बजट 2025: भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए कितना खास रहा ये बजट? जानिए यहां
- आयकर छूट बढ़ाकर 12 लाख रुपये की गई
- ईवी बैटरी प्रोडक्शन के लिए कस्टम ड्यूटी माफ
- ग्रामीण वाहन मांग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जाएगी धन-धान्य कृषि योजना
- ऑटो सेक्टर में एमएसएमई के लिए आसानी से मिलेगा लोन
भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2025 का बजट पेश कर चुकी है और इस बजट में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं जिससे भारत का ऑटोमोटिव सेक्टर काफी प्रभावित होगा। टैक्स में सुधारों से लेकर ईवी के लिए इसेंटिव्स और इनकी मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने तक, इस बजट में ऑटो इंडस्ट्री के लिए कई अच्छी खबरें हैं:
बजट 2025 से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री कैसे होगी प्रभावित?
सबसे अच्छी और महत्वपूर्ण घोषणा इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। छूट मिलने से लोग अब 2 व्हीलर्स,3 व्हीलर्स, पैसेंजर कारें और दूसरे अन्य व्हीकल्स खरीदने में पैसा खर्च करेंगे।
स्कीम के तहत सबसे ज्यादा ध्यान इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आगे बढ़ाने पर रखा गया है। सरकार ने ईवी को किफायती बनाने के लिए ईवी की बैटरी बनाने के लिए आवश्यक 35 कैपिटल गुड्स पर कस्टम ड्यूटी माफ कर दी गई है! इससे उत्पादन लागत कम हो जाएगी और इसके प्रभाव से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सस्ते हो जाएंगे।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम
पीएलआई योजना सरकार द्वारा लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और इसलिए प्रोत्साहन जोड़ने की एक योजना है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में, इसका ध्यान इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने व्हीकल्स के साथ-साथ उनके पार्ट्स के निर्माण पर है। इसका उद्देश्य लागत कम करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, कैपेसिटी बढ़ाना और एक मजबूत सप्लाय चेन स्थापित करना है।
2025 के लिए, सरकार ने ऑटो और कंपोनेंट सेक्टर के लिए 2,819 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के 3,500 करोड़ रुपये की तुलना में कम है। फिर भी, इससे इंडस्ट्री को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में और निवेश करने में मदद मिलेगी, जिससे भारत की ऑटो इंडस्ट्री समग्र रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएगी।
इन चीजों पर भी रखा गया फोकस
धन-धान्य कृषि योजना और किसान क्रेडिट कार्ड की बढ़ी हुई सीमा से ग्रामीणों की आय में वृद्धि होने वाली है, जिससे ट्रैक्टर, 2 व्हीलर और छोटे कमर्शियल व्हीकल्स की मांग बढ़ेगी, जिससे इन क्षेत्रों में ऑटोमोटिव बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
ऑटोमोबाइल की सप्लाय चेन में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी होने के नाते, एमएसएमई को बजट में अच्छी हिस्सेदारी मिली है।
क्रेडिट गारंटी में बढ़ोतरी से ऑटो कंपोनेंट बनाने वाले और डीलरशिप के लिए संचालन बढ़ाने और नई टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए फाइनेंस तक पहुंच आसान हो जाएगी।
केंद्रीय बजट 2025 टैक्स में राहत, ईवी डेवलपमेंट, लोकल मैन्यूफैक्चरिंग और एमएसएमई और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समर्थन, ऑटो उद्योग के लिए एक मजबूत आधार बनाने और भारत की दुनिया में उपस्थिती को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
बजट 2025 पर आपके क्या विचार हैं? कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।