नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मिला टोयोटा का समर्थन
यूनियन बजट 2023 में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को कुछ छूट दी है और देश में इथेनॉल के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने पर फोकस रखा है। हालांकि बजट में सबसे बड़ी घोषणा नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को लेकर हुई, जो भारत को हाइड्रोजन प्रोडक्शन में दुनिया में नंबर एक पर पहुंचा देगा।
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सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 19,700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे भारत में 2030 तक 5 मिलियन मैट्रिक टन की प्रोडक्शन क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे सरकार का फ्यूल इंपोर्ट का खर्चा 1 लाख करोड़ रुपये तक बच जाएगा।
भारत में इन दिनों कई कंपनियां हाइड्रोजन से चलने वाली कारों पर काम कर रही है। हुंडई, टाटा और टोयोटा हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम कर रही है। हाइड्रोजन से चलनी वाली कारों की ड्राइविंग रेंज काफी अच्छी होती है और इन्हें रिफ्यूल भी कुछ ही मिनट में किया जा सकता है। इनमें केवल पानी का उत्सर्जन होगा।
टोयोटा ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का सपोर्ट किया है। टोयोटा क्रिलोस्कर मोटर भारत के कार्यकारी उपाध्यक्ष विक्रम गुलाटी ने कहा कि ‘बजट ना केवल युवा सशक्तिकरण और कौशल विकास पर आधारित है, बल्कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत ईको फ्रेंडली वाहनों पर फोकस करना भी है। साथ ही फेम 2 स्कीम और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) के फंड को बढ़ाने पर भी ध्यान रखा गया है।'