इलेक्ट्रिक कारों के लिए एआरएआई बनाएगा अलग यूनिट
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने इलेक्ट्रिक कारों की जांच और मूल्यांकन लिए एक नया केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। एआरएआई डायरेक्टर रश्मि उर्द्धवारसी ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) द्वारा आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। एआरएआई भारत में बिकने वाले सभी वाहनों को टेस्ट कर उन्हे सर्टिफाइड करता है।
एआरएआई के पुणे कैंपस में ही इस इलेक्ट्रिक कार टेस्ट यूनिट को स्थापित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने एआरएआई को 80 करोड़ रूपए आवंटित किए हैं। यह सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के प्रोत्साहन के लिए चलाई गई फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्यूफेक्चरिंग (फेम) स्कीम का ही एक हिस्सा है। ऑटोकार प्रोफेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार एसोसिएशन ने जीरो उत्सर्जन वाली कारों की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
इस टेस्टिंग यूनिट में ऐसे वाहन बनाने वाली कंपनियों को जल्द ही सहमति मिल जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर शासन-प्रशासन भी काफी तेज़ी से काम कर रहा है। सरकार की योजना है कि सरकारी काम में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के बेड़े में इलेक्ट्रिक कारों या वाहनों को शामिल किया जाए।
भारतीय कार बाज़ार की बात करें तो यहां इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की हिस्सेदारी ना के बराबर है। हालांकि महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जरूर अपनी इलेक्ट्रिक कारों की रेंज को बढ़ाने में जुटी हुई है। इसके अलावा टेस्ला के भी भारत आने की चर्चाएं चल रही हैं। इन तथ्यों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिहाज से यह टेस्टिंग यूनिट भविष्य में काफी कारगर साबित होगी।