मारुति डिजायर 5000 किलोमीटर रिव्यू: वर्क ट्रिप्स,मिडनाइट ड्राइव और घाट से होते हुए गुजरने का एक्सपीरियंस!
Published On मई 08, 2025 By tirth for मारुति डिजायर
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जब डिजायर इंडियन कार ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीतने से महज दो पॉइन्ट्स से रह गई थी जिसे देखकर मैं काफी दंग रह गया था। मैं इस कार के डायनैमिक्स,यूजेबिलिटी और इसकी रोजाना की ड्राइविंग से काफी प्रभावित हुआ था। माना कि थार रॉक्स भी एक बुरा ऑप्शन नहीं है और ये अपने ब्रांड के हिसाब से काफी अच्छी कार है।
इस बार मैंने डिजायर को कुछ किलोमीटर ड्राइव किया है जिसका एक्सपीरियंस मैं आपसे आगे शेयर करूंगा।
डिजायर में आपको वो सब मिलेगा जो आपको एक रोजाना के इस्तेमाल में ली जाने वाली कार में मिलता है। इनमें एफिशिएंसी,कंफर्ट के साथ साथ कुछ ऐसे फैक्टर्स शामिल है जो कि इसकी कीमत को देखते हुए आपको दूसरी सब 4 मीटर सेडान कारों में नहीं मिलेगी।
इस 5000 किलोमीटर की ड्राइव में 2000 से 2500 किलोमीटर तो मैंने इसके जेडएक्सआई मैनुअल वेरिएंट को ड्राइव किया जिसकी रिपोर्ट आप देखिए आगे:
काफी कंफर्टेबल कार है ये
डिजायर ड्राइव करने में काफी स्मूद कार लगती है। शुरूआती दौर में मैंने इसे पुणे से मुंंबई के बीच ड्राइव किया था। स्मूद एक्सप्रेसवे पर इसे ड्राइव करते वक्त ये महसूस हुआ कि ये लंबी ट्रिप्स के हिसाब से कितनी अच्छी सेडान है।
यदि आप इसे अकेले ड्राइव कर रहे हैं तो इसमें दिया गया 1.2 लीटर इंजन आपको पावर की कमी बिल्कुल महसूस नहीं होने देगा। मगर जब इसमें 5 लोग बैठे हो तब आपको परफॉर्मेंस थोड़ी कमजोर नजर आ सकती है। इसमें दिया गया 5 स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स काफी स्मूद तरीके से शिफ्ट होता है जिससे पूरा ड्राइविंग एक्सपीरियंस काफी बढ़िया हो जाता है।
हाईवे पर इसमें दिया गया 1.2 लीटर जेड सीरीज इंजन काफी आराम से पावर डिलीवर करता है और यही चीज मुझे हाईवे ड्राइविंग पर चाहिए होती है। लॉन्ग ड्राइव के दौरान इसने मुझे 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया। जो काफी अच्छा है।
मिडनाइट एडवेंचर: खंडाला घाट और डिजायर की छिपी हुई प्रतिभा
मैंनें इसे केवल हाईवे पर ही ड्राइव नहीं किया था। इसका असली परिक्षण तो रात के दौरान हुआ।
आधी रात को मुंबई-पुणे हाईवे पर कुछ अलग ही होता है; सड़क पर ट्रैफिक होता है , हवा ठंडी होती है, और ये लंबे रास्ते बस कुछ हरकतें करने के लिए आमंत्रित करते हैं। ऐसी ही एक रात, मैं लोनावला घाट के पास ट्रैफिक में फंस गया । एक्सप्रेसवे जाम था, और कोई भी आगे नहीं बढ़ रहा था। इसलिए, मैंने पुराने खंडाला घाट का इस्तेमाल करना चुना, जो एक संकरी, घुमावदार सड़क है, जिसमें हेयरपिन टर्न और तीखे उतार-चढ़ाव हैं।
अब ऐसे मौके पर आप डिजायर से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करेंगे मगर इसबार ऐसा नहीं हुआ। भले ही इसका 3 सिलेंडर इंजन उतना दमदार ना हो मगर इस कार की हैंडलिंग काफी अच्छी है। हल्का स्टीयरिंग,मैनुअल बॉक्स और अच्छा रिस्पॉन्स देने वाले इंजन से आपको घाट सेक्शन में ड्राइव करने में सुकुन मिलता है। मैंने डिजायर को कॉर्नर्स पर भी ड्राइव किया था और मुझे इससे कोई शिकायत नहीं रही। ये मेरी उम्मीद से भी ज्यादा फुर्तिली निकली और इसे चलाने में काफी मजा भी आया। ज्यादा थ्रॉटल देने के बाद भी इसका इंजन काफी स्मूद लगा और लगाता गियर बदलने से भी कोई परेशानी नहीं आई।
सिटी ड्राइविंग
