक रास्ता बचता है।
इससे पहले सरकार की ओर से यह तर्क रखा गया था कि कारों में पैसेंजर सेफ्टी एक ऐसा मामला है जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता, कारों में एयरबैग दिए ही जाने चाहिये। सरकार के इस तर्क का असर ऑटो सेक्टर में देखने को मिला। अब कई कार कंपनियां अपनी कारों में बेस मॉडल से ही वैकल्पिक तौर पर एयरबैग दे रही हैं।
यह भी पढ़ेंः अब मारूति सुजु़की आॅल्टो 800 और के-10 में मिलेगा ड्राइवर साइड एयरबैग
0 out ऑफ 0 found this helpful