कारों के प्रति महिलाओं की बढ़ रही है दिलचस्पी, भारत की ऑटो इंडस्ट्री के लिए ये अच्छे संकेत
प्रकाशित: फरवरी 08, 2025 09:57 am । cardekho
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हाल ही के कुछ सालों में भारत के कार बाजार में कई प्रमुख बदलाव हुए हैं और इसी के साथ महिला कार ओनर्स की संख्या भी बढ़ी है। यह बदलाव महिला/पुरूष समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रति सामाजिक रुझान को दर्शाता है।
ग्रोथ में इन फैक्टर्स का है अहम योगदान
इस ट्रैंड के बढ़ने में कई फैक्टर्स का योगदान रहा है जो इस प्रकार से है:
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फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस: जैसे-जैसे अधिक से अधिक महिलाएं वर्कफोर्स में शामिल हो रही हैं और आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं, कारों जैसी प्रमुख वस्तुओं को खरीदने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई है।
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शहरीकरण: शहरों की तरफ पलायन होने के कारण प्राइवेट ट्रांसपोर्ट की आवश्यकता बढ़ गई है, विशेषकर उन महिलाओं के बीच जो सुरक्षा और सुविधा चाहती हैं।
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सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं: पर्सनल व्हीकल रखने से महिलाओं को सुरक्षा की भावना मिलती है और उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट या पैसेंजर-शेयरिंग सर्विसेज पर भरोसा किए बिना यात्रा करने की सुविधा मिलती है।
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लाइफस्टाइल: कारों को अक्सर सफलता और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जो आधुनिक भारतीय महिलाओं की आकांक्षाओं से मेल खाती है।
पसंदीदा सेगमेंट और मॉडल्स
महिला कार कस्टमर को कौनसे सेगमेंट और किन मॉडल्स में रूचि है, इसका मार्केट में रुझान देखने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है।
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ऑटोमैटिक हैचबैक: कार खरीदने वाली 60 प्रतिशत महिंलाएं ऑटोमैटिक हैचबैक कार लेना पसंद करती है। सिटी में ड्राइव करने के हिसाब से ये कारें काफी कॉम्पैक्ट और सही होती है और इनके ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भारी ट्रैफिक में कार ड्राइव करना आसान बना देते हैं। इस सेगमेंट में रेनो क्विड, हुंडई ग्रैंड आई10 और मारुति सुजुकी स्विफ्ट सबसे पॉपुलर मॉडल्स हैं।
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कॉम्पैक्ट एसयूवी: 18 प्रतिशत कार खरीदने वाली महिलाओं को कॉम्पैक्ट एसयूवी कारें पसंद आती है। इस तरह के व्हीकल में ऊंची ड्राइविंग पोजिशन, बेहतर सेफ्टी फीचर्स और अच्छी प्रैक्टिकैलिटी मिलती है जिससे ये रोजाना ड्राइविंग के लिए या वीकेंड ट्रिप्स के लिए बेहतर साबित होती हैं। फोर्ड इकोस्पोर्ट इस सेगमेंट में काफी पसंद की जाती है। रीजनल डेटा महिलाओं के बीच कार ओनरशिप में वृद्धि मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं है।
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मेट्रो सिटी: बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर और हैदराबाद जैसे शहर में कार की बिक्री बढ़ी है, जो महिला खरीदारों के बीच मजबूत डिमांड को दर्शाता है।
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नॉन मेट्रो एरिया: छोटे कस्बों और शहरों में कार खरीदने वाली महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो देशभर में पर्सनल मोबिलिटी की तरफ रूझान को दर्शाता है।
महिला ग्राहकों को सशक्त करने में कारदेखो का योगदान
भारत के अग्रणी कार पोर्टल कारदेखो ने भी इस बदलाव में एक अहम भूमिका निभाइ है।
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कार ढूंढने का सबसे अच्छा स्रोत: कारदेखो पर डीटेल के साथ रिव्यू, कंपेरिजन और एक्सपर्ट ओपिनियन से ग्राहकों को एकदम सटीक जानकारी मिलती है।
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यूजर फ्रेंडली इंटरफेस: इस प्लेटफ़ॉर्म का डिज़ाइन इतना व्यवस्थित और सरल है कि यूजर बिना तकनीकी ज्ञान के भी आसानी से नेविगेट कर सकता है और जरूरत की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
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पर्सनलाइज्ड सपोर्ट: कारदेखो महिला ग्राहकों की विशेष जरूरतों को समझती है और उनकी पसंंद और मुद्दों पर अपने स्तर पर सपोर्ट देती है।
इंडस्ट्री की पहल
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री ने इस बढ़ते क्षेत्र को पहचाना है और महिला खरीदारों के लिए निम्नलिखित पहल की है:
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स्पेशल ऑफर्स: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जैसे मौको पर डीलरशिप और प्लेटफार्म महिलाओं को अपने व्हीकलों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिस्काउंट और इंसेटिव्स की पेशकश कर रहे हैं।
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महिला केंद्रित इवेंट्स: महिलाओं को अपने वाहन प्रभावी ढंग से चलाने के लिए ज्ञान और आत्मविश्वास देने के लिए कार मेंटेनेंस, ड्राइविंग स्किल्स और सेफ्टी पर सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
आगे आने वाली चुनौतियां
सकारात्मक रुझानों के बावजूद चुनौतियां बनी हुई हैं:
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सुरक्षा की चिंता: यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को महिला ड्राइवरों की सुरक्षा बढ़ाने वाले इनोवेशन और फीचर्स प्रदान करते रहना चाहिए।
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अफोर्डेबिलिटी: विभिन्न फाइनेंशियल ऑप्शंस और इंसेटिव्स के माध्यम से कार ओनरशिप की कॉस्ट को कम करने से महिलाओं को कार रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
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अवेयरनेस: कार ओनरशिप के फायदों और बाजार में उपलब्ध विकल्पों के बारे में महिलाओं को लगातार शिक्षित करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
भारत में महिलाओं की ड्राइविंग में वृद्धि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा संकेत है। कारदेखो जैसे प्लेटफॉर्म के नेतृत्व के साथ, महिला कार खरीदारों को सशक्त बनाने की यात्रा अच्छी तरह से चल रही है। हम ऐसे भविष्य की आशा करते हैं जहां महिलाएं भारत की कार इंडस्ट्री के विकास को आगे बढ़ाने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।