होंडा ड्राइव टू डिस्कवर 11ः बेंगलुरू से कोच्चि
प्रकाशित: सितंबर 26, 2022 05:44 pm । भानु । होंडा सिटी 2020-2023
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मुझे किसी इवेंट में शिरकत किए करीब एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है और मुझे इसका बेसब्री से इंतजार था। ऐसे में जैसे ही मुझे होंडा के ड्राइव टू डिस्कवर 11 इवेंट का पता लगा मैं यहां जाने के लिए काफी एक्साइटेड था क्योंकि 2021 में भी मैंने इस इवेंट में भाग लिया था।
इस साल भी होंडा ने इसकी थीम “Sedan and Stunning” रखी थी जिसका मतलब था इस इवेंट में कंपनी की अमेज, सिटी और सिटी हाइब्रिड ही नजर आने वाली है। एसयूवी कारों के प्रति बढ़ती लोकप्रियता के बीच सेडान कारों का दमखम दिखाना कोई गलत निर्णय नहीं है और इसे प्ररूव करने का भी यह सही समय है। वैसे भी होंडा अपनी बेस्ट सेडान कारें बनाने के लिए काफी पाॅपुलर है। अब आगे पढ़िये कैसा रहा इस तीन दिन तक चलने वाले इस इवेंट में मेरा अनुभव
पहना दिनः बेंगलुरू से मदिकेरी/कुर्ग तक की ड्राइव
पहले दिन मुझे ऐसा लगा कि मैं पहले भी इसका अनुभव कर चुका हूं। मैं अल सुबह फ्लाइट से बेंगलुरू एयरपोर्ट पहुंचा और फिर ताज होटल में नाश्ता करने के बाद मीडिया ब्रीफ के लिए उपस्थित हुआ। हालांकि पिछले साल के उलट इस साल मैं काॅन्वाॅय से जुड़ नहीं पाया और होटल से सबसे आखिर में निकला।
पिछले साल की तरह इस इवेंट के 11वे एडिशन में मुझे एक ऑटोमोबाइल जर्नलिस्ट का साथ मिला और वो कोई नहीं बल्कि जिग व्हील्स के सुकृत कुमार थे जो पिछली बार भी मेरे साथ थे। हरी झंडी मिलने के बाद हमें 300 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी और इस बीच हमें लंच के लिए भी रूकना था।
इस तीन दिवसीय इवेंट में हमें होंडा सिटी ड्राइव करने के लिए मिली थी जिसके कई वेरिएंट्स को ड्राइव करने का हमें मौका दिया गया। सबसे पहले हमें होंडा सिटी पेट्रोल मैनुअल ड्राइव करने का मौका मिला।
पूरे दिन हमनें इसे हाईवे पर ड्राइव किया जिससे हम इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला पाए। इस दौरान ही हमें छठे गियर की महत्वता का भी पता चला क्योंकि इस समय इंजन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रात में होटल की तरफ जाते समय रास्ता थोड़ा खराब था मगर होंडा सिटी के सस्पेंशन ने हमें बिल्कुल भी अनकंफर्टेबल नहीं होने दिया। होटल पहुंचने के बाद हमनें खाना खाया और साथी पत्रकारों से कुछ गुफ्तगु की।
दूसरा दिनः मदिकेरी से कुर्ग वाया वायनाड
दूसरे दिन हमें 170 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी जहां हमें वायनाड स्थित सप्था रिसाॅर्ट तक पहुंचना था। ब्रेकफास्ट करने के बाद हम अपनी कारों में बेंगलुरू से केरल पहुंच गए थे। इस यात्रा के दौरन हमें काफी घुमावदार रास्ते मिले और इस दिन हम सिटी का हाइब्रिड माॅडल चला रहे थे।
