सर्वे में हुआ खुलासा देश में हर 10 में से 8 इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर्स अपनी कारों को घर पर ही करना चाहते हैं चार्ज

प्रकाशित: फरवरी 14, 2022 04:31 pm । sonny

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मौजूदा समय में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री पूरी तरह से बदलाव के दौर से गुजर रही है और पब्लिक सेंटिमेंट्स के बारे में जानने के लिए सर्वे से बेहतर और कुछ हो नहीं सकता है। हाल ही में डिलॉयट ग्लोबल ऑटोमोटिव कंज्यूमर स्टडी ने भी एक सर्वे किया है जिसके नतीजे बाहर आ चुके हैं। 

2022 के इस अध्ययन में कई देशों के 26000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, जापान, भारत, चीन, कोरिया गणराज्य और दक्षिण पूर्व एशियाई देश (इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) जैसे मार्केट्स को लेकर फोकस रखा गया था। 

इस सर्वे के कुछ वि​भिन्न पहलू इस प्रकार से है:

लोग अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स घर में ही करना चाहते हैं चार्ज

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर ना होने के चलते अभी भी कुछ लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लेने से बच रहे हैं मगर जो लोग लेना चाहते हैं उनका इस बात को लेकर नजरिया थोड़ा अलग है। सर्वे के नतीजों के अनुसार भाग लेने वालों में से अधिकतर लोगों ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स घर पर ही चार्ज करना पंसद करने की बात कही है। उदाहरण के तौर पर भारत मे 143 लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया जहां 76 प्रतिशत ने होम चार्जिंग,15 प्रतिशत ने पब्लिक स्टेशंस और 9 प्रतिशत ने अपने ऑफिस में चार्ज करने की बात कही। 

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हालांकि इलेक्ट्रिक कारों को घर पर चार्ज करने में कुछ बाधाएं भी है। भारतीयों के अनुसार ईवी चार्जर इंस्टॉल करने की कॉस्ट काफी ज्यादा आती है। अभी इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरर्स अपनी कारों के साथ होम वॉलबॉक्स चार्जर भी ऑफर कर रही है। खासतौर पर लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों के साथ ये फीचर बिल्कुल फ्री दिया जा रहा है।

एडवांस्ड व्हीकल पर ज्यादा निवेश करना चाहते हैं लोग 

इस कंज्यूमर स्टडी में लोगों से पूछा गया कि क्या वो अपनी अगली कार में 25000 रुपये ज्यादा खर्च कर एक एडिशनल टेक्नोलॉजी लेना पसंद करेंगे। यहां एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से मतलब बेहतर सेफ्टी,बेहतर कनेक्टिविटी और इंफोटेनमेंट ​सर्विसेज,ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी,और वैक्लिपक ईंधनों से चलने वाले पावरट्रेंस शामिल हैं। सामुहिक नतीजों के अनुसार लोग एक्सट्रा सेफ्टी,एडिशनल कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी,और बेहतर इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी चीजों के लिए एक्सट्रा 25000 खर्च करने को तैयार नहीं है। इसके मुकाबले दूसरे देशों के कंज्यूमर्स इन टेक्नोलॉजी पर 500 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा खर्च करने को तैयार नहीं है। 

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भारत मे एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजी के लिए करीब 39 प्रतिशम इंडियन कंज्यूमर्स 25,000 से 1 लाख रुपये तक खर्च करने को तैयार है। वहीं 41 प्रतिशत लोग वैकल्पिक ईंधन से काम करने वाले पावरट्रेंस पर इतनी ही राशि खर्च करने को तैयार है। 

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डिलॉयट के इस अध्ययन में निष्कर्ष ये भी निकला चूंकि खुद को कॉम्पिटशन से अलग रखने के लिए कारमेकर्स अलग अलग टेक्नोलॉजी पर भरोसा जताते हैं ऐसे में फीचर्स की एक्सट्रा कॉस्ट का भार कंज्यूमर पर नहीं थोपा जाना चाहिए। 

कम रनिंग कॉस्ट के चलते इलेक्ट्रिक व्हीकल बन रहे लोगों की पसंद

इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के पीछे सबसे बड़े कारण गिनाने के सवाल पर लोगों ने कहा कि लोअर फ्यूल कॉस्ट के चलते उन्हें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पसंद हैं। इसके अलावा क्लाइमेंट चेंज और एमिशन कम करने की भी बात कही गई। हालांकि भारतीय लोगों का मानना है कि कम रनिंग कॉस्ट के चलते इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बेहतर ऑप्शन साबित होते हैं। वहीं कई लोगों ने एवरेज और बेहतर ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बड़ा कारण बताया। 

इसके अलावा कई लोगों ने पर्सनल हेल्थ,लोअर मेंटेनेंस,गवर्नमेंट इंसेटिव्स को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ आकर्षित करने के बड़े कारणों में गिनाया। 

डिजिटल शोरूम सुविधाजनक,मगर अब भी लोग शोरूम्स पर ही जाकर कार खरीदना करेंगे पसंद

कोविड 19 महामारी के कारण खरीददारी की प्रक्रिया में काफी बदलाव आए हैं। लॉकडाउन के कारण काफी कारमेकर्स ने वर्चुअल शोरूम्स खोले जिससे लोग ऑनलाइन ही कारों के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इस स्टडी के जरिए सामने आया है कि आज भी लोग शोरूम्स पर जाकर ही कार लेने को प्राथमिकता देना चाहेंगे। 

सबसे आश्चर्य की बात ये सामने आई की सबसे ज्यादा कंज्यूमर बेस वाले भारत में केवल 10 प्रतिशत लोग ही वर्चुअल शोरूम्स से कार लेना पसंद करेंगे। 

आपदा में शेयर्ड मोबिलिटी की लोकप्रियता में आई गिरावट,पर्सनल व्हीकल बनी सबसे बड़ी प्राथमिकता

इस स्टडी में खुलासा हुआ है कि कई देशों में ज्यादातर लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट या शेयर्ड मोबिलिटी के बजाए पर्सनल मोबिलिटी को प्राथमिकता देने में रुचि दिखाई है। इस सर्वे में भाग लेने वाले भारतीयों में से 43 प्रतिशत लोगों ने मोबिलिटी की जरूरत पूरा करने के लिए पर्सनल व्हीकल्स,13 प्रतिशत ने टैक्सी,13 प्रतिशत ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट,12 प्रतिशत ने शेयर्ड 2 व्हीलर्स और 8 प्रतिशत ने कार शेयरिंग में रुचि दिखाई है। 

व्हीकल सब्सिक्रिप्शन सर्विस के सवाल पर लोगों ने कहा कि सुविधा और तुरंत उपलब्धता इसमें अहम रोल निभा सकते हैं। व्हीकल सब्क्रिप्शन के समय आसानी से व्हीकल एक्सचेंज करना भी बड़े कारणों में गिनाया गया। 

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