बदलता ट्रेंडः एसयूवी के कद्रदान बढ़े, एमपीवी की बिक्री पर लगे ब्रेक
प्रकाशित: नवंबर 26, 2015 07:19 pm । manish
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घरेलू कार बाजार में एसयूवी कारें, एमपीवी (मल्टीपर्पज़ व्हीकल) पर भारी पड़ रही हैं। वजह है ग्राहकों का बदलता माइंडसेट। बड़ी कार खरीदने वाले ग्राहक एमपीवी के मुकाबले एसयूवी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। भले ही वे नई कार खरीद रहे हों या पुरानी। इसका नतीजा ये है कि मांग घट रही है। ऐसे में कंपनियां भी इनका प्रॉडक्शन घटा रही हैं। कार बनाने वाली कंपनियों के संगठन सियाम ने भी इस पर मुहर लगाई है।
सियाम (सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर महीने में त्योहारी सीजन होने के कारण जब कारों की बिक्री जोरों पर थी। उस समय होंडा ने अपनी एमपीवी मोबिलियो का उत्पादन रोक दिया था। बाद में दूसरी कंपनियो ने इस कदम को फॉलो किया। रेनो ने भी अक्टूबर में एमपीवी लॉजी की केवल एक ही कार बनाई। एमपीवी के लिए ग्राहकों की उदासीनता को देखते हुए देशभर की डीलरशिप में भी एमपीवी कारों का स्टॉक पहुंचने की रफ्तार सुस्त ही है। आलम ये है कि कभी ज्यादा डिमांड में रही मारूति की अर्टिगा और टोयोटा इनोवा की बिक्री भी खासी घटी है। वहीं महिंद्रा और शेवरले की ओवरऑल बिक्री में 25 फीसदी तक की गिरावट आई है।
इस बारें में होंडा कार इंडिया के सेल्स व मार्केटिंग सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ज्ञानेश्वर सैन का कहना है कि ‘मोबिलियो का उत्पादन हमारी योजना के अनुसार किया जा रहा है। हम प्रभावी ढंग से अपने ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए सभी मॉडलों का उत्पादन करते हैं।’
वहीं, रेनो इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित साहनी का कहना है कि ‘एमपीवी सेगमेंट में रफ्तार निश्चित तौर पर वापस लौटेगी। सरकार की ओर से 100 स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की जा चुकी है। ऐसे में इन जगहों पर लोगों का मूवमेंट बढ़ेगा तो निश्चित तौर एमपीवी सेगमेंट में भी मांग बढ़ेगी।’
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