कम स्पीड पर भी होंडा सिटी का स्ट्राॅन्ग हाइब्रिड पावरट्रेन काफी अच्छी तरह से काम कर रहा था और हम इसे प्योर ईवी मोड पर ड्राइव कर रहे थे। हार्ड थ्राॅटल देने पर इसके इंजन का एक्शन शुरू हो जाता है और पूरी तरह से इंजन मोड आने पर ये कार हाइब्रिड मोड पर चलती है। इसका बैट्री रीजनरेशन मोड भी अपना काम बखूबी करता है जो कम स्पीड पर ब्रेकिंग के दौरान रेंज को बढ़ाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो इस राइड के दौरान एक समय हमें 570 किलोमीटर की रेंज दिख रही थी जो बाद में हमारे थोड़े रफ ड्राइविंग पैटर्न के बाद 530 किलोमीटर पर आ पहुंची। इसके बाद रीजनरेशन मोड ने अपना काम शुरू किया और इससे रेंज बढ़कर 550 किलोमीटर हो गई।
इसी दौरान हमें इसके एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को भी अच्छे से परखने का मौका मिला जो कई मौको पर हमें अलर्ट करता रहा। हालांकि ड्राइव करते हुए जब एक टू व्हीलर मेरी कार के आगे से रोड क्राॅस कर रहा था तब इससे मुझे केवल फाॅरवर्ड काॅलिजन वाॅर्निंग का अलर्ट मिला। मेरे को ड्राइवर सुकृत ने लेन कीप असिस्ट का इंस्पेक्शन किया।
दोपहर को हम वायनाड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी विजिट को गए जहां टाइगर,पैंथर, स्लाॅथ बियर,और हाथी जैसे जानवर निवास करते हैं। हालांकि हमारा सामना केवल मोर, जायंट स्पाइडर,और बड़े हाथियों से ही हुआ। ये वाइल्डलाइफ ड्राइव 10 किलोमीटर की थी। रात को वापस लौटते समय हमें ज्यादा समय नहीं लगा। दूसरे दिन भी हमनें रात में थोड़ी ड्रिंक्स के साथ रात के खाने और गपशप करते हुए बिताई।
तीसरा दिनः वायनाड से कोच्चि
ये हमारी यात्रा का आखिरी दिन था। हमें कोच्चि पहुंचना था जिसके लिए हमें जल्दी भी उठना था। हमारी आखिरी मंजिल 250 किलोमीटर दूर थी।
इस बार हमें सिटी का पेट्रोल ऑटोमैटिक ड्राइव करने का मौका मिला था और हमें स्टेट और नेशनल हाईवे से होते हुए कार ड्राइव करनी थी। कई बार रास्ता काफी अच्छा भी था और हमारी इस आखिरी दिन की ट्रिप में होटल काफी दूर था । इस दौरान दिशा से हम भटके भी जिसके कारण रात 10 बजे हम अपने होटल पहुंचे।
कई जगह काफी ज्यादा अंधेरा था मगर होंडा सिटी की 9 पीस एलईडी लाइट ने हमारा बचाव किया। इस कार का एक और लेफ्ट ओआरवीएम माउंटेड लेन वाॅच कैमरा भी हमारे काफी काम आया जो सिटी के ट्रैफिक में तो काफी ज्यादा काम आता है।
रात को देरी से पहुंचने के बाद हमनें डिनर किया और सुबह हमें जल्दी फ्लाइट भी पकड़नी थी। कुल मिलाकर होंडा सिटी के साथ तीन दिन बिताना काफी सुखद रहा और हमनें इसे पूरी तरह से एंजाॅय किया।
और पढ़ें : होंडा सिटी ऑन रोड कीमत
मुझे किसी इवेंट में शिरकत किए करीब एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है और मुझे इसका बेसब्री से इंतजार था। ऐसे में जैसे ही मुझे होंडा के ड्राइव टू डिस्कवर 11 इवेंट का पता लगा मैं यहां जाने के लिए काफी एक्साइटेड था क्योंकि 2021 में भी मैंने इस इवेंट में भाग लिया था।
इस साल भी होंडा ने इसकी थीम “Sedan and Stunning” रखी थी जिसका मतलब था इस इवेंट में कंपनी की अमेज, सिटी और सिटी हाइब्रिड ही नजर आने वाली है। एसयूवी कारों के प्रति बढ़ती लोकप्रियता के बीच सेडान कारों का दमखम दिखाना कोई गलत निर्णय नहीं है और इसे प्ररूव करने का भी यह सही समय है। वैसे भी होंडा अपनी बेस्ट सेडान कारें बनाने के लिए काफी पाॅपुलर है। अब आगे पढ़िये कैसा रहा इस तीन दिन तक चलने वाले इस इवेंट में मेरा अनुभव
पहना दिनः बेंगलुरू से मदिकेरी/कुर्ग तक की ड्राइव
पहले दिन मुझे ऐसा लगा कि मैं पहले भी इसका अनुभव कर चुका हूं। मैं अल सुबह फ्लाइट से बेंगलुरू एयरपोर्ट पहुंचा और फिर ताज होटल में नाश्ता करने के बाद मीडिया ब्रीफ के लिए उपस्थित हुआ। हालांकि पिछले साल के उलट इस साल मैं काॅन्वाॅय से जुड़ नहीं पाया और होटल से सबसे आखिर में निकला।
पिछले साल की तरह इस इवेंट के 11वे एडिशन में मुझे एक ऑटोमोबाइल जर्नलिस्ट का साथ मिला और वो कोई नहीं बल्कि जिग व्हील्स के सुकृत कुमार थे जो पिछली बार भी मेरे साथ थे। हरी झंडी मिलने के बाद हमें 300 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी और इस बीच हमें लंच के लिए भी रूकना था।
इस तीन दिवसीय इवेंट में हमें होंडा सिटी ड्राइव करने के लिए मिली थी जिसके कई वेरिएंट्स को ड्राइव करने का हमें मौका दिया गया। सबसे पहले हमें होंडा सिटी पेट्रोल मैनुअल ड्राइव करने का मौका मिला।
पूरे दिन हमनें इसे हाईवे पर ड्राइव किया जिससे हम इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला पाए। इस दौरान ही हमें छठे गियर की महत्वता का भी पता चला क्योंकि इस समय इंजन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रात में होटल की तरफ जाते समय रास्ता थोड़ा खराब था मगर होंडा सिटी के सस्पेंशन ने हमें बिल्कुल भी अनकंफर्टेबल नहीं होने दिया। होटल पहुंचने के बाद हमनें खाना खाया और साथी पत्रकारों से कुछ गुफ्तगु की।
दूसरा दिनः मदिकेरी से कुर्ग वाया वायनाड
दूसरे दिन हमें 170 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी जहां हमें वायनाड स्थित सप्था रिसाॅर्ट तक पहुंचना था। ब्रेकफास्ट करने के बाद हम अपनी कारों में बेंगलुरू से केरल पहुंच गए थे। इस यात्रा के दौरन हमें काफी घुमावदार रास्ते मिले और इस दिन हम सिटी का हाइब्रिड माॅडल चला रहे थे।
कम स्पीड पर भी होंडा सिटी का स्ट्राॅन्ग हाइब्रिड पावरट्रेन काफी अच्छी तरह से काम कर रहा था और हम इसे प्योर ईवी मोड पर ड्राइव कर रहे थे। हार्ड थ्राॅटल देने पर इसके इंजन का एक्शन शुरू हो जाता है और पूरी तरह से इंजन मोड आने पर ये कार हाइब्रिड मोड पर चलती है। इसका बैट्री रीजनरेशन मोड भी अपना काम बखूबी करता है जो कम स्पीड पर ब्रेकिंग के दौरान रेंज को बढ़ाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो इस राइड के दौरान एक समय हमें 570 किलोमीटर की रेंज दिख रही थी जो बाद में हमारे थोड़े रफ ड्राइविंग पैटर्न के बाद 530 किलोमीटर पर आ पहुंची। इसके बाद रीजनरेशन मोड ने अपना काम शुरू किया और इससे रेंज बढ़कर 550 किलोमीटर हो गई।
इसी दौरान हमें इसके एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को भी अच्छे से परखने का मौका मिला जो कई मौको पर हमें अलर्ट करता रहा। हालांकि ड्राइव करते हुए जब एक टू व्हीलर मेरी कार के आगे से रोड क्राॅस कर रहा था तब इससे मुझे केवल फाॅरवर्ड काॅलिजन वाॅर्निंग का अलर्ट मिला। मेरे को ड्राइवर सुकृत ने लेन कीप असिस्ट का इंस्पेक्शन किया।
