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देश में जल्द लागू होने जा रहे हैं गाड़ी के टायरों से जुड़े नए नियम,जनता को कैसे होगा फायदा

प्रकाशित: मई 25, 2021 10:49 am । भानु

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बस,ट्रक और कारों के टायरों से जुड़े नए नियम लागू किए जाने का एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 

इन नए नॉर्म्स के मुताबिक अब कं​पनियों को ऐसे टायर तैयार करने होंगे जिनकी रोलिंग रेजिस्टेंस अच्छी हो,गीली सड़कों पर भी उनकी ग्रिप बनी रहे और सड़क पर चलते हुए वो ज्यादा शोर ना करें। 

यदि ये नए नॉर्म्स लागू कर दिए गए तो फिर टायर बनाने वाली कंपनियों को 1 अक्टूबर 2021 से इन्हीं नॉर्म्स के अनुसार टायर डिजाइन करने होंगे और 1 अक्टूबर 2022 तक ​टायरों के मौजूदा डिजाइन को उन्हें बदलने का मौका दिया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: योकोहामा ब्लूअर्थ जीटी टायर्स: फ्लीट इंट्रोडक्शन

बता दें कि टायरों की रोलिंग रेजिस्टेंस का असर गाड़ी की फ्यूल एफिशिएंसी पर पड़ता है। वहीं यदि गीली सतहों पर टायर की ग्रिप मजबूत रहती है तो उससे गाड़ी की ब्रेकिंग परफॉर्मेंस अच्छी होती है। दूसरी तरफ साउंड एमिशन के जरिए टायरों से आने वाली आवाज कम होगी जिससे फिर ध्वनि प्रदूषण नहींं होगा। 

यह भी पढ़ें:यदि आपकी कार में दिए गए हैं ये दो फीचर तो स्पेयर व्हील रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इन नए नॉर्म्स को लेकर सुझाव भी मांगे गए हैं जो आप भी morth@gov.in के कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं। ये नॉर्म्स लागू होते ही व्हीकल ओनर्स को अपनी गाड़ियों में बेहतर सेफ्टी,बूेहतर परफॉर्मेंस,ज्यादा माइलेज मिलेगा। वहीं नॉइस पॉल्यूशन की समस्या से भी निजात मिलेगी। 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बस,ट्रक और कारों के टायरों से जुड़े नए नियम लागू किए जाने का एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 

इन नए नॉर्म्स के मुताबिक अब कं​पनियों को ऐसे टायर तैयार करने होंगे जिनकी रोलिंग रेजिस्टेंस अच्छी हो,गीली सड़कों पर भी उनकी ग्रिप बनी रहे और सड़क पर चलते हुए वो ज्यादा शोर ना करें। 

यदि ये नए नॉर्म्स लागू कर दिए गए तो फिर टायर बनाने वाली कंपनियों को 1 अक्टूबर 2021 से इन्हीं नॉर्म्स के अनुसार टायर डिजाइन करने होंगे और 1 अक्टूबर 2022 तक ​टायरों के मौजूदा डिजाइन को उन्हें बदलने का मौका दिया जाएगा। 

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बता दें कि टायरों की रोलिंग रेजिस्टेंस का असर गाड़ी की फ्यूल एफिशिएंसी पर पड़ता है। वहीं यदि गीली सतहों पर टायर की ग्रिप मजबूत रहती है तो उससे गाड़ी की ब्रेकिंग परफॉर्मेंस अच्छी होती है। दूसरी तरफ साउंड एमिशन के जरिए टायरों से आने वाली आवाज कम होगी जिससे फिर ध्वनि प्रदूषण नहींं होगा। 

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इन नए नॉर्म्स को लेकर सुझाव भी मांगे गए हैं जो आप भी morth@gov.in के कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं। ये नॉर्म्स लागू होते ही व्हीकल ओनर्स को अपनी गाड़ियों में बेहतर सेफ्टी,बूेहतर परफॉर्मेंस,ज्यादा माइलेज मिलेगा। वहीं नॉइस पॉल्यूशन की समस्या से भी निजात मिलेगी। 

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