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अपनी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में ऐसे कन्वर्ट करा सकते हैं आप, जानिए इससे जुड़े प्रोसेस,कानूनी प्रक्रिया,फायदे और कॉस्ट के बारे में

प्रकाशित: जून 06, 2024 01:59 pm । भानु

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ICE to EV conversion

पर्यावरण को बचाने के लिए या ज्यादा फ्यूल कॉस्ट में कटौती करने के लिए यदि आप ​इलेक्ट्रिक कार पर स्विच करने की सोच रहे हैं लेकिन आपके पास नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए बजट की कमी है तो अपनी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक व्हीकल में कंवर्ट करा सकते हैं। एक इंटरनल कंबस्शन इंजन कार को इलेक्ट्रिक कार में कंवर्ट कराने में क्या कुछ सामने आती है चुनौतियां और क्या कुछ आती है लाग और किन चीजों का रखना होता है ध्यान? इस बारे में सब कुछ जानिए आगे: 

क्या होता है ईवी कन्वर्जन किट?

कन्वर्जन किट एक तरह से कंपोनेंट्स का एक कलेक्शन होता है जो पेट्रोल या डीजल व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदल देता है। इन किट्स में आमतौर पर इलेक्ट्रिक मोटर,बैटरी पैक,कंट्रोलर,चार्जिंग सिस्टम और दूसरे कुछ जरूरी कंपोनेंट्स शामिल होते हैं। 

कन्वर्जन के समय इंटरनल कंब्सशन इंजन और उससे जुड़े कंपोनेंट्स को इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन कंपोनेंट्स से रिप्लेस कर दिया जाता है। इसका बेसिक प्रिंसिपल इलेक्ट्रिक व्हीकल के समान होता है जिसमें इलेक्ट्रिक मोटर से ​व्हीकल चलता है,बैटरी पैैक एनर्जी को स्टोर और सप्लाय करने का काम करता है और कंट्रोलर से इलेक्ट्रिकसिटी का फ्लो बना रहता है। कन्वर्जन किट के बारे में डीटेल के साथ जानिए आगे। 

फायदे 

कम ऑपरेशनल कॉस्ट

Maruti Dzire EV conversion by Northway Motorsport

पेट्रोल और डीजल व्हीकल्स के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ऑपरेट करने में काफी कम खर्चीले होते हैं। ऐसा इ​सलिए क्योंकि फ्यूल के मुकाबले प्रति किलोमीटर इलेक्ट्रिकसिटी काफी सस्ती होती है जिससे आप लंबे समय तक बचत कर सकते हैं। 

पुरानी कारों को मिल जाता है नया जीवन

नई दिल्ली में एक पेट्रोल कार की लाइफ 15 साल तक सीमित है और डीजल कार की लाइफ 10 साल जिसके बाद इन्हें स्क्रैप कर दिया जाता है। हालांकि,कन्वर्जन किट्स की मदद से पुरानी आईसीई कारों में फिर से जान फूंकी जा सकती है क्योंकि सरकार ने पेट्रोल/डीजल वाली कारों की लाइफ साइकिल खत्म होने के बाद उन्हें इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट कराने की अनुमति दे रखी है। 

इको फ्रैंडली

इलेक्ट्रिक कारें बिल्कुल धुआं नहीं छोड़ती है जिससे एयर पॉल्यूशन नहीं फैलता है और ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव भी वातावरण में कम होता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल पर वातावरण पर काफी कम प्रभाव पड़ता है। 

कम मेंटेनमेंट कॉस्ट

पेट्रोल/डीजल कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक कारों में काफी कम मूविंग पार्ट्स होते हैं जिससे खराबियां आने के चांस कम होते हैं और कार मेंटेन करने की कम ही जरूरत पड़ती है। इनमें ऑइल चेंज कराने,एग्जॉस्ट सिस्टम रिपेयर कराने या इंजन संबंधी मेंटेनेंस का झंझट नहीं रहता है जिससे आपको मैकेनिक के पास ज्यादा जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और मेंटेनेंस पर कम खर्चा आता है। 