दोपहर को हम वायनाड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी विजिट को गए जहां टाइगर,पैंथर, स्लाॅथ बियर,और हाथी जैसे जानवर निवास करते हैं। हालांकि हमारा सामना केवल मोर, जायंट स्पाइडर,और बड़े हाथियों से ही हुआ। ये वाइल्डलाइफ ड्राइव 10 किलोमीटर की थी। रात को वापस लौटते समय हमें ज्यादा समय नहीं लगा। दूसरे दिन भी हमनें रात में थोड़ी ड्रिंक्स के साथ रात के खाने और गपशप करते हुए बिताई।
तीसरा दिनः वायनाड से कोच्चि
ये हमारी यात्रा का आखिरी दिन था। हमें कोच्चि पहुंचना था जिसके लिए हमें जल्दी भी उठना था। हमारी आखिरी मंजिल 250 किलोमीटर दूर थी।
इस बार हमें सिटी का पेट्रोल ऑटोमैटिक ड्राइव करने का मौका मिला था और हमें स्टेट और नेशनल हाईवे से होते हुए कार ड्राइव करनी थी। कई बार रास्ता काफी अच्छा भी था और हमारी इस आखिरी दिन की ट्रिप में होटल काफी दूर था । इस दौरान दिशा से हम भटके भी जिसके कारण रात 10 बजे हम अपने होटल पहुंचे।
कई जगह काफी ज्यादा अंधेरा था मगर होंडा सिटी की 9 पीस एलईडी लाइट ने हमारा बचाव किया। इस कार का एक और लेफ्ट ओआरवीएम माउंटेड लेन वाॅच कैमरा भी हमारे काफी काम आया जो सिटी के ट्रैफिक में तो काफी ज्यादा काम आता है।
रात को देरी से पहुंचने के बाद हमनें डिनर किया और सुबह हमें जल्दी फ्लाइट भी पकड़नी थी। कुल मिलाकर होंडा सिटी के साथ तीन दिन बिताना काफी सुखद रहा और हमनें इसे पूरी तरह से एंजाॅय किया।
और पढ़ें : होंडा सिटी ऑन रोड कीमत
मुझे किसी इवेंट में शिरकत किए करीब एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है और मुझे इसका बेसब्री से इंतजार था। ऐसे में जैसे ही मुझे होंडा के ड्राइव टू डिस्कवर 11 इवेंट का पता लगा मैं यहां जाने के लिए काफी एक्साइटेड था क्योंकि 2021 में भी मैंने इस इवेंट में भाग लिया था।
इस साल भी होंडा ने इसकी थीम “Sedan and Stunning” रखी थी जिसका मतलब था इस इवेंट में कंपनी की अमेज, सिटी और सिटी हाइब्रिड ही नजर आने वाली है। एसयूवी कारों के प्रति बढ़ती लोकप्रियता के बीच सेडान कारों का दमखम दिखाना कोई गलत निर्णय नहीं है और इसे प्ररूव करने का भी यह सही समय है। वैसे भी होंडा अपनी बेस्ट सेडान कारें बनाने के लिए काफी पाॅपुलर है। अब आगे पढ़िये कैसा रहा इस तीन दिन तक चलने वाले इस इवेंट में मेरा अनुभव
पहना दिनः बेंगलुरू से मदिकेरी/कुर्ग तक की ड्राइव
पहले दिन मुझे ऐसा लगा कि मैं पहले भी इसका अनुभव कर चुका हूं। मैं अल सुबह फ्लाइट से बेंगलुरू एयरपोर्ट पहुंचा और फिर ताज होटल में नाश्ता करने के बाद मीडिया ब्रीफ के लिए उपस्थित हुआ। हालांकि पिछले साल के उलट इस साल मैं काॅन्वाॅय से जुड़ नहीं पाया और होटल से सबसे आखिर में निकला।
पिछले साल की तरह इस इवेंट के 11वे एडिशन में मुझे एक ऑटोमोबाइल जर्नलिस्ट का साथ मिला और वो कोई नहीं बल्कि जिग व्हील्स के सुकृत कुमार थे जो पिछली बार भी मेरे साथ थे। हरी झंडी मिलने के बाद हमें 300 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी और इस बीच हमें लंच के लिए भी रूकना था।
