भारत में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ ने शुरू किए अब नए नियम,क्या ड्राइविंग स्कूल्स इसके लिए हैं तैयार?
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए अमूमन तौर पर आपको ऑनलाइन असेसमेंट और ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए अपने नजदीकी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस जाना होता है। इन टेस्ट को पास करने के बाद ही कोई शख्स भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाने का पात्र बनता है। हालांकि, हाल ही में सामने आई खबरों को देखें तो भारत में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए एक नई गाइडलाइन का ऐलान किया है जो कि 1 जून 2024 से लागू हो चुकी है ।
इन गाइडलाइन के तहत ड्राइविंग स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर्स अब सीधे ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे और अब ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि,इस खबर की ठीक से पुष्टि नहीं हुई है इसलिए हमनें पूरे देश में मौजूद कुछ ड्राइविंग स्कूल्स से संपर्क किया और असलियत जानने की कोशिश की जिसके बारे में आप जानेंगे आगे:
क्या सही में होने जा रहा है ऐसा?
जहां इस नए नियम के बारे में एक भी ड्राइविंग स्कूल्स हमें आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने में असमर्थ रहा वहीं सभी सेंटर ने नई आरटीओ गाइडलाइंस को लेकर अपनी ओर से मना कर दिया। साथ ही ड्राइविंग स्कूलों ने ये भी बताया कि आधिकारिक तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने को लेकर नई गाइडलाइन के बारे में आरटीओ द्वारा उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है।
हालांकि, सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल 1989 के तहत भारत में ड्राइविंग स्कूल सें किसी आवेदक को पासिंग सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। वहीं मारुति ड्राइविंग स्कूल जैसे ट्रेनिंग सेंटर्स जहां पर क्लासरूम,ड्राइविंग सिम्यूलेटर्स,मल्टीपल टेस्ट ट्रैक्स जैसी सुविधाएं होती है उन्हे आज भी आवेदक को सीधे तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की अनुमति नहीं है। आधिकारिक तौर पर ये काम सिर्फ रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस द्वारा ही किया जाता है।
क्या चुनौतियां आ सकती है पेश?
नए रेगुलेशंस के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमनें कई ड्राइविंग स्कूस से संपर्क किया। उन्होनें बताया कि ट्रांसपोर्ट विभाग के मुताबिक इन नए रूल को लागू करने के बीच सबसे बड़ा और कॉमन चैलेंज जमीन अधिग्रहण है। सरकार से मान्यता प्राप्त 2 व्हीलर ट्रेनिंग स्कूल के लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी जरूरी है जबकि 4 व्हीलर ट्रेनिंग स्कूल के लिए कम से कम 2 एकड़ जमीन होनी जरूरी है। इन ट्रेनिंग सेंटर्स द्वारा हमें दी गई इस जानकारी के आधार पर तो यहीं कहा जा सकता है कि टियर 1 और टियर 2 शहरों में इतनी बड़ी जमीन को लीज पर लेना मौजूदा दौर में आसान नहीं है।
इसके अलावा ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग पाने वालों का लगातार आना भी एक चैलेंज हो सकता है। मारुति ड्राइविंग स्कूल के एक ट्रेनर के अनुसार कैंडिडेट को ड्राइविंग क्लासेज और ट्रेनिंग सेशंस अटेंड करने के लिए लगातार 30 दिन तो आना जरूरी ही है। हर दिन ट्रेनिंग पर आने वालों की बायोमैट्रिक अटेंडेंस आरटीओ को भेजी जाती है। एक दिन भी ट्रेनिंग पर ना पहुंचने पर प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। ऐसे में छोटे लेवल पर काम करने वाले ट्रेनिंग सेंटर्स को ऐसे रिकॉर्ड्स मेंटेन करना आसान नहीं हो पाएगा।
इतनी जमीन की क्यों है आवश्यकता?
नए रेगुलेशन के मुताबिक 2 व्हीलर और 4 व्हीलर ट्रेनिंग स्कूल के लिए इतनी जमीन की इसलिए जरूरत है ताकी एक ही ड्राइविंग स्कूल में वहां ट्रैक्स और रूकावटें बनाई जा सके। ये ट्रैक्स कुछ इस तरह से डिजाइन होने चाहिए कि इनमें ड्राइवर को थोड़े चैलेंज भी मिले ताकि वो एक अच्छा ड्राइवर बन सके और उसे फिर लाइसेंस दिया जा सके।
क्या पुरानी गाइडलाइन रहेगी?
चूंकि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए ड्राइविंग स्कूल्स का ऐसे नियम एवं शर्तों का पालन कर पाना संभव नहीं है ऐसे में मौजूा गाइडलाइन ही जारी रह सकती है। फिलहाल लोग परिवहन वेबसाइट पर सीधे जाकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर वो आरटीओ ऑफिस पर भी सीधे जाकर आवेदन कर सकते हैं। जो लोग लाइट मोटर व्हीकल यानी 4 व्हीलर का लाइसेंस लेना चाहते हैं उनकी उम्र 18 साल होना जरूरी है।
एप्लिकेशन डालने के बाद लर्निंग लाइसेंस पाने के लिए एक ऑनलाइन टेस्ट भी होता है। ये लर्निंग लाइसेंस 6 महीने तक के लिए वैध होता है और आप चाहें तो एक महीने के बाद ही प्रॉपर लाइसेंस के लिए भी अप्लाय कर सकते हैं। इस दौरान आप फाइनल ड्राइविंग टेस्ट के लिए अपने नजदीकी ड्राइविंग स्कूल जाकर ड्राइविंग क्लासेज ले सकते हैं। पक्का लाइसेंस पाने के लिए आवदेक को एक आरटीओ में एक ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। ये टेस्ट पास कर लेने के बाद आवेदक का लाइसेंस उसके पते पर पहुंच जाता है जो करीब 20 साल के लिए मान्य होता है।
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Good investigative reporting. All other websites claim that driving licenses can be obtained from driving schools and that there will be no need to go to an RTO for a driving license starting June 1.