मुझे हाईवे और घाट पर डिजायर ड्राइव करने में बहुत पसंद आई, लेकिन शहर में ड्राइव करने का अनुभव ही वह था जहां मैंने वास्तव में इसकी विशेषताओं की सराहना की। मुंबई की भीड़-भाड़ वाली सड़कें बड़ी सेडान कारों के हिसाब से काफी चुनौतीपूर्ण जगह है। लेकिन डिजायर का साइज छोटा होने का मतलब था कि यह संकरी गलियों, जाम वाले ट्रैफ़िक और कम स्पेस वाली पार्किंग से आसानी से निकल सकती थी। इसका हल्का स्टीयरिंग का मतलब था कि भीड़भाड़ वाले ट्रैफ़िक में ड्राइविंग करना उतना तनावपूर्ण नहीं था। चाहे इसे शाम को ड्राइव के लिए ले जाना हो या शहर के भीतर काम के बाद ड्राइव करना हो, डिजायर में आपको इस मोर्चे पर कंफर्ट मिलता रहेगा।
शहर में डिज़ायर चलाने के बारे में मुझे जो सबसे ज़्यादा पसंद आया, वह यह था कि कैसे यह रोज़मर्रा की ड्राइविंग के हिसाब से एक मजेदार कार है। इसके साथ मैं मुश्किल परिस्थितियों से बिना पसीना बहाए निकल सकता था।
वर्क ट्रिप्स: कंफर्ट और भरोसा
काम से जुड़ी कई यात्राओं के लिए मुझे पुणे-मुंबई जाना पड़ा और यहां तक कि सुंदर खड़कवासला डैम भी जाना पड़ा, और ऐसी यात्राओं में डिज़ायर को अपने साथ पाकर मैं बहुत खुश था। ऐसी यात्राएं ज़्यादातर सुबह जल्दी शुरू होती थीं, लंबे समय तक गाड़ी चलानी पड़ती थी और बहुत ज़्यादा थकान भी होती थी। लेकिन डिजायर ने इन सभी को सहन करना आसान बना दिया। इसकी सीटें उतनी कंफर्टेबल नहीं है, लेकिन इनसे अच्छी तरह से सपोर्ट मिलता है और इसका इंटीरियर इतना शांत था कि ड्राइविंग के दौरान बातचीत करना या पॉडकास्ट सुनना संभव था। हालांकि, इसका इंटीरियर व्हाइट है इसलिए इनके जल्द गंदा होने की संभावना बनी रहती है।
मेरे काम के दौरान की गई यात्राओं में सबसे अच्छी चीज ये रही कि इसने मुझे काफी अच्छा माइलेज दिया। इसमें अगर कुछ लोग और भी बैठे हो तब भी इसने आसानी से 18 किलोमीटर प्रति लीटर से ज़्यादा का माइलेज दिया।
हाईवे पर गाड़ी चलाना कम थका देने वाला और ज़्यादा आरामदायक था। सड़क पर इतने घंटे बिताने के बावजूद, मुझे कभी भी बहुत ज़्यादा थकान महसूस नहीं हुई, क्योंकि कार के कंफर्टेबल एर्गोनॉमिक्स और अच्छी तरह से ट्यून किए गए सस्पेंशन ने सड़क से आने वाले झटकों को आसानी से झेल लिया।
आखिरी ड्राइव
अब तक मैं डिजायर को 5000 किलोमीटर तक ड्राइव कर चुका था और मुझे अब ये ज्यादा पंसद आने लगी।
इसका 1.2 लीटर इंजन काफी स्मूद हे और इसका माइलेज तो लगातार मुझे काफी इंप्रेस कर रहा था।
डिजायर देर रात की ड्राइव, लंबे वर्क ट्रिप्स और शहर के छोटे-छोटे में मेरा साथ दे रही थी। इसकी परफॉर्मेंस तो उतनी दमदार नहीं है , लेकिन अब यह मेरे रोजाना की ड्राइविंग का एक हिस्सा बन गई थी, जो कंफर्ट, प्रैक्टिकल और ड्राइविंग का बिल्कुल सही संयोजन दे रही थी।
भले ही मार्केट में नई नई फीचर लोडेड कारें लॉन्च हो रही हो मगर डिजायर जैसी कार की सिंप्लिसिटी आपको एक अलग खुशी देती है। ये कोई भारी भरकम सेडान नहीं है मगर आपको इससे जरूररत के हिसाब की परफॉर्मेंस मिल जाएगी। आपको काम पर जाना हो या रात में अपने दोस्तों के साथ कही घूमने फिरने जाना हो,डिजायर एक भरोसेमंद,माइलेज फ्रेंडली और एक शानदार ड्राइवेबिलिटी वाली कार है। इसलिए ही ये साबित होता है कि आखिर क्यों ये कार इंडियन कार ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीतने से महज 2 अंक से पीछे रह गई ?
खूबियां: फ्यूल एफिशिएंट,कंफर्टेबल और फन टू ड्राइव कार है जो सिटी और हाईवे दोनों के हिसाब से काफी अच्छी है।
कमियां: पावर,केबिन इंसुलेश और व्हाइट इंटीरियर जैसी चीजों में किया जा सकता था सुधार।
- ड्राइव के लिए किस दिन मिली: 16 दिसंबर 2024
- टेस्ट से पहले कितने किलोमीटर की जा चुकी थी ड्राइव: 723 किलोमीटर
- अब तक कितने किलोमीटर की जा चुकी है ड्राइव: 5,671 किलोमीटर
- सिटी में औसत फ्यूल एफिशिएंसी: 15-17 किलोमीटर प्रति लीटर
- हाईवे पर औसत फ्यूल एफिशिएंसी: 20-22 किलोमीटर प्रति लीटर