कन्वर्जन प्रोसेस से पहले जाने इससे जुड़े फैक्टर्स 

Alto EV Conversion by E-Trio

कानूनी प्रक्रिया

भारत में ईवी कन्वर्जन बिल्कुल लीगल है मगर इसके प्रोसेस में एआरएआई अप्ररूव्ड कन्वर्जन किट्स की जरूरत होती है। ये अप्ररूव्ड किट इसलिए जरूरी होते हैं क्योंकि कन्वर्टेड व्हीकल को आरटीओ से दोबारा रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आरटीओ आपके व्हीकल के लिए नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं देगा और कन्वर्जन गैर कानूनी करार दिया जाएगा। 

व्हीकल टाइप और उसकी उम्र

कुछ प्रतिबंधों के कारण हर पेट्रोल या डीजल कार में ईवी किट को रेट्रोफिट नहीं कराया जा सकता है और खासतौर पर व्हीकल के प्लेटफॉर्म पर ये बात ज्यादा निर्भर करती है। ऐसे किसी आईसीई कार को ईवी में कन्वर्ट कराने से पहले ये देखना होता है कि वो रेट्रोफिटिंग के लायक है भी कि नहीं। भारत में बॉश ईएक्सल,लूप मोटो और ई ट्रिओ जैसी कंपनियां रेडी टू यूज ईवी कन्वर्जन किट की पेशकश कर रही है और आप चाहें तो इनकी वेबसाइट पर जाकर ये चैक कर सकते हैं कि आपकी कार को ईवी में कन्वर्ट किया जा सकता है या नहीं। हालांकि कुछ कंपनियां कस्टमाइज्ड कन्वर्जन किट भी बनाती है जो कि प्लग एवं प्ले यूनिट्स से महंगे पड़ते हैं। 

बैटरी रेंज और पावर रिक्वायरमेंट

इलेक्ट्रिक कार कन्वर्जन के लिए एक सहीं बैटरी चुनना बेहद जरूरी है क्योंकि इसपर ही परफॉर्मेंस और रेंज निर्भर करते हैं। लिथियम आयन,​लीड एसिड,निकल और सॉलिड स्टेड जैसी बैटरियां कन्वर्जन के लिए सहीं रहती हैं। 

ये भी जान लें कि तापमान,डिस्चार्ज का परसेंट,चार्जिंग और डिस्चार्जिंग रेट्स और मेंटेनेंस पर बैटरी की परफॉर्मेंस का खासा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में एक इलेक्ट्रिक मोटर चुनते समय कार के लिए जरूरी परफॉर्मेंस को भी ध्यान में रखें। हालांकि आपकी कार के लिए एक सही बैटरी चुनने में मैन्यूफैक्चरर ही आपकी मदद कर देते हैं। 

प्रोसेस

Old Fiat Millecento converted to an EV

एक कन्वेंशनल व्हीकल को इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट करने के लिए पहले स्टेप के तहत सभी इंटरनल कंब्सशन इंजन कंपोनेंट्स को हटा दिया जाता है। इन कंपोनेंट्स में इंजन,फ्यूल टैंक,मफलर,एग्जॉस्ट सिस्टम,स्टार्टर और रेडिएटर शामिल है। इन पार्ट्स को उन महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स से रिप्लेस कर दिया जाता है जिनमें इलेक्ट्रिक मोटर भी शामिल होती है। मोटर का साइज व्हीकल के साइज और उसके वजन के साथ साथ ओनर की परफॉर्मेंस प्रीफ्रेंस पर भी ​निर्भर करता है। 

कार का बैटरी पैक इलेक्ट्रिक मोटर को पावर सप्लाय करता है। कार में बै​टरियों की संख्या व्हीकल टाइप और और इंस्टॉलेशन स्पेस पर निर्भर करती है। 

