जीएसटी घटाकर पेट्रोल-डीज़ल कारों को सस्ता कर सकती है केंद्र सरकार
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ‘सियाम' ने अपना 59वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में शिरकत करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। गडकरी ने कहा है कि सरकार फिलहाल देश में पेट्रोल और डीज़ल कारों को बंद नहीं करेगी। गडकरी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार द्वारा इंटरनल कंबस्शन इंजन (आईसीई) को जल्द बंद किए जाने की अफवाह तेज़ी से फैल रही है।
वर्तमान में देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री मंदी के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा दी गई ये जानकारी कार निर्माता कंपनियों के लिए भी काफी राहत भरी है। देश में सभी कार कंपनियों को अनिवार्य रूप से अप्रेल 2020 तक बीएस4 से बीएस6 नॉर्म्स पर इंजन को अपग्रेड या तैयार करने होंगे। वहीं सरकार इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं तैयार कर रही है। ऐसे में वाहन निर्माता कंपनियों के बीच एक तरह से भ्रम की स्थिती पैदा हो रही है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए कार निर्माता कंपनियों ने सरकार को आईसीई इंजन पर जीएसटी की दर कम करने की गुहार भी लगाई है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्रालय के सामने पेट्रोल और डीज़ल इंजन से चलने वाली कारों पर जीएसटी की दर कम करने का प्रस्ताव रखने का भी वादा किया है। वर्तमान में पेट्रोल-डीज़ल इंजन वाली कारों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाई जा रही है। इसके अलावा गडकरी ने देश में हाइब्रिड कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए 5% तक जीएसटी घटाने का पक्ष रखने की भी बात कही है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ‘सियाम' ने सरकार से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए एक विशेष एजेंसी की स्थापना करने की भी मांग की है। यह एजेंसी कार निर्माताओं के लिए गाइडलाइन तैयार करने का काम करेगी जिसमें एक बेहतर भविष्य का रोडमैप तैयार किया जा सकेगा।
गडकरी ने कहा है कि ‘सरकार ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ी समस्याओं का समाधान ढूंढने की पूरी कोशिश कर रही है।' हालांकि,उन्होनें साथ में ये भी कहा है कि इन सभी सिफारिशों को एकसाथ लागू कर पाना मुमकिन नहीं है।
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