इस तीन दिवसीय इवेंट में हमें होंडा सिटी ड्राइव करने के लिए मिली थी जिसके कई वेरिएंट्स को ड्राइव करने का हमें मौका दिया गया। सबसे पहले हमें होंडा सिटी पेट्रोल मैनुअल ड्राइव करने का मौका मिला।
पूरे दिन हमनें इसे हाईवे पर ड्राइव किया जिससे हम इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला पाए। इस दौरान ही हमें छठे गियर की महत्वता का भी पता चला क्योंकि इस समय इंजन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रात में होटल की तरफ जाते समय रास्ता थोड़ा खराब था मगर होंडा सिटी के सस्पेंशन ने हमें बिल्कुल भी अनकंफर्टेबल नहीं होने दिया। होटल पहुंचने के बाद हमनें खाना खाया और साथी पत्रकारों से कुछ गुफ्तगु की।
दूसरा दिनः मदिकेरी से कुर्ग वाया वायनाड
दूसरे दिन हमें 170 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी जहां हमें वायनाड स्थित सप्था रिसाॅर्ट तक पहुंचना था। ब्रेकफास्ट करने के बाद हम अपनी कारों में बेंगलुरू से केरल पहुंच गए थे। इस यात्रा के दौरन हमें काफी घुमावदार रास्ते मिले और इस दिन हम सिटी का हाइब्रिड माॅडल चला रहे थे।
कम स्पीड पर भी होंडा सिटी का स्ट्राॅन्ग हाइब्रिड पावरट्रेन काफी अच्छी तरह से काम कर रहा था और हम इसे प्योर ईवी मोड पर ड्राइव कर रहे थे। हार्ड थ्राॅटल देने पर इसके इंजन का एक्शन शुरू हो जाता है और पूरी तरह से इंजन मोड आने पर ये कार हाइब्रिड मोड पर चलती है। इसका बैट्री रीजनरेशन मोड भी अपना काम बखूबी करता है जो कम स्पीड पर ब्रेकिंग के दौरान रेंज को बढ़ाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो इस राइड के दौरान एक समय हमें 570 किलोमीटर की रेंज दिख रही थी जो बाद में हमारे थोड़े रफ ड्राइविंग पैटर्न के बाद 530 किलोमीटर पर आ पहुंची। इसके बाद रीजनरेशन मोड ने अपना काम शुरू किया और इससे रेंज बढ़कर 550 किलोमीटर हो गई।
इसी दौरान हमें इसके एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को भी अच्छे से परखने का मौका मिला जो कई मौको पर हमें अलर्ट करता रहा। हालांकि ड्राइव करते हुए जब एक टू व्हीलर मेरी कार के आगे से रोड क्राॅस कर रहा था तब इससे मुझे केवल फाॅरवर्ड काॅलिजन वाॅर्निंग का अलर्ट मिला। मेरे को ड्राइवर सुकृत ने लेन कीप असिस्ट का इंस्पेक्शन किया।
दोपहर को हम वायनाड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी विजिट को गए जहां टाइगर,पैंथर, स्लाॅथ बियर,और हाथी जैसे जानवर निवास करते हैं। हालांकि हमारा सामना केवल मोर, जायंट स्पाइडर,और बड़े हाथियों से ही हुआ। ये वाइल्डलाइफ ड्राइव 10 किलोमीटर की थी। रात को वापस लौटते समय हमें ज्यादा समय नहीं लगा। दूसरे दिन भी हमनें रात में थोड़ी ड्रिंक्स के साथ रात के खाने और गपशप करते हुए बिताई।
तीसरा दिनः वायनाड से कोच्चि
ये हमारी यात्रा का आखिरी दिन था। हमें कोच्चि पहुंचना था जिसके लिए हमें जल्दी भी उठना था। हमारी आखिरी मंजिल 250 किलोमीटर दूर थी।
