भारत में फ्लेक्स फ्यूल कार अप्रैल 2023 से मिलना होगी शुरू: सियाम
2025 तक सभी कारों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन देना अनिवार्य होगा।
मारुति सुजुकी ने हाल ही में वैगनआर फ्लेक्स-फ्यूल कार के प्रोटोटायप से पर्दा उठाया है। यह कार 20 से 85 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल पर चल सकती है। अब सियाम ने जानकारी दी है कि भारत में 2023 से फ्लेक्स फ्यूल कारें मिलना शुरू हो जाएंगी, जबकि 2025 तक सभी कारों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन अनिवार्य होगा।
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल की पुरानी डेडलाइन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि 2025 तक कारों में 20 प्रतिशत इथेनॉल सपोर्ट करने वाले इंजन देना अनिवार्य होगा। इससे पहले ये डेडलाइन 2023 की थी।
इथेनॉल क्या है और कैसे बनता है?
इथेनॉल शुगर से बनता है और ये पेट्रोल में मिलकर फ्यूल का ही काम करता है। यह काफी किफायती है और इसे फसलों से भारत में ही तैयार किया जा सकता है। एक निश्चित मात्रा में पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जाएगा। इस मामले में 20 इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल होगा।
ये कंपनियां इथेनॉल-ब्लेंडेड व्हीकल पर कर रही हैं काम
मारुति पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 2023 तक उसकी सभी कारें 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल पर चल सकेंगी। कंपनी ने हाल ही में पहली फ्लेक्स फयूल व्हीकल का प्रोटोटायप मॉडल शोकेस किया है। कंपनी इस टेक्नोलॉजी को वैगनआर के साथ टेस्ट कर रही है।
कुछ समय पहले टोयोटा ने भी फ्लेक्स फ्यूल पावर्ड कोरोला एल्टिस हाइब्रिड से पर्दा उठाया था। कंपनी अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका टेस्ट कर रही है।
व्हीकल्स में होंगे कुछ अपग्रेड
फ्लेक्स फ्यूल इंजन के लिए व्हीकल में कुछ मोडिफिकेशन करने होंगे। इससे कारों की प्राइस थोड़ी बढ़ सकती है। हालांकि लंबे समय के बाद क्रूड ऑयल का इंपोर्ट घट जाएगा जिससे फाइनेंशियल बेनेफिट मिलेंगे।
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Will existing petrol/diesel cars can be used with Ethenol oil