जानिए मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे से जुड़ी सात महत्वपूर्ण बातें
प्रकाशित: फरवरी 01, 2023 01:43 pm । स्तुति
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दिल्ली-मुंबई को जोड़ने वाले इस नए एक्सप्रेसवे से लोगों को 12 घंटे कम लगेंगे।
केंद्र सरकार 12 फरवरी को मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन करने जा रही है, और फरवरी के आखिर तक इस पर यातायात शुरू हो जाएगा। इस नए एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से दिल्ली से जयपुर के बीच की यात्रा का समय 2 घंटे कम हो जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे के ऑपरेशनल होने से दिल्ली से मुंबई की यात्रा का समय कम हो जाएगा जो वर्तमान में लगभग 24 घंटे है। यह देश के सबसे लंबे और सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे में से एक होगा, जो दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) फ्लाईवे से शुरू होकर महाराष्ट्र के पालघर जिले तक जाएगा। यहां हमनें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ी सात महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है जो आपके लिए जाननी बेहद जरूरी है।
हाई टॉप स्पीड
भारत के ज्यादातर एक्सप्रेसवे पर 100 किमी प्रति घंटे स्पीड लिमिट तय की गई है, लेकिन इस नए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अब ड्राइवर को 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से गाड़ी ड्राइव करने की अनुमति मिलेगी। हाइवे पर अतिरिक्त 20 किमी प्रति घंटे की स्पीड कवर करना इतना मुश्किल नहीं है, मगर ऐसी स्पीड मेंटेन करके लंबी जर्नी में ट्रेवल टाइम को कम जरूर किया जा सकता है।
8 लेन लेआउट, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है
इस एक्सप्रेसवे में दोनों साइड पर चार लेन दी जाएगी जिसे जरूरत पड़ने पर हर साइड छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इस रुट में एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट्स के लिए दो लेन रहेंगी।
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यात्रा का समय हो जाएगा आधा
वर्तमान में मुंबई से दिल्ली के बीच की 1,500 किलोमीटर की दूरी तय करने में 24 घंटे से भी ज्यादा का समय लगता है। यह नया एक्सप्रेसवे तैयार हो जाने से 1,500 किलोमीटर की दूरी घटकर 1,350 किलोमीटर हो जाएगी, जिससे मुंबई से दिल्ली पहुंचने में केवल 12 घंटे ही लगेंगे। वर्तमान में मुंबई से दिल्ली के मौजूदा रुट में कई सारे रोडवे और अलग-अलग आबादी वाले क्षेत्र आते हैं। लेकिन, अब इस नए एक्सप्रेसवे से नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, दो लेन वाली सड़कें और घाट वाले क्षेत्र गुजरेंगे। इस नए एक्सप्रेसवे पर लोग हाई स्पीड (लिमिट में) गाड़ी चला सकेंगे जिससे आपकी यात्रा का समय कम हो जाएगा।
कई प्रमुख शहरों को कनेक्ट करेगा
यह नया एक्सप्रेसवे मुंबई और दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, रणथम्बोर, मेवात, रतलाम, कोटा, वडोदरा, सूरत जैसे कई शहरों को कनेक्ट करेगा। इससे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्य पास होंगे। इस नए एक्सप्रेसवे से बिज़नेस को भी बढ़ावा मिलेगा और इन सभी शहरों तक पहुंचना लोगों के लिए आसान हो जाएगा।
कोई एंट्री टोल नहीं, केवल एग्ज़िट टोल
भारत की अधिकांश टोल रोड के मुकाबले इस एक्सप्रेसवे के एंट्री पॉइंट पर कोई टोल नहीं होगा। इस एक्सप्रेसवे पर तय की गई दूरी के हिसाब से टोल लिया जाएगा और हर निकास पर टोल बूथ लगाए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर यदि आप इस एक्सप्रेसवे से सूरत जाते हैं तो आपका टोल एग्जिट बूथ पर कलेक्ट किया जाएगा ना कि जब आप एक्सप्रेसवे पर एंटर करेंगे। इससे टोल एंट्रीवे पर अक्सर देखा जाने वाला ट्रैफिक जाम भी कम हो जाएगा।
टोल रेट्स की सही जानकारी एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद ही मिलेगी। अनुमान है कि इस एक्सप्रेसवे पर टोल राशि 65 पैसा प्रति किलोमीटर रखी जा सकती है, यानि कि दिल्ली से मुंबई पहुंचने में आपके 900 रुपए से भी कम लगेंगे। वहीं, आगरा - लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 2.45 रुपये प्रति किलोमीटर टोल चार्ज है।
प्रमुख फॉरेस्ट रिज़र्व के लिए ग्रीन ओवरपास
सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इस एक्सप्रेसवे से वन्यजीव परेशान ना हों। ऐसे इलाकों से गुजरने पर हर साढ़े तीन किलोमीटर के अंतराल पर एक ग्रीन ओवरपास होगा। जहां से वन्यजीव सुरक्षित तरीके से एक्सप्रेसवे पार कर सकेंगे, लोगों को यह स्ट्रक्चर एक्सप्रेसवे पर स्मॉल टनल की तरह दिखाई देगा।
इस नए एक्सप्रेसवे से रणथंभौर नेशनल पार्क, बूंदी रामगढ़ टाइगर रिजर्व और कोटा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व जैसे कई महत्वपूर्ण इकोलॉजिकल ज़ोन्स भी गुज़रेंगे। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्रीन ओवरपास बूंदी और सवाई माधोपुर के बीच तैयार किया जाएगा।
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मेडिकल व फूड स्टॉप की सुविधा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के हर 100 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि दुर्घटना की स्थिति में लोगों को अच्छा मेडिकल ट्रीटमेंट मिल सके। इसके अलावा हर 50 किलोमीटर पर दोनों साइड पर रेस्ट सेंटर्स और फूड सेंटर्स भी होंगे। इस एक्सप्रेसवे पर रेस्ट सेंटर्स की आधिकारिक संख्या 93 बताई गई है।
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