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भारत एनकैप को सरकार से मिली मंजूरी, 2023 के अंत तक देश में ही शुरू होगा कारों का क्रैश टेस्ट

प्रकाशित: जून 24, 2022 07:17 pm । स्तुति

  • सरकार ने भारत एनकैप के क्रैश टेस्ट रेटिंग को लेकर तैयार किए गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है।
  • टेस्टिंग प्रोटोकॉल ग्लोबल क्रैश टेस्ट के नियमों के अनुरूप होंगे।
  • अच्छी सेफ्टी रेटिंग के लिए छह एयरबैग, ईएससी, सभी पैसेंजर के लिए 3-पॉइंट सीट बेल्ट और एडवांस इमरजेंसी ब्रेकिंग जैसे फीचर्स का कारों में होना अनिवार्य हो सकता है।
  • भारत एनकैप 2023 के अंत तक टेस्टिंग शुरू कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुरक्षित कारों को बढ़ावा देने के लिए भारत एनकैप (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) के क्रैश टेस्ट रेटिंग को लेकर तैयार किए गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ अब भारत में कारों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा और उन्हें सेफ्टी रेटिंग भी मिल सकेगी।

I have now approved the Draft GSR Notification to introduce Bharat NCAP (New Car Assessment Program), wherein automobiles in India shall be accorded Star Ratings based upon their performance in Crash Tests. @PMOIndia

— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) June 24, 2022

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री का कहना है कि "भारत एनकैप के टेस्टिंग प्रोटोकॉल को मौजूदा भारतीय नियमों में फैक्टरिंग ग्लोबल क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा जिससे ओईएम अपने व्हीकल्स को भारत की इन-हाउस टेस्टिंग फैसिलिटी में टेस्ट कर सकेंगे।"

इससे पहले सरकार द्वारा जारी किए गए एक डॉक्युमेंट के अनुसार, यह रेटिंग 12-बिंदुओं पर आधारित होगी जिसमें छह एयरबैग, ईएससी, सभी पैसेंजर के लिए 3-पॉइंट सीट बेल्ट और एडवांस इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम जैसे फीचर्स का कारों में होना अनिवार्य हो सकता है। यदि किसी टेस्ट की जाने वाली गाड़ी में यह फीचर्स स्टैंडर्ड मिलते हैं तो वह कार क्रैश टेस्ट में बेहतर रेटिंग प्राप्त कर सकेगी।

वर्तमान में ग्लोबल एनकैप द्वारा भारत में बिकने वाली सभी कारों का क्रैश टेस्ट जर्मनी के एडीएसी टेक्निकल सेंटर में किया जाता है। इससे ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट भी ज्यादा लगती है जो भारत में टेस्ट किए जाने पर काफी कम हो जाएगी। हालांकि, क्रैश टेस्ट के लिए इंफ्राट्रक्चर को तैयार किया जाना भी बेहद महत्वपूर्ण है और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस पर काम करना शुरू करेगी।

यह कदम ना केवल क्रैश टेस्ट रेटिंग के लिए कारों को एक्सेसिबल बनाएगा बल्कि भारत से कारों के निर्यात को भी बढ़ाएगा क्योंकि यह देश दुनिया के प्रमुख ऑटोमोबाइल एक्सपोर्टर में से एक है।

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