जल्द भारत में फ्लाइंग कार का सपना हो सकता है साकार, चेन्नई की विनाता एयरोमोबिलिटी तैयार कर रही उड़ने वाली गाड़ी
क्या ये कार है? क्या ये ड्रोन है? इसकी तस्वीरों को देखकर तो इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की जा सकती है। मगर, चेन्नई बेस्ड विनाता एयरोमोबिलिटी ने सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाल ही में एक प्रेजेंटेशन दी है जिसे देखने के बाद उन्होंने खुद ट्वीट किया कि “ऐसे प्रोजेक्ट्स को पब्लिक मोबिलिटी और कार्गो ट्रांसपोर्ट करने के उपयोग में लिया जाएगा और ये मेडिकल इमरजैंसी में भी काम आएगी।”
कौन है विनाता एयरोमोबिलिटी?
ये एक स्टार्टअप कंपनी है जो एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार तैयार कर रही है। कंपनी की वेबसाइट की मानें तो इसका पहला प्रोटोटाइप एक ऑटोनॉमस फ्लाइंग व्हीकल है जो बायो फ्यूल और इलेक्ट्रिक व्हीकल बैट्री की पावर से उड़ेगा और चलेगा। इस स्टार्टअप के सीईओ योगेश नागर हैं और इसके प्रिंसिपल एडवाइजर डॉ.ए.ई मुथुनयागाम हैं जो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन में इंडिया के टॉप स्पेस साइंटिस्ट हैं।
कैसे काम करेगा ये कॉन्सेप्ट ?
ऐसी कारें पहले केवल किसी सपने जैसी ही थी जिनमें बैठकर आप ट्रैफिक में अटकने के बाद एक बटन दबाकर हवा में उड़ते हुए ट्रैफिक से दूर आराम से कहीं भी पहुंच सकते हैं। हालांकि विनाता के इस कॉन्सेप्ट में व्हील्स भी लगे हैं जिनमें शायद ड्राइविंग से जुड़े कंपोनेंट्स नहीं लगे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि ये रोड पर चलते हुए एकदम से हवा में नहीं उड़ेगी। स्टार्टअप का कहना है कि ये वर्टिकल लैंडिंग में सक्षम होगी और कही से भी टेकऑफ कर सकेगी। हुंडई भी कुछ ऐसी ही फ्लाइंग टैक्सी कारों पर काम कर रही है।
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को दिखाया गया मॉडल रेनो ट्विजी और क्वाडकॉप्टर ड्रोन का क्रॉसओवर वर्जन लग रहा है। इसके हर कॉर्नर पर कोएक्सियल रोटर्स लगे हैं और इसमें चार व्हील भी दिए गए हैं। इसके रियर मॉडल में केवल दो ही पैसेंजर सवार हो सकेंगे और इसकी पेलोड कैपेसिटी 300 किलोग्राम होगी। वहीं बिना पैसेंजर लोड के इसका वजन 990 किलोग्राम होगा।
विनाता एयरो का दावा है कि उनकी ये कार एक घंटे तक करीब 100 किलोमीटर हवा में उड़ सकेगी। कंपनी का दावा है कि ये 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकेगी और इसे 3000 फीट की उंचाई तक ले जाया जा सकेगा।
इसे बायोफ्यूल इलेक्ट्रिक जनरेटर और ऑनबोर्ड ईवी बैट्री से पावर मिलेगी। अभी इसके बैट्री और मोटर स्पेसिफिकेशन से पर्दा नहीं उठा है। सेफ्टी के लिए इसमें प्रोपल्शन सॉफ्टवेयर दिया जाएगा जो कार की परफैक्ट लैंडिंग कराने में मदद करेगा।
क्या सिटी में ड्राइव की जा सकेगी ये कार?
3000 फीट की ऊंचाई पर 100 किलोमीटर तक उड़ सकने वाली इस कार को सिटी में ज्यादा ड्राइव नहीं किया जा सकेगा। आने वाले समय में ऐसे व्हीकल्स के लिए लैंडिंग स्टेशंस तैयार किए जाएंगे जो सीधे बस स्टेशन और मेट्रो स्टेशंस से कनेक्टेड होंगे।
हालांकि ऐसे प्रोजेक्ट्स के सामने कुछ चुनौतियां भी है। पहला तो ये कि विनाता एयरो जैसी कंपनियां ऐसे व्हीकल्स की प्राइस कैसे तय करेगी। दूसरा ये कि इन्हें अगर लोगों की सर्विस के लिए शामिल किया जाता है तो इनका किराया आम आदमी के हिसाब से तय किया जाना चाहिए।
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इसमें कोई शक नहीं कि फ्लाइंग कारें शहरों में ट्रांसपोर्ट की जरूरतों की शक्ल ओ सूरत बदल देगी। ये आपातकालीन सेवाओं में भी काफी काम की साबित हो सकती है। इस तरह की फ्लाइंग कारों की खबरें इंटरनेट पर वायरल होने के बाद क्या पता कि स्मॉल कैपेसिटी वाली एयरो टैक्सी महज सपना नहीं बल्कि हकीकत बन जाए।
सीईएस 2022 में विनाता एयरो के फर्स्ट प्रोटोटाइप को शोकेस किया जा सकता है और उम्मीद है कि इसका प्रोडक्शन 2023 तक शुरू किया जा सकता है। इसके बारे में और ज्यादा जानकारियां यूके में अक्टूबर में आयोजित होने वाले हेलिटेक एक्सपो 2021 में दी जाएगी।
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