किआ केरेंस प्रीमियम Vs रेनो ट्राइबर आरएक्सजेड : वेरिएंट कंपेरिजन रिव्यू
Published On अप्रैल 28, 2022 By nabeel for किया केरेंस
- 1 View
- Write a comment
यदि आप अपनी फैमिली के लिए एक स्पेशियस एमपीवी कार लेने की प्लानिंग कर रहे हैं और इनोवा क्रिस्टा आपके बजट से बाहर जा रही है तो यहां किआ केरेंस एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। ये काफी स्पेशियस और बड़े साइज वाली कार है जिसमें एक से बढ़कर एक फीचर्स और प्रैक्टिकेलिटी का मिश्रण देखने को मिलता है। मगर केरेंस में एक खूबी और भी है जो है इसके बेस वेरिएंट की प्राइस। किआ केरेंस प्रीमियम बेस वेरिएंट की कीमत 8.99 लाख रुपये है जो इस प्राइस पॉइन्ट पर रेनो ट्राइबर के टॉप वेरिएंट आरएक्सजेड एएमटी ड्युअल टोन के लगभग बराबर पड़ती है। रेनो ट्राइबर आरएक्सजेड एएमटी ड्युअल टोन वेरिएंट की प्राइस 8.32 लाख रुपये है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या किआ कारेंस का साइज एडवांटेज रियल वर्ल्ड में उसे ट्राइबर एमपीवी से बनाती है ज्यादा बेहतर या फिर ट्राइबर का फीचर एडवांटेज उसे बनाता है एक छोटी फैमिली के लिए परफैक्ट एमपीवी? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस कंपेरिजन रिव्यू में:
लुक्स
दोनों कारों के लुक्स पर बात करने से पहले आपको बता दें कि दोनों एमपीवी कारों के साइज में एक बहुत बड़ा अंतर है। ट्राइबर को एक हैचबैक से बनी एमपीवी कहा जा सकता है तो वहीं कारेंस क्रेटा और अल्कजार से एक बड़ी कार है। ये पूरा अंतर आपको दोनों कारों के बराबर खड़े रखने के बाद पता चलेगा।
लंबाई |
चौड़ाई |
ऊंचाई |
व्हीलबेस |
|
ट्राइबर |
3990 मिलीमीटर |
1739 मिलीमीटर |
1643 मिलीमीटर |
2636 मिलीमीटर |
कारेंस |
4540 मिलीमीटर |
1800 मिलीमीटर |
1708 मिलीमीटर |
2780 मिलीमीटर |
किआ केरेंस के बेस वेरिएंट में आपको एलईडी डेटाइम रनिंग लैंप्स, एलईडी हेडलैंप्स, फॉगलैंप्स और रूफ रेल्स जैसे एलिमेंट्स नहीं मिलेंगे। इसमें केवल ब्लैक ग्रिल दी गई है और सिल्वर व्हील कैप्स के साथ बेसिक सी 15 इंच स्टील यूनिट्स दी गई है। ऐसे में केरेंस के दूसरे वेरिएंट्स के मुकाबले इस बेस वेरिएंट की अपील ज्यादा आकर्षक नहीं लगती है।
ट्राइबर के साइज को छोड़ दें तो ये काफी गुड लुकिंग एमपीवी है। एलईडी डेटाइम रनिंग लैंप्स और रूफ रेल्स के चलते ये काफी दमदार दिखाई पड़ती है और ये एक प्रीमियम फैमिली कार भी है। दूसरी तरफ कारेंस का बेस वेरिएंट एक कमर्शियल व्हीकल लगता है। इसमें क्रोम ट्रिम्स की कमी महसूस होती है, वहीं व्हील्स का लुक भी काफी बेसिक है।
बूट स्पेस
बूट स्पेस |
ट्राइबर |
कारेंस |
किसी भी रो की सीटें फोल्ड नहीं होने पर |
84 लीटर |
216 लीटर |
थर्ड रो सीट को फोल्ड करने के बाद |
625 लीटर (सीट हटाने के बाद) |
645 लीटर |
कारेंस में काफी स्पेशियस और प्रेक्टिकल बूट दिया गया है। थर्ड रो सीट के फोल्ड नहीं होने पर भी इसमें आराम से आप एक ओवरनाइट सूटकेस और जिम बैग रख सकते हैं। प्रैक्टिकल तौर पर ट्राइबर में इतना स्पेस नहीं मिलता है।
थर्ड रो की सीट फोल्ड करने के बाद कारेंस मेंं एक बड़ा, मीडियम और छोटा सूटकेस और दो सॉफ्ट बैग रखे जा सकते हैं। मगर ट्राइबर में केवल सूटकेस ही रखे जा सकते हैं। हालांकि ट्राइबर की रियर सीट्स रिमूवेबल हैं ऐसे में आप इसमें तब सॉफ्ट बैग्स भी रख सकते हैं।
थर्ड रो
ट्राइबर की थर्ड रो में एंट्री करना या उससे बाहर निकलना काफी आसान है। एक लिवर खींचते ही इसकी सेकंड रो सीट्स टंबल और फोल्ड हो जाती हैं जिससे अंदर जाने के लिए अच्छा खासा स्पेस मिलता है।
सेकंड रो की सीटें ज्यादा पीछे होने के कारण इस कार में नीरूम स्पेस की काफी कमी महसूस होती है। मगर बीच वाली सीट पर सेकंड और थर्ड रो के पैसेंजर के लिए इसकी कोई कमी नहीं रहती है। केबिन की चौड़ाई भी इतनी अच्छी है कि थर्ड रो पर दो पैसेंजर्स अगल बगल में आराम से बैठ सकते हैं।
इसका सीटबैक उतना कंफर्टेबल नहीं है। ये काफी नीचे की ओर है और सीट पर बैठने के बाद आपके घुटने ऊंचे हो जाते हैं जिससे अच्छा अंडरथाई सपोर्ट भी नहीं मिलता है। इसका बेकरेस्ट एंगल फिक्सड है और कुशनिंग काफी सॉफ्ट है। हालांकि बेकरेस्ट एंगल के रियर विंडशील्ड के करीब होने के कारण गर्मियों में थर्ड रो के पैसेंजर को परेशानी हो सकती है। इससे पैसेंजर को छोटे ट्रिप्स में भी परेशानी हो सकती है।
फीचर्स के तौर पर ट्राइबर की थर्ड रो में रूफ माउंटेड एसी वेंट्स, छोटा स्टोरेज पॉकेट और 12 वोल्ट का सॉकेट दिया गया है। यहां कप होल्डर्स, मोबाइल फोन होल्डर नहीं दिए गए हैं।
किआ केरेंस की थर्ड रो में एंट्री लेना काफी आसान है। एक बटन दबाते ही इसकी सीटें नीचे गिर जाती है। हालांकि ये फीचर्स पैसेंजर साइड ही दिया गया है। इसमें ड्राइवर साइड की सीट भी गिराई जा सकती है मगर इसके लिए लिवर का फीचर दिया गया है।
ट्राइबर की तरह इसमें भी सेकंड रो की सीटें पीछे होने के कारण नीरूम स्पेस की कमी रहती है। हालांकि इन्हें मिडिल में स्लाइड करने पर दोनों तरफ के पैसेंजर कंफर्टेबल होकर बैठ सकते हैं। मगर यहां भी आपको ट्राइबर के बराबर ही नीरूम स्पेस मिलेगा।
स्पेस को छोड़ दें तो यहां का सीटिंग एक्सपीरियंस आपको केरेंस से बेहतर मिलेगा। यहां सीट की पोजिशनिंग ऊंची है और आपको बेहतर अंडरथाई सपोर्ट मिलेगा। इसका बैकरेस्ट भी रिक्लाइनेबल है जिससे कंफर्टेबल ड्राइविंग पोजिशन में आना आसान हो जाता है। रूफ ऊंची होने के कारण इसमें हेडरूम स्पेस भी अच्छा मिलता है और बड़े क्वार्टर ग्लास से केबिन में रोशनी भी अच्छे से आती है।
यहां फीचर्स की भी कोई कमी नहीं है। यहां रूफ माउंटेड एसी वेंट्स, 2 कपहोल्डर्स, टाइप सी चार्जर, फोन होल्डर्स और स्टोरेज पॉकेट्स दिए गए हैं।
कुल मिलाकर ट्राइबर की थर्ड रो आम एमपीवी की थर्ड रो जैसी ही लगती है जबकि किआ केरेंस की थर्ड रो किसी हैचबैक कार की सेकंड रो वाला फील देती है यानी ये काफी ज्यादा कंफर्टेबल है।
सेकंड रो
सीट नीचे होने के कारण और बेंच फ्लैट होने से ट्राइबर एक स्पेशियस हैचबैक ज्यादा लगती है। इसमें 6 फुट तक के व्यक्ति के लिए काफी अच्छा नीरूम और लेगरूम मिलता है। हालांकि इसकी सीटें उतनी कंफर्टेबल और सपोर्टिव नहीं है जितनी कारेंस की है। बैक रेस्ट फ्लैट होने से अच्छा अंडरथाई सपोर्ट भी नहीं मिलता है और सीटें सपोर्टिव नहीं लगती है।
फ्लैट बेंच और अच्छी चौड़ाई होने के चलते रोड ट्रिप्स के दौरान मिडिल रो पर तीन पैसेंजर आराम से बैठ सकते हैं।
किआ केरेंस की सेकंड रो हर तरह से यहां काफी बेहतर नजर आती है। चूंकि ट्राइबर के मुकाबले केरेंस काफी ऊंची कार है, ऐसे में इसमें सीटिंग पोजिशन भी ऊंची मिलती है। इसकी सीटों की कुशनिंग भी बेहतर है और इनसे सपोर्ट भी अच्छा मिलता है। साथ ही इसमें बेहतर अंडरथाई सपोर्ट भी मिलता है और केबिन काफी बड़ा और स्पेशियस नजर आता है।
केरेंस के बेस वेरिएंट में सेकंड रो पर बेंच सीट दी गई है और यहां कैप्टन सीट्स का ऑप्शन नहीं दिया गया है। हालांकि मिडिल पोर्शन में आर्मरेस्ट दिया गया है जिससे इसमें भी आपको कैप्टन सीट्स जैसा एक्सपीरियंस मिल जाता है।
यहां काफी बेहतर फीचर्स भी दिए गए हैं जिनमें रूफ माउंटेड एसी वेंट्स और ब्लोअर कंट्रोल, कपहोल्डर्स के साथ आर्मरेस्ट, फोन होल्डर के साथ बड़े डोर पॉकेट्स और लेदर अपहोल्स्ट्री शामिल है।
टाइबर के मुकाबले कारेंस का ओवरऑल एक्सपीरियंस यहां बेहतर है क्योंकि यहां स्पेस भी अच्छा दिया गया है और बेहतर सीट्स के साथ अच्छे फीचर्स भी दिए गए हैं।
केबिन फील, फीचर्स और प्रेक्टिकैलिटी
ट्राइबर के डैशबोर्ड का लेआउट एकदम सिंपल है। ब्राइट मैटेरियल्स और बड़े टचस्क्रीन के कारण ये काफी मॉडर्न नजर आता है। हालांकि प्लास्टिक क्वालिटी काफी हार्ड है, मगर इस प्राइस पॉइन्ट पर आने वाली कारों से आप इसी क्वालिटी की उम्मीद कर सकते हैं।
ट्राइबर की एक बात और अच्छी है और वो इसकी केबिन प्रेक्टिकैलिटी है। इसमें दो बड़े ओपन स्टोरेज स्पेस, दो ग्लव बॉक्स, दो कपहोल्डर्स, डोर में बॉटल होल्डर्स और कूल्ड सेंट्रल स्टोरेज दिया गया है जिसमें 1 लीटर की बॉटल आराम से रखी जा सकती है।
ड्राइवर सीट पर बैठने के बाद केरेंस ज्यादा बड़ी और ज्यादा स्पेशियस कार लगती है, मगर इसका डैशबोर्ड काफी निराश करता है। इसके बेस वेरिएंट में आपको ना तो टचस्क्रीन और ना ही कोई म्यूजिक सिस्टम मिलेगा। वहीं डैशबोर्ड पर ब्लू प्लास्टिक काफी सस्ता और कमर्शियल सा नजर आता है। ऐसे में ये इस मोर्चे पर पर्सनल कार जैसी बिल्कुल नहीं लगती है।
हालांकि जब बात केबिन प्रेक्टिकैलिटी की आती है तो ये काफी अच्छी लगती है। इसमें बड़े डोर पॉकेट्स दिए गए हैं जिनमें 3 वॉटर बॉटल रखी जा सकती है। इसके अलावा इसमें बड़ा सेंट्रल स्टोरेज, ज्यादा अंडर स्टोरेज के साथ आर्मरेस्ट, कप होल्डर्स, चाबी रखने का स्लॉट और ग्लवबॉक्स दिए गए हैं। हालांकि इसके बेस वेरिएंट प्रीमियम में पॉप-आउट टिकट होल्डर, कप होल्डर, कूल्ड कप होल्डर और सीट के नीचे स्टोरज ट्रे जैसे फंक्शन नहीं दिए गए हैं।
फीचर्स की बात करें तो ट्राइबर और केरेंस में हाइट-एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, पावर विंडो, डिजिटल एमआईडी, और टिल्ट-एडजस्टेबल स्टीयरिंग जैसे कॉमन फीचर्स दिए गए हैं।