Maruti Dzire EV conversion by Northway Motorsport

मोटर और बैटरियों के अलावा बैटरी और मोटर के बीच इलेक्ट्रिसिटी का फ्लो बनाए रखने के लिए एक पावर कंट्रोलर की भी जरूरत होती है। वहीं बैटरियों को चार्ज करने के लिए एक चार्जिंग सिस्टम भी काफी आवश्यकता होती है जिसे इलेक्ट्रिकल आउटलेट कहा जाता है। इसके अलावा वायरिंग हार्नेस और एसी,हीटिंग,इलेक्ट्रिकल्स और पावर स्टीयरिंग सिस्टम्स जैसे कंपोनेंट्स भी जरूरी होते हैं। 

बता दें कि कन्वर्जन के बाद व्हीकल को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस से दोबारा से रजिस्टर कराना जरूरी है। 

कॉस्ट

किसी मास मार्केट आईसीई व्हीकल को इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट कराने मेंं 4 से 6 लाख रुपये तक का खर्चा आ सकता है। हालांकि कार और कन्वर्जन किट के मुताबिक कीमत ज्यादा भी हो सकती है। कौन कौनसे एलिमेंट्स इनमें होते हैं शामिल जानिए आगे:

कन्वर्जन किट:

कन्वर्जन किट अपने आप में ही काफी महंगा होता है। इनकी कीमत मैन्यूफैक्चरर,फीचर्स और परफॉर्मेंस के अनुसार हो सकती है। उदाहरण के लिए लूप मोटो का किट 4 से 6 लाख रुपये तक का आता है तो वहीं ​ई ट्रिओ का किट 4 लाख रुपये तक आता है। वहीं भारत किट्स की यूनिट 5 लाख रुपये तक आती है। 

एडिशनल मैटेरियल्स और कंपोनेंट्स:

कन्वर्जन किट के अलावा कुछ अतिरिक्त मैटेरियल्स और कंपोनेंट्स की जरूरत भी पड़ती है जिनमें वायरिंग,कनेक्टर्स,कूलिंग सिस्टम्स,अडेप्टर्स और माउंटिंग ब्रैकेट्स शामिल होते हैं। इनकी कीमत व्हीकल स्पेसिफिकेशन और कन्वर्जन किट पर निर्भर करती है। 

लेबर कॉस्ट और प्रोफेशनल असिस्टेंस:

इलेक्ट्रिशियन,मैकेनिक्स और ईवी कन्वर्जन स्पेशलिस्ट्स के प्रोफेशनल लेबर चार्ज कन्वर्जन की पेचिदगियों और प्रति घंटे काम की रेट पर निर्भर करते हैं। 

अन्य कॉस्ट:

अतिरिक्त कॉस्ट में आरटीओ फीस,परमिट फीस,इंस्पैक्शन फीस,इंश्योरेंस एडजस्टमेंट्स और मॉडिफिकेशंस शामिल है। 

क्या इतने झंझट के बाद पैसा वसूल है ऐसा करना?

Maruti Gypsy EV conversion for Indian Army

किसी पेट्रोल/डीजल कार में इलेक्ट्रिक व्हीकल किट नहीं लगाने के सुझाव के पीछे कुछ कारण हैं। 

पहला तो ये कि कन्वर्जन प्रोसेस के दौरान प्रमुख व्हीकल कंपोनेंट्स का इंस्पेक्शन और उनकी फिटिंग काफी जरूरी है। इस मॉडिफिकेशन के दौरान व्हीकल के साइज,सेफ्टी और कन्वर्जन किट की विश्वसनीयता का भी ख्याल रखना होता है। जरूरी नहीं किसी आईसीई व्हीकल का ओरिजनल डिजाइन और इंजीनियरिंग ईवी पावरट्रेन के ​अनूकूल हो ऐसे में परफॉर्मेंस और सेफ्टी से समझौता भी करना पड़ सकता है। 

इसके अलावा हाई वोल्टेज ईवी पावरट्रेंस से भी एक रिस्क जुड़ा होता है। बैटरी पैक,मोटर,कंट्रोलर और वायरिंग हार्नेस जