इसलिए सेफ्टी फीचर्स में रूचि नहीं ले रहे हैं छोटी कारों के ग्राहक
प्रकाशित: जून 20, 2016 04:28 pm । tushar
- 15 Views
- Write a कमेंट
सड़कों पर होने वाली कार दुर्घटनाएं और इन में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। इसके लिए ज्यादातर लोग कार कंपनियों को दोषी ठहराते हैं और कारों में सेफ्टी फीचर मसलन एयरबैग्स और एबीएस न देने के लिए कंपनियों की आलोचना करते हैं लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है।
बढ़ती जागरूकता के बीच एक बड़ा ग्राहक वर्ग ऐसा भी है, जो सेफ्टी फीचर्स को या तो तव्ज्जो नहीं देता है या फिर उनकी ऐसे फीचर्स में कोई रूचि नहीं होती है। खासतौर पर छोटी कारें खरीदने वाले ग्राहक कीमत बढ़ने की वजह से ऑप्शनल सेफ्टी फीचर्स को नहीं चुनते हैं।
छोटी कारों मसलन मारूति ऑल्टो-800 और ऑल्टो के-10 में कंपनी ने ऑप्शनल ड्राइवर एयरबैग का विकल्प दिया हुआ है वहीं वैगन-आर में तो एबीएस और ड्यूल एयरबैग्स का विकल्प मौजूद है। बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन कारों के सेफ्टी वेरिएंट की बिक्री दो फीसदी से भी कम है। ऐसे ही स्विफ्ट हैचबैक और कॉम्पैक्ट सेडान डिज़ायर खरीदने वाले महज़ 10 से 15 फीसदी ग्राहक ही ऑप्शनल सेफ्टी फीचर्स को चुनते हैं। दरअसल ऑप्शनल सेफ्टी फीचर्स की वजह से कार की कीमत छह से लेकर 20 हजार रूपए तक बढ़ जाती है। ऐसे में कम ही ग्राहक इनको चुनते हैं।
वहीं कुछ ग्राहकों का कहना है कि कुछ कारों के सेफ्टी फीचर्स वाले वेरिएंट आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में मनचाहे मॉडल को बिना सेफ्टी फीचर्स के लेना पड़ता है।
सेफ्टी फीचर्स की अहमियत पर गौर करें तो एक्सीडेंट होने की स्थिति में एयरबैग्स और सीटबेल्ट जानलेवा चोट लगने की आशंका को 80 फीसदी तक घटा देते हैं। वैसे अच्छी बात यह है कि अक्टूबर 2017 से भारत में बिकने वाली सभी नई कारों में एयरबैग देना अनिवार्य होगा ताकि यह कारें भारतीय क्रैश टेस्ट मानकों पर खरी उतर सकें।
0 out ऑफ 0 found this helpful