आईएमटी, एएमटी, सीवीटी, टॉर्क कन्वर्टर और डीसीटी में से कौनसा ऑटोमैटिक गियरबॉक्स रहेगा आपके लिए बेहतर, जानिए यहां
प्रकाशित: दिसंबर 07, 2020 08:29 pm । स्तुति
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भारत में अभी तक लोगों के लिए सही गियरबॉक्स वाली कार को चुनना आसान चॉइस रही है क्योंकि भारतीय बाजार में फिलहाल इतने ज्यादा ऑप्शंस उपलब्ध नहीं हैं। अधिकतर लोग अपनी कारों के साथ मैनुअल गियरबॉक्स को चुनते हैं। वहीं, ऑटोमेटिक गियरबॉक्स काफी महंगे होते हैं, साथ ही वह काफी फ्यूल की खपत भी ज्यादा करते हैं।
भारत में ट्रैफिक की समस्या सबसे ज्यादा है, ऐसे में इन दिनों कई लोग रिलैक्स ड्राइविंग की चाहत रखने लगे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब कार कंपनियां भी अपनी नई कारों के साथ ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन दे रही हैं। हालांकि, ऑटोमैटिक कार के साथ ग्राहकों को एक बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है और वो है सही ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन को चुनना।
वर्तमान में मार्केट में आईएमटी, एएमटी, सीवीटी, टॉर्क कन्वर्टर और डीसीटी जैसे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन ऑप्शंस उपलब्ध हैं जो टू-पैडल ड्राइविंग सेटअप के साथ आते हैं। रेगुलर मैनुअल ट्रांसमिशन ऑप्शन के मुकाबले ऑटोमैटिक गियरबॉक्स को चुनने में थोड़ा खर्चीला सौदा साबित होता है। इन गियरबॉक्स के साथ अलग-अलग तरह का ड्राइविंग एक्सपीरिएंस और माइलेज मिलता है।
यहां हमने इन सभी ट्रांसमिशन ऑप्शंस का कंपेरिजन तीन अलग-अलग पैरामीटर्स पर किया है जो आपको यह जानने में मदद करेगा कि कौनसा ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन आपकी जरूरत के हिसाब से अच्छा रहेगा। इस कंपेरिजन में हमने ट्रांसमिशन की मेंटेनेंस कॉस्ट को शामिल नहीं किया है क्योंकि यह कीमत ना सिर्फ ट्रांसमिशन टाइप के अनुसार अलग-अलग होती है, बल्कि सभी कारमेकर्स के बीच भी अलग-अलग हो सकती है।
1. आईएमटी (इंटेलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन)
हुंडई ने भारत में सबसे पहले आईएमटी गियरबॉक्स (क्लचलैस मैनुअल ट्रांसमिशन) देने की शुरुआत की है। हुंडई के इस गियरबॉक्स में क्लच पैडल नहीं दिया गया है। मैनुअल ट्रांसमिशन की तरह ही इसमें भी एच-पैटर्न शिफ्टर के जरिये गियर को बदला जा सकता है। आईएमटी सेटअप में अलग से क्लच ना देकर इसमें ही क्लच-बाय-वायर टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है। इससे आप क्लच पैडल पर प्रेस किए बिना ही गियर शिफ्ट कर सकेंगे। आईएमटी गियरबॉक्स में गियर शिफ्टर को इंटेंशन सेंसर, हाईड्रॉलिक एक्चुएटर और ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट (टीसीयू) के साथ दिया गया है। भारतीय मार्केट के लिए यह टेक्नोलॉजी एकदम नई है। यह टेक्नोलॉजी हुंडई आई20, वेन्यू और किया सोनेट जैसी कारों में दी गई है।
कीमत के मामले में इस लिस्ट में आईएमटी सबसे अफोर्डेबल ऑप्शन है। आईएमटी गियरबॉक्स मैनुअल ट्रांसमिशन पर बेस्ड है और इसमें मैनुअल गियरबॉक्स वाले ही अधिकतर कॉम्पोनेन्ट का इस्तेमाल किया गया है। थ्री-पैडल सेटअप के मुकाबले इसकी प्राइस 20,000 रुपए से 25,000 रुपए ज्यादा है।