इस बार हमें सिटी का पेट्रोल ऑटोमैटिक ड्राइव करने का मौका मिला था और हमें स्टेट और नेशनल हाईवे से होते हुए कार ड्राइव करनी थी। कई बार रास्ता काफी अच्छा भी था और हमारी इस आखिरी दिन की ट्रिप में होटल काफी दूर था । इस दौरान दिशा से हम भटके भी जिसके कारण रात 10 बजे हम अपने होटल पहुंचे।
कई जगह काफी ज्यादा अंधेरा था मगर होंडा सिटी की 9 पीस एलईडी लाइट ने हमारा बचाव किया। इस कार का एक और लेफ्ट ओआरवीएम माउंटेड लेन वाॅच कैमरा भी हमारे काफी काम आया जो सिटी के ट्रैफिक में तो काफी ज्यादा काम आता है।
रात को देरी से पहुंचने के बाद हमनें डिनर किया और सुबह हमें जल्दी फ्लाइट भी पकड़नी थी। कुल मिलाकर होंडा सिटी के साथ तीन दिन बिताना काफी सुखद रहा और हमनें इसे पूरी तरह से एंजाॅय किया।
और पढ़ें : होंडा सिटी ऑन रोड कीमत
मुझे किसी इवेंट में शिरकत किए करीब एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है और मुझे इसका बेसब्री से इंतजार था। ऐसे में जैसे ही मुझे होंडा के ड्राइव टू डिस्कवर 11 इवेंट का पता लगा मैं यहां जाने के लिए काफी एक्साइटेड था क्योंकि 2021 में भी मैंने इस इवेंट में भाग लिया था।
इस साल भी होंडा ने इसकी थीम “Sedan and Stunning” रखी थी जिसका मतलब था इस इवेंट में कंपनी की अमेज, सिटी और सिटी हाइब्रिड ही नजर आने वाली है। एसयूवी कारों के प्रति बढ़ती लोकप्रियता के बीच सेडान कारों का दमखम दिखाना कोई गलत निर्णय नहीं है और इसे प्ररूव करने का भी यह सही समय है। वैसे भी होंडा अपनी बेस्ट सेडान कारें बनाने के लिए काफी पाॅपुलर है। अब आगे पढ़िये कैसा रहा इस तीन दिन तक चलने वाले इस इवेंट में मेरा अनुभव
पहना दिनः बेंगलुरू से मदिकेरी/कुर्ग तक की ड्राइव
पहले दिन मुझे ऐसा लगा कि मैं पहले भी इसका अनुभव कर चुका हूं। मैं अल सुबह फ्लाइट से बेंगलुरू एयरपोर्ट पहुंचा और फिर ताज होटल में नाश्ता करने के बाद मीडिया ब्रीफ के लिए उपस्थित हुआ। हालांकि पिछले साल के उलट इस साल मैं काॅन्वाॅय से जुड़ नहीं पाया और होटल से सबसे आखिर में निकला।
पिछले साल की तरह इस इवेंट के 11वे एडिशन में मुझे एक ऑटोमोबाइल जर्नलिस्ट का साथ मिला और वो कोई नहीं बल्कि जिग व्हील्स के सुकृत कुमार थे जो पिछली बार भी मेरे साथ थे। हरी झंडी मिलने के बाद हमें 300 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी और इस बीच हमें लंच के लिए भी रूकना था।
इस तीन दिवसीय इवेंट में हमें होंडा सिटी ड्राइव करने के लिए मिली थी जिसके कई वेरिएंट्स को ड्राइव करने का हमें मौका दिया गया। सबसे पहले हमें होंडा सिटी पेट्रोल मैनुअल ड्राइव करने का मौका मिला।
पूरे दिन हमनें इसे हाईवे पर ड्राइव किया जिससे हम इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला पाए। इस दौरान ही हमें छठे गियर की महत्वता का भी पता चला क्योंकि इस समय इंजन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रात में होटल की तरफ जाते समय रास्ता थोड़ा खराब था मगर होंडा सिटी के सस्पेंशन ने हमें बिल्कुल भी अनकंफर्टेबल नहीं होने दिया। होटल पहुंचने के बाद हमनें खाना खाया और साथी पत्रकारों से कुछ गुफ्तगु की।
दूसरा दिनः मदिकेरी से कुर्ग वाया वायनाड
दूसरे दिन हमें 170 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी जहां हमें वायनाड स्थित सप्था रिसाॅर्ट तक पहुंचना था। ब्रेकफास्ट करने के बाद हम अपनी कारों में बेंगलुरू से केरल पहुंच गए थे। इस यात्रा के दौरन हमें काफी घुमावदार रास्ते मिले और इस दिन हम सिटी का हाइब्रिड माॅडल चला रहे थे।
कम स्पीड पर भी होंडा सिटी का स्ट्राॅन्ग हाइब्रिड पावरट्रेन काफी अच्छी तरह से काम कर रहा था और हम इसे प्योर ईवी मोड पर ड्राइव कर रहे थे। हार्ड थ्राॅटल देने पर इसके इंजन का एक्शन शुरू हो जाता है और पूरी तरह से इंजन मोड आने पर ये कार हाइब्रिड मोड पर चलती है। इसका बैट्री रीजनरेशन मोड भी अपना काम बखूबी करता है जो कम स्पीड पर ब्रेकिंग के दौरान रेंज को बढ़ाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो इस राइड के दौरान एक समय हमें 570 किलोमीटर की रेंज दिख रही थी जो बाद में हमारे थोड़े रफ ड्राइविंग पैटर्न के बाद 530 किलोमीटर पर आ पहुंची। इसके बाद रीजनरेशन मोड ने अपना काम शुरू किया और इससे रेंज बढ़कर 550 किलोमीटर हो गई।
इसी दौरान हमें इसके एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को भी अच्छे से परखने का मौका मिला जो कई मौको पर हमें अलर्ट करता रहा। हालांकि ड्राइव करते हुए जब एक टू व्हीलर मेरी कार के आगे से रोड क्राॅस कर रहा था तब इससे मुझे केवल फाॅरवर्ड काॅलिजन वाॅर्निंग का अलर्ट मिला। मेरे को ड्राइवर सुकृत ने लेन कीप असिस्ट का इंस्पेक्शन किया।
दोपहर को हम वायनाड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी विजिट को गए जहां टाइगर,पैंथर, स्लाॅथ बियर,और हाथी जैसे जानवर निवास करते हैं। हालांकि हमारा सामना केवल मोर, जायंट स्पाइडर,और बड़े हाथियों से ही हुआ। ये वाइल्डलाइफ ड्राइव 10 किलोमीटर की थी। रात को वापस लौटते समय हमें ज्यादा समय नहीं लगा। दूसरे दिन भी हमनें रात में थोड़ी ड्रिंक्स के साथ रात के खाने और गपशप करते हुए बिताई।
तीसरा दिनः वायनाड से कोच्चि
ये हमारी यात्रा का आखिरी दिन था। हमें कोच्चि पहुंचना था जिसके लिए हमें जल्दी भी उठना था। हमारी आखिरी मंजिल 250 किलोमीटर दूर थी।
इस बार हमें सिटी का पेट्रोल ऑटोमैटिक ड्राइव करने का मौका मिला था और हमें स्टेट और नेशनल हाईवे से होते हुए कार ड्राइव करनी थी। कई बार रास्ता काफी अच्छा भी था और हमारी इस आखिरी दिन की ट्रिप में होटल काफी दूर था । इस दौरान दिशा से हम भटके भी जिसके कारण रात 10 बजे हम अपने होटल पहुंचे।
कई जगह काफी ज्यादा अंधेरा था मगर होंडा सिटी की 9 पीस एलईडी लाइट ने हमारा बचाव किया। इस कार का एक और लेफ्ट ओआरवीएम माउंटेड लेन वाॅच कैमरा भी हमारे काफी काम आया जो सिटी के ट्रैफिक में तो काफी ज्यादा काम आता है।
रात को देरी से पहुंचने के बाद हमनें डिनर किया और सुबह हमें जल्दी फ्लाइट भी पकड़नी थी। कुल मिलाकर होंडा सिटी के साथ तीन दिन बिताना काफी सुखद रहा और हमनें इसे पूरी तरह से एंजाॅय किया।
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