• English
  • Login / Register

फोर्ड इकोस्पोर्ट 3000 किलोमीटर रिव्यू: सर्विस कॉस्ट

Published On अगस्त 28, 2020 By भानु for फोर्ड इकोस्पोर्ट 2015-2021

  • 1 View
  • Write a comment

मीडिया ड्राइव के लिए दी जाने वाली कारें जिन्हें कटलेट कहा जाता है उन्हें रेगुलर सर्विस की जरूरत ही नहीं पड़ती है। उनकी ना तो पहली सर्विस होती है और ना दूसरी ना तीसरी। सर्विस सेंटर पर उनकी एकदम सही ढंग से जांच होती है जिस पार्ट को बदलने की जरूरत होती है उसे फौरन बदल दिया जाता है। 12,828 किलोमीटर चल चुके एक ऐसे ही कटलेट को हमने भी 3000 किलोमीटर ड्राइव किया है जिसकी सर्विस कॉस्ट का एक्सपीरियंस हम आपसे यहां शेयर कर रहे हैं। 

गोवा ट्रिप के दौरान हमारी फोर्ड इकोस्पोर्ट के लेफ्ट टायर वॉल पर एक कट लग गया। इसके बाद फ्रंट में दाईं ओर वाले टायर में बबलिंग होने लगी। ऐसे में दोनों टायरों को बदलना पड़ा और एक टायर की प्राइस 7188 रुपये पड़ी। टायर बदलने के लिए 576 रुपये लेबर चार्ज के रूप में देने पड़े। ऐसे में टैक्स समेत टोटल बिल 19,069 रुपये हुआ। फोर्ड ईकोस्पोर्ट में दिए गए 17 इंच व्हील दिखने में तो काफी आकर्षक लगते हैं बल्कि इनकी मेंटेनेंस काफी ज्यादा आती है। दूसरे पार्ट्स की बात करें तो स्पीकर की प्राइस 1570, एसी कंपोनेंट की प्राइस 1610 रुपये और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम की कीमत 2133 रुपये है। एक टायर में टीपीएमएस सेंसर काम नहीं कर रहा था इसलिए थोड़े और पैसे खर्च करने पड़े। 

इसके अलावा इंजन ऑइल, ब्रेक पैड्स और ऑयल फिल्टर्स को रिप्लेस कराने की जरूरत नहीं पड़ी। इसकी सर्विसिंग पर कुल 26,620 रुपये का खर्चा आया। इस कुल खर्चे का एक बड़ा हिस्सा दोनों टायरों के खाते में गया जबकि बाकी की लागत को ठीक ठाक ही माना जा सकता है। फोर्ड ने कार को सैनिटाइज भी किया जिसका उन्होंने कोई चार्ज नहीं लिया। जबकि मारुति जैसी दूसरी कंपनियां कार सैनिटाइजिंग के लिए 175 रुपये अलग से चार्ज करती है, वहीं हुंडई मोटर्स स्मोक सैनिटाइजेशन के लिए 1000 रुपये के लगभग वसूलती है। इसके अलावा फोर्ड कार के लिए फ्री पिकअप और ड्रॉप की सुविधा भी देती है। 

जब हमें स​र्विसिंग के बाद कार वापस लौटाई गई तब भी उसमें कुछ छोटी मोटी समस्याएं आ रही थी। टायर बदलने के बाद उन्होंने उसकी बैलेंसिंग ठीक से सैट नहीं की। इससे 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से गाड़ी चलाने पर फ्रंट टायर्स वाइब्रेट करने लगे जिसकी जांच सर्विस सेंटर पर होनी चाहिए थी। सर्विस सेंटर पर वायपर ब्लेड की भी जांच नहीं की गई। मानसून को देखते हुए उसकी जांच होनी चाहिए थी और जरूरत पड़ने पर उन्हें बदला भी जाना चाहिए था। ग्लब बॉक्स के नीचे दिया गया पैनल भी एक स्क्रू पर लटक रहा था। हालांकि, इसमें फोर्ड की गलती को एक बार ये सोचकर नजरअंदाज किया जा सकता है कि हाल ही में लॉकडाउन हटाया गया है जिसके बाद से सर्विस सेंटर पर काफी संख्या में कारें सर्विसिंग के लिए पहुंच रही है। 

यदि आप ये सोचते हैं कि रेगुलर सर्विस कॉस्ट कितनी पड़ेगी तो इसका जवाब भी हमारे पास है। एक 20,000 किलोमीटर चल चुकी इकोस्पोर्ट की जब हमने सर्विसिंग कराई तो इसपर कुल 4,174 रुपये का खर्च आया। पेड सर्विस कॉस्ट 2413 रुपये थी जबकि बाकी के​ हिस्से में लेबर चार्ज और टैक्स शामिल थे। इसके अलावा कोई पार्ट भी चेंज नहीं हुआ। यहां बताया गया अमाउंट फोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए अमाउंट के लगभग करीब ही रहा। फोर्ड कस्टमर्स की सुविधा के लिए अपनी वेबसाइट पर टोटल सर्विस कॉस्ट और बदले जाने वाले पार्ट्स की जानकारी मुहैया कराती है ताकि उन्हें पूरे खर्च की जानकारी मालूम हो सके।

Published by
भानु

नई एसयूवी कारें

अपकमिंग कारें

पॉपुलर एसयूवी कारें

×
We need your सिटी to customize your experience