ड्राइविंग एक्सपीरिएंस की बात करें तो इस गियरबॉक्स के साथ भी काफी कुछ चीज़ें मैनुअल ट्रांसमिशन जैसी ही लगती हैं। हमें पहले लगता था कि शिफ्ट्स के दौरान यह गियरबॉक्स इतने ज्यादा स्मूद नहीं होंगे, लेकिन पहली बार हुंडई वेन्यू आईएमटी ड्राइव करने पर हमने महसूस किया कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। यह गियरबॉक्स अच्छी ट्यूनिंग के साथ आता है जिसके चलते पैसेंजर्स को बेहद अच्छा राइडिंग एक्सपीरिएंस मिलता है। यदि आप भी मैनुअल गियरबॉक्स से लैस कार ड्राइव करने के आदी हैं और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स चुनने का विचार कर रहे हैं क्योंकि आप अक्सर ट्रैफिक में अटक जाते हैं तो ऐसी स्थिति में आईएमटी गियरबॉक्स को चुनना बेहद अच्छा ऑप्शन है।
इस गियरबॉक्स के साथ सबसे बड़ी परेशानी उन लोगों को आती है जो ड्राइव करना पसंद करते हैं। आईएमटी गियरबॉक्स से लैस कार में ड्राइवर का क्लच पर कंट्रोल नहीं होता है। सिटी ड्राइविंग और 0-100 किलोमीटर/लीटर की स्पीड पर हाइवे क्रूजिंग करते समय आपको इसमें क्लच की कमी बिलकुल महसूस नहीं होगी, लेकिन जब मोड़ पर ड्राइव करने की बात हो तो इसमें क्लच की कमी काफी महसूस होती है।
चूंकि यह ट्रांसमिशन ऑप्शन मैनुअल गियरबॉक्स की तरह ही काम करता है, ऐसे में इनकी फ्यूल एफिशिएंसी में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। चूंकि इस गियरबॉक्स में क्लच पैडल का इस्तेमाल नहीं किया गया है, इसका मतलब है कि इसमें सही समय पर सही गियर लगता है। यह गियरबॉक्स रेगुलर मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले ज्यादा बेहतर साबित होता है।
2. ऑटोमेटेड मैनुअल गियरबॉक्स (एएमटी)
आईएमटी गियरबॉक्स के आने से पहले एएमटी गियरबॉक्स मार्केट में सबसे सस्ता ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन था। आईएमटी की तरह ही इसका कंस्ट्रक्शन भी मैनुअल गियरबॉक्स की तरह ही किया जा सकता है, लेकिन इसमें क्लच को ना सिर्फ एक्चुएटर द्वारा कंट्रोल किया जाता है बल्कि गियर शिफ्टिंग भी एक्चुएटर द्वारा कंट्रोल होती है। आईएमटी और एएमटी में से एएमटी गियरबॉक्स अच्छा ऑटोमेटिक एक्सपीरिएंस देता है। इस गियरबॉक्स के साथ थ्रॉटल पैडल और ब्रेक का सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है और फिर यह ट्रांसमिशन ऑप्शन अपने आप आपके इनपुट अनुसार बेस्ट गियर डाल देता है।
रेगुलर मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले ऑटोमैटेड मैनुअल गियरबॉक्स के लिए 50,000 रुपए से 60,000 रुपए ज्यादा खर्च करने होते हैं। एएमटी गियरबॉक्स में कम कीमत पर एक्चुअल ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के जैसा ही एक्सपीरिएंस मिलता है। इसकी शिफ्ट क्वॉलिटी इतनी ज्यादा स्मूद नहीं है और खासकर डाउनशिफ्टिंग की स्थिति में इसमें झटके भी महसूस होते हैं। हालांकि कम स्पीड पर यह परेशानी इतनी ज्यादा नहीं होती है।
इसमें गियर चेंज होने में थोड़ा समय लगता है और हाइवे पर ओवरटेकिंग के दौरान थोड़ी प्लानिंग की जरूरत होती है। एएमटी गियरबॉक्स से लैस कार को ड्राइव करने का सही तरीका स्मूद इनपुट डालना है। यदि आप तेज़ एसेलेरेट करते हैं तो यह गियरबॉक्स थोड़ा कन्फ्यूज़ हो जाता है और सही रिस्पांस देने में थोड़ा समय लेता है। एएमटी गियरबॉक्स उन लोगों के लिए बेस्ट है जो एक जैसी स्पीड पर ड्राइव करना पसंद करते हैं और कार से ज्यादा स्पोर्टी एक्सपीरिएंस की चाहत नहीं रखते हैं।
माइलेज की बात करें तो चीज़ें ब्रांड अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। मारुति के एएमटी ऑप्शंस मैनुअल गियरबॉक्स वाली कार जितना ही माइलेज देते हैं। यदि एएमटी गियरबॉक्स वाली कार को नॉर्मल स्पीड पर ड्राइव किया जाए तो ऐसे में यह ज्यादा बेहतर एक्सपीरिएंस देती है। हुंडई का एएमटी गियरबॉक्स भी मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले ज्यादा बेहतर माइलेज देता है। वहीं, टाटा और रेनॉल्ट के एएमटी गियरबॉक्स मैनुअल गियरबॉक्स के जितना माइलेज नहीं देते हैं। मारुति में सबसे अच्छी ट्यूनिंग वाले एएमटी ट्रांसमिशन ऑप्शंस दिए गए हैं।
3. सीवीटी (कंटीन्यूसली वेरिएबल ट्रांसमिशन)
इस लिस्ट में सीवीटी गियरबॉक्स सबसे अलग है क्योंकि इसमें गियर नहीं दिए जाते हैं। यह बेल्ट-ड्राइवन सिस्टम पर काम करता है जो दो पुली के साथ आता है। इससे गियरबॉक्स को अलग-अलग रेश्यो के हिसाब गियर शिफ्ट करने में मदद मिलती है। ऐसी गाड़ियों में ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट थ्रॉटल इनपुट, स्पीड, इंक्लाइन और कई अन्य फैक्टर्स के आधार पर यह तय करती है कि किस गियर रेश्यो का उपयोग किया जाए।
सीवीटी की प्राइस मैनुअल गियरबॉक्स की तुलना में 1 लाख रुपए से 1.30 लाख रुपए ज्यादा होती है। यह गियरबॉक्स रेगुलर मैनुअल ट्रांसमिशन से एकदम हट कर एक्सपीरिएंस देते है। मैनुअल गियरबॉक्स वाली गाड़ी में आप अपनी जरूरत के हिसाब से गियर चेंज करके कार की स्पीड को अचानक से बढ़ा सकते हैं, वहीं सीवीटी ट्रांसमिशन वाली गाड़ी में इंजन आरपीएम के हिसाब से गियर अपने आप चेंज होता है।
सीवीटी गियरबॉक्स स्मूद ड्राइविंग एक्सपीरिएंस देते हैं और यह गियरबॉक्स सिटी ड्राइविंग के हिसाब से बेहद अच्छे होते हैं। इसे स्पोर्टी डायनामिक को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किया जाता है। यदि आप ट्रैफिक में अपनी कार को गैप से आगे निकालना चाहते हैं या फिर हाइवे पर जल्दी से ओवरटेक करना चाहते हैं तो ऐसे में यह गियरबॉक्स आपके लिए बेस्ट ऑप्शन नहीं है। कई सीवीटी गियरबॉक्स फ़िक्सड गियर रेश्यो के साथ भी आते हैं।
इस गियरबॉक्स की अच्छाई तब पता लगती है जब आप माइलेज टेस्ट कर रहे हों। नॉर्मल स्पीड पर ड्राइव करने पर यह गियरबॉक्स सिटी में अच्छा माइलेज देते हैं। वहीं, अगर आप तेज स्पीड पर कार चलाते हैं तो इसका असर माइलेज पर देखने को मिल सकता है क्योंकि इसमें इंजन तेज़ गति पर ऑपरेट होता है और ज्यादा फ्यूल की खपत करता है। यदि आप ज्यादा समय सिटी में बिताते हैं तो ऐसे में आप सीवीटी गियरबॉक्स चुन सकते हैं।
4. टॉर्क कन्वर्टर
