यदि आपने एक दिसंबर से पहले फास्टैग नहीं लिया तो ऐसे पड़ सकता है भारी!
प्रकाशित: नवंबर 26, 2019 07:34 pm । भानु
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हाल ही में भारत सरकार ने ऐलान किया है कि 1 दिसंबर से देश के सभी नेशनल हाईवे पर अनिवार्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट शुरू होने जा रहा है जिसको फास्टैग नाम दिया गया है। ऐसे में कार रखने वालों के लिए भी फास्टैग खरीदना अनिवार्य होगा। फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो वाहन की विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाया जाता है। इस टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी है जो कि सीधे आपके बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से लिंक होगा।
इस नए नियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार पैनल्टी वसूलने की भी तैयारी कर रही है। नियमों के अनुसार यदि आप वैद्य फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो आपको टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा। एनएचएआई के अनुसार इस समय देश भर के 537 टोल प्लाजा में से 90 प्रतिशत से अधिक पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस हैं। थोड़े समय के लिए हैवी ड्यूटी व्हीकल्स की सुविधा के लिए कैश लेन की व्यवस्था की गई है।
एनएचएआई, वाहन मालिकों को ई-टोलिंग के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए 1 दिसंबर से पहले पहले बिना किसी शुल्क के फास्टैग मुहैया करा रही है। वैसे फास्टैग्स बहुत सी जगह पर आसानी से उपलब्ध हैं। इसे 22 प्रमाणित बैंकों की चुनिंदा ब्रांचो के साथ-साथ नेशनल हाईवे के टोल प्लाज़ा से भी प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, इसे अमेज़न जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के ज़रिए भी खरीदा जा सकता है। यहां एक ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रत्येक फास्टैग केवल एक वाहन के लिए मान्य है। ऐसे में वाहन मालिकों को अपने अन्य वाहनों के लिए अलग अलग फास्टैग खरीदने होंगे। फास्टैग प्राप्त करने के लिए वाहन स्वामी को कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी पेश करने होंगे।
फास्टैग एनएचएआई प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा हुआ है, इसे विभिन्न तरीकों जैसे चेक, डेबिट / क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी, यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा देश में 1 दिसंबर से अनिवार्य होने जा रहे फास्टैग से जुड़े तमाम सवालों के जवाब आप यहां देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें:पिछले हफ्ते क्या कुछ रहा ऑटो सेक्टर में ख़ास, पढ़ें टॉप 5 कार न्यूज़
हाल ही में भारत सरकार ने ऐलान किया है कि 1 दिसंबर से देश के सभी नेशनल हाईवे पर अनिवार्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट शुरू होने जा रहा है जिसको फास्टैग नाम दिया गया है। ऐसे में कार रखने वालों के लिए भी फास्टैग खरीदना अनिवार्य होगा। फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो वाहन की विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाया जाता है। इस टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी है जो कि सीधे आपके बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से लिंक होगा।
इस नए नियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार पैनल्टी वसूलने की भी तैयारी कर रही है। नियमों के अनुसार यदि आप वैद्य फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो आपको टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा। एनएचएआई के अनुसार इस समय देश भर के 537 टोल प्लाजा में से 90 प्रतिशत से अधिक पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस हैं। थोड़े समय के लिए हैवी ड्यूटी व्हीकल्स की सुविधा के लिए कैश लेन की व्यवस्था की गई है।
एनएचएआई, वाहन मालिकों को ई-टोलिंग के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए 1 दिसंबर से पहले पहले बिना किसी शुल्क के फास्टैग मुहैया करा रही है। वैसे फास्टैग्स बहुत सी जगह पर आसानी से उपलब्ध हैं। इसे 22 प्रमाणित बैंकों की चुनिंदा ब्रांचो के साथ-साथ नेशनल हाईवे के टोल प्लाज़ा से भी प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, इसे अमेज़न जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के ज़रिए भी खरीदा जा सकता है। यहां एक ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रत्येक फास्टैग केवल एक वाहन के लिए मान्य है। ऐसे में वाहन मालिकों को अपने अन्य वाहनों के लिए अलग अलग फास्टैग खरीदने होंगे। फास्टैग प्राप्त करने के लिए वाहन स्वामी को कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी पेश करने होंगे।
फास्टैग एनएचएआई प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा हुआ है, इसे विभिन्न तरीकों जैसे चेक, डेबिट / क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी, यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा देश में 1 दिसंबर से अनिवार्य होने जा रहे फास्टैग से जुड़े तमाम सवालों के जवाब आप यहां देख सकते हैं।
