मारुति डिजायर 3000 किलोमीटर रिव्यू: मुंबई के तीन ट्रिप्स
Published On अप्रैल 08, 2025 By भानु for मारुति डिजायर
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1 जनवरी की अल सुबह जब लगभग पूरा देश सो रहा था,हमनें परिवार के साथ कुछ वक्त बिताने के लिए पुणे से मुंबई जाने का तय किया। ये पहली बार था जब हम डिजायर को पुणे से बाहर कहीं लेकर जाने वाले थे। अगले दो महीने में हम दो बार पुणे-मुंबई का सफर भी तय करने वाले थे जहां हम इसे अलग अलग तरह के रास्तों पर लेकर निकलने वाले थे जिसमें परिस्थितियां भी अलग रहने वाली थी और लोग भी अलग ही होने वाले थे।
पुणे में मेरे घर से एक्सप्रेसवे लगभग 20 मिनट की ड्राइव के बाद शुरू होता है, जहां आपको सुबह-सुबह बहुत सारे ट्रक और बसें दिखाई दे जाएंगी। ऐसे में यहां मुझे काफी सतर्क रहना था और कार को धीरे ही ड्राइव करना था क्योंकि सुबह के समय में अक्सर ट्रक ड्राइवर नींद में ही होते हैं।
लेकिन एक बार जब मैं एक्सप्रेसवे पर पहुंच जाता हूं, तो मुझे अगले ढाई घंटे के लिए खुली सड़क मिल जाती है। अपनी पहली यात्रा पर, मुझे सामान्य से कम ट्रैफ़िक की उम्मीद थी क्योंकि यह नए साल का दिन था, और मैंने बिना रुके सीधे मुंबई जाने का फैसला किया। मगर जैसे ही मैं 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने के लिए आगे बढ़ने लगा,मैंने एक बात महसूस की।
डिजायर को 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ने में जोर आता है। 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक तो इसका एक्सलरेशन स्मूद और फुर्तिला रहता है। इस दौरान आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती है और इस स्पीड पर आने के लिए ये ज्यादा समय भी नहीं लेती है। मगर जैसे ही ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड की तरफ बढ़ती है तो आपको ऐसा महसूस होगा कि इसे काफी जोर लग रहा है।
मगर हाईवे पर एक चीज अच्छी भी लगी। यहां इसने हमें 24 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया। हाईवे पर डिजायर काफी अच्छा माइलेज देती है लेकिन इसके लिए आपको परफॉर्मेंस से समझौता करना पड़ता है। मगर मुंबई से पुणे वापस लौटते समय तो इसकी परफॉर्मेंस और भी बेजान लगी क्योंकि इस दौरान चढ़ाई चढ़नी थी।
इसके बाद हम जनवरी के मध्य में मुंबई गए थे और इस बार में हाईवे पर कम परफॉर्मेंस के लिए तैयार था और मुझे इससे ज्यादा उम्मीद नहीं थी। हमनें इसे सिटी में भी खूब ड्राइव किया जहां हम बांद्रा से वर्सोवा गए और वहां से गोरेगांव। मुझे कई जगह जाना था जिसका मतलब ये हुआ कि मुझे मुंबई के ट्रैफिक में काफी सफर करना था।
यहां डिजायर ने अपनी कीमत दिखाई। जहां हाईवे पर इसकी परफॉर्मेंस कम थी तो वहीं सिटी में इसमें पावर में कोई कमी नजर नहीं आई। इस दौरान मैंने काफी समय तक इसे दूसरे या तीसरे गियर में ही ड्राइव किया और आसानी से ओवरटेक भी कर पाया। इसके कॉम्पैक्ट साइज की मदद से मैं ट्रैफिक में भी आसानी से ड्राइव कर पाया यहां तक कि सिटी में डिजायर ने मुझे 15 से 17 किलोमीटर प्रति किलोमीटर का माइलेज आराम से दिया।
मगर जैसे ही शाम के 5 बजे तो ट्रैफिक फिर से बढ़ने लगा और बंंपर टू बंपर ट्रैफिक में मुझे इसे पहले गियर में ड्राइव करना पड़ा। मुझे इसे काफी ध्यान से ड्राइव करना पड़ा क्योंकि पहले गियर पर इंजन से ज्यादा पावा नहीं मिलती है और मैं ट्रैफिक के बीच में बिल्कुल भी अटकना नहीं चाहता था।
मेरी आखिरी ट्रिप फरवरी में हुई जहां मेरे साथ और भी लोग शामिल होने वाले थे। काफी समय तक तो कार में 4 लोग साथ रहे और मुझ समेत सभी लोगों का मानना था कि हम सब काफी कंफर्टेबल रहे। हमनें जूहू कि सीधी सपाट सड़कों पर इसे ड्राइव किया और इस दौरान गोरेगांव में थोड़े टूटे फूटे रास्ते भी आए। सभी तरह की परिस्थितियों और रास्तों पर डिजायर ने सभी पैसेंजर्स को कंफर्टेबल रखा।
सबसे खास बात ये है कि सिटी मे इसकी फ्यूल एफिशिएंसी 15 से 17 किलोमीटर प्रति लीटर रही। सिटी के हिसाब से डिजायर काफी शानदार कार है। ना केवल इसकी आरामदायक ड्राइविंग बल्कि इसका माइलेज भी आपको काफी राहत देता है।
आने वाले महीनों में मैं डिजायर के साथ और भी समय बिताउंगा और इसबार इसके स्पेस और फीचर्स पर ज्यादा फोकस रहेगा। ऐसे में बने रहिए कारदेखो के साथ
खूबियां: डिजायन,फीचर्स,सिटी में ड्राइविंग,राइड कंफर्ट
कमियां: हाईवे पर पावर की कमी
ड्राइव के लिए किस दिन मिली: 16 दिसंबर 2024
टेस्ट से पहले कितने किलोमीटर की जा चुकी थी ड्राइव: 723 किलोमीटर
अब तक कितने किलोमीटर की जा चुकी है ड्राइव: 3921 किलोमीटर