टॉर्क कन्वर्टर एक पुराने प्रकार का ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन है। कार कंपनियां इस गियरबॉक्स को ज्यादा रिफाइन करके कारों में पेश कर रही हैं। पहले टॉर्क कन्वर्टर गियरबॉक्स अच्छी परफॉर्मेंस और माइलेज के लिए नहीं जाने जाते थे। इनका मतलब सिर्फ टू-पैडल ड्राइविंग सेटअप था। इसमें दो टरबाइन का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें से एक फ्लाईव्हील से जुड़ा होता है और दूसरा गियरबॉक्स से कनेक्टेड होता है। इसके बीच में दिया गया ट्रांसमिशन लिक्विड एक साइड से दूसरी साइड पर फ़ोर्स डालता है।
वहीं, नए टॉर्क कन्वर्टर गियरबॉक्स ज्यादा रिस्पॉन्सिव लगते हैं, यह सिटी और हाइवे ड्राइविंग के हिसाब से बेहद अच्छे होते हैं। ट्यूनिंग के हिसाब से अब ये गियरबॉक्स अच्छी परफॉर्मेंस और अच्छा माइलेज दे सकते हैं।
यदि आप सिटी में स्लो और हाइवे पर 100 से ज्यादा की स्पीड पर क्रूज़ करना पसंद करते हैं तो टॉर्क कन्वर्टर गियरबॉक्स आपके लिए बेहद अच्छा रहेगा। यह गियरबॉक्स मैनुअल ट्रांसमिशन के लगभग बराबर की माइलेज देने में सक्षम होते हैं।
5. डीसीटी (ड्यूल क्लच ट्रांसमिशन)
ड्यूल क्लच ऑटोमेटिक गियरबॉक्स मास मार्केट कारों में उपलब्ध एक अच्छा ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन है। पिछले कुछ सालों पहले यह टेक्नोलॉजी केवल स्पोर्ट्स और सुपरकार्स में ही दी जाती थी। इसमें दो क्लच टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है जो दो गियर रेश्यो एक ऑड और दूसरा इवन को ऑपरेट करता है। जब आप ड्राइव कर रहे होते हैं तो इसका दूसरा क्लच पहले ही तय कर लेता है कि अगला गियर कौनसा होगा और ऐसे में इसमें सही समय पर गियर शिफ्ट हो जाते हैं। इसका सिस्टम कई मापदंडों को अपनाता है जिससे इसके सिस्टम को इस बात का पहले ही पता लग पाता है कि गियरबॉक्स का अप करने की आवश्यकता होगी या डाउन। उदाहरण के तौर पर आप कार को स्पीड बढ़ा रहे है तो गियर अप होगा और यदि कार की स्पीड कम हो रही है तो गियर डाउन होगा।
मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले इसकी प्राइस 1 लाख रुपए से 1.5 लाख रुपए ज्यादा होती है। इसे रिपेयर करवाना भी काफी महंगा पड़ता है। इसका सेटअप काफी बड़ा होता है, ऐसे में यह गियरबॉक्स काफी भारी होते हैं।
चूंकि डीसीटी गियरबॉक्स में बहुत बड़ी मशीनरी का इस्तेमाल किया जाता है, इसी वजह से इसे क्विक शिफ्ट और कम्फर्टेबल शिफ्ट देने के लिए ज्यादा ट्यून करके पेश किया जाता है। आजकल अधिकतर कारों में ड्राइव मोड भी दिए जाते हैं जो इंजन, गियरबॉक्स, स्टीयरिंग और सस्पेंशन से मिलने वाले रिस्पांस को ऑटोमैटिकली चेंज कर देते हैं।
यह ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन मैनुअल कारों के जैसा ही एक्सपीरिएंस देता है। माइलेज की जहां तक बात है तो यह ड्राइविंग पर निर्भर करती है। इस गियरबॉक्स पर स्मूद और लाइट इनपुट डालकर आप अच्छा माइलेज हासिल कर सकते हैं। डीसीटी गियरबॉक्स के साथ मैनुअल गियरबॉक्स से लैस कारों जितना ही माइलेज मिलता है। यदि आपका सफर सिटी और हाइवे ड्राइविंग तक ही सीमित नहीं हैं तो ऐसे में डीसीटी गियरबॉक्स आपके लिए एक अच्छा पैकेज साबित हो सकता है।
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