कारेंस के बेस वेरिएंट में बड़े साइज के डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और लेदर सीट अपहोल्स्ट्री का एडवांटेज मिलता है। वहीं ट्राइबर में एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले कनेक्टिविटी से लैस 8 इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, छह स्पीकर, की लेस एंट्री, पुश-बटन स्टार्ट, रियर वाइपर, वॉशर और डिफॉगर, कूल्ड ग्लोव बॉक्स, ऑटो अप / डाउन ड्राइवर विंडो, रियर पार्किंग कैमरा और स्टीयरिंग-माउंटेड ऑडियो और फोन कंट्रोल का फीचर एडवांटेज मिलता है।
ट्राइबर इस मोर्चे पर एक बेहतर पर्सनल कार नजर आती है जबकि कारेंस में कम फीचर्स के बदले एक बड़ी कार होने का एक्सपीरियंस मिलता है।
कंफर्ट
दोनों एमपीवी कारों में कंफर्ट की कोई कमी नहीं है। खासतौर पर ये रेगुलर स्पीड ब्रेकर्स और खराब सड़कों पर से आराम से गुजर जाती है। फुल पैसेंजर लोड के साथ तो ये और भी बेहतर कंफर्ट देती है।
हालांकि उबड़ खाबड़ रास्तों और बड़े गड्ढों पर ट्राइबर के सस्पेंशन थोड़े हार्श लगते हैं, मगर कारेंस के सस्पेंशन इन्हें आराम से एब्जॉर्ब कर लेते हैं। ऊंची बॉडी होने के कारण कारेंस की मिडिल रो में पैसेंजर साइड टू साइड मूवमेंट को भी फील कर सकते हैं।
ड्राइव एक्सपीरियंस
|
ट्राइबर आरएक्सजेड एएमटी |
केरेंस प्रीमियम |
इंजन |
999सीसी 3-सिलेंडर |
1497सीसी 4-सिलेंडर |
पावर |
72पीएस |
115पीएस |
टॉर्क |
96एनएम |
144एनएम |
ट्रांसमिशन |
6-स्पीड एएमटी |
6-स्पीड मैनुअल |
कारेंस में काफी पावरफुल पेट्रोल इंजन दिया गया है जो ट्राइबर के 1 लीटर 3 सिलेंडर इंजन से ज्यादा रिफाइंड नजर आता है। एक फैमिली एमपीवी के हिसाब से दोनों कारों के इंजन काफी अच्छा परफॉर्म करते हैं, मगर यहां केरेंस का इंजन ज्यादा आरामदायक ड्राइविंग का एक्सपीरियंस देता है।
मगर केरेंस के साइज को देखते हुए ट्राइबर का ऑटोमैटिक वेरिएंट सिटी के हिसाब से ज्यादा बेहतर है। ऐसे में यदि आप सिटी के हिसाब से अच्छा ड्राइव एक्सपीरियंस देने वाली कार खरीद रहे हैं तो हम आपको ट्राइबर का ऑटोमैटिक वेरिएंट लेने की सलाह देंगे।
निष्कर्ष
कारेंस और ट्राइबर में से किसी एक कार को चुनना काफी मुश्किल है। जहां कारेंस में साइज का एडवांटेज मिलता है तो वहीं ट्राइबर का टॉप वेरिएंट बेहतर फीचर्स और प्रैक्टिकैलिटी के लिए चुना जा सकता है। ट्राइबर का एक और एडवांटेज इसका कॉम्पैक्ट साइज, ईजी ड्राइव नेचर और पर्सनल कार अपील भी है। यदि आप एक छोटी फैमिली कार ढूंढ रहे हैं तो ट्राइबर में आपको अच्छा खासा स्पेस और काफी अच्छे फीचर्स मिलेंगे। मगर आप यदि ज्यादा स्पेस, कंफर्ट और बड़ा सा बूट स्पेस चाहते हैं तो यहां कारेंस ट्राइबर से बेहतर नजर आती है। यदि आप फीचर्स से समझौता करने को तैयार हैं और बजट बढ़ा सकते हैं तो आप कारेंस के तौर पर एक बड़ी एमपीवी कार ले सकते हैं।
फीचर्स के तौर पर इसमें बी पिलर माउंटेड एसी वेंट्स और ब्लोअर कंट्रोल डोर पॉकेट्स में बॉटल होल्डर दिया गया है। यहां आर्मरेस्ट और कपहोल्डर्स की कमी जरूर महसूस होती है।