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हाल ही में भारत सरकार ने ऐलान किया है कि 1 दिसंबर से देश के सभी नेशनल हाईवे पर अनिवार्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट शुरू होने जा रहा है जिसको फास्टैग नाम दिया गया है। ऐसे में कार रखने वालों के लिए भी फास्टैग खरीदना अनिवार्य होगा। फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो वाहन की विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाया जाता है। इस टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी है जो कि सीधे आपके बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से लिंक होगा।
इस नए नियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार पैनल्टी वसूलने की भी तैयारी कर रही है। नियमों के अनुसार यदि आप वैद्य फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो आपको टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा। एनएचएआई के अनुसार इस समय देश भर के 537 टोल प्लाजा में से 90 प्रतिशत से अधिक पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस हैं। थोड़े समय के लिए हैवी ड्यूटी व्हीकल्स की सुविधा के लिए कैश लेन की व्यवस्था की गई है।
एनएचएआई, वाहन मालिकों को ई-टोलिंग के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए 1 दिसंबर से पहले पहले बिना किसी शुल्क के फास्टैग मुहैया करा रही है। वैसे फास्टैग्स बहुत सी जगह पर आसानी से उपलब्ध हैं। इसे 22 प्रमाणित बैंकों की चुनिंदा ब्रांचो के साथ-साथ नेशनल हाईवे के टोल प्लाज़ा से भी प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, इसे अमेज़न जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के ज़रिए भी खरीदा जा सकता है। यहां एक ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रत्येक फास्टैग केवल एक वाहन के लिए मान्य है। ऐसे में वाहन मालिकों को अपने अन्य वाहनों के लिए अलग अलग फास्टैग खरीदने होंगे। फास्टैग प्राप्त करने के लिए वाहन स्वामी को कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी पेश करने होंगे।
फास्टैग एनएचएआई प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा हुआ है, इसे विभिन्न तरीकों जैसे चेक, डेबिट / क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी, यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा देश में 1 दिसंबर से अनिवार्य होने जा रहे फास्टैग से जुड़े तमाम सवालों के जवाब आप यहां देख सकते हैं।
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हाल ही में भारत सरकार ने ऐलान किया है कि 1 दिसंबर से देश के सभी नेशनल हाईवे पर अनिवार्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट शुरू होने जा रहा है जिसको फास्टैग नाम दिया गया है। ऐसे में कार रखने वालों के लिए भी फास्टैग खरीदना अनिवार्य होगा। फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो वाहन की विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाया जाता है। इस टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी है जो कि सीधे आपके बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से लिंक होगा।
इस नए नियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार पैनल्टी वसूलने की भी तैयारी कर रही है। नियमों के अनुसार यदि आप वैद्य फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो आपको टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा। एनएचएआई के अनुसार इस समय देश भर के 537 टोल प्लाजा में से 90 प्रतिशत से अधिक पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस हैं। थोड़े समय के लिए हैवी ड्यूटी व्हीकल्स की सुविधा के लिए कैश लेन की व्यवस्था की गई है।
एनएचएआई, वाहन मालिकों को ई-टोलिंग के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए 1 दिसंबर से पहले पहले बिना किसी शुल्क के फास्टैग मुहैया करा रही है। वैसे फास्टैग्स बहुत सी जगह पर आसानी से उपलब्ध हैं। इसे 22 प्रमाणित बैंकों की चुनिंदा ब्रांचो के साथ-साथ नेशनल हाईवे के टोल प्लाज़ा से भी प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, इसे अमेज़न जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के ज़रिए भी खरीदा जा सकता है। यहां एक ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रत्येक फास्टैग केवल एक वाहन के लिए मान्य है। ऐसे में वाहन मालिकों को अपने अन्य वाहनों के लिए अलग अलग फास्टैग खरीदने होंगे। फास्टैग प्राप्त करने के लिए वाहन स्वामी को कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी पेश करने होंगे।
फास्टैग एनएचएआई प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा हुआ है, इसे विभिन्न तरीकों जैसे चेक, डेबिट / क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी, यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा देश में 1 दिसंबर से अनिवार्य होने जा रहे फास्टैग से जुड़े तमाम सवालों के जवाब आप यहां देख सकते हैं।
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