दिल्ली में थमेंगे डीज़ल वाहनों के पहिए, एनजीटी ने 6 जनवरी तक लगाई रोक
प्रकाशित: दिसंबर 14, 2015 05:09 pm । sumit
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दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के तहत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने डीजल वाहनों के रजिस्ट्रशेन पर रोक लगा दी है। यह रोक 6 जनवरी, 2016 तक जारी रहेगी। इस निर्णय की पर्यावरण विदों की ओर से सराहना की जा रही है, वहीं यह निर्णय आॅटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता।
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के एक्सक्यूटिव डाॅयरेक्टर पवन गोयनका ने बताया कि ‘एनजीटी की ओर से दिल्ली में डीजल व्हीकल के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाना एक कठोर कदम है और इससे एयर क्वालिटी की गुणवत्ता के मुद्दे का समाधान नहीं होगा।’ इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए 15 साल से किए जा रहे अनुसंधान और विकास की बर्बादी पर खेद जताते हुए कहा कि ‘सरकार की ओर से लिए गए इस अप्रत्याशित निर्णय से लंबी अवधि के लिए किए जाने वाले निवेश पर प्रभाव पड़ेगा।’
सोसायटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर ने महिन्द्रा के एक्सक्यूटिव के साथ सहमति जताते हुए कहा कि ‘बीते कुछ सालों में अदालत ने हमसे जो कुछ कहा, हमने वह किया। हम यदि एक सही योजना के साथ नहीं आते हैं तो कोई भी परिणाम नहीं निकलेगा।’
आपको बता दें कि एनजीटी की ओर से हालही में 10 साल पुरानी डीज़ल कारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक अंतरिम है, लेकिन इससे डीजल कारों के भविष्य पर सवाल जरूर खड़ा हो गया है। इसके दूसरी ओर, आॅटोमोबाइल कंपनियों की ओर से डीजल इंजन में भारी निवेश किया गया है। कहना गलत न होगा कि लंबी अवधि के लिए लगाए गए इस प्रतिबंध के कारण हुंडई, होंडा, टोयोटा, रेनो और फोर्ड आदि अन्य आॅटो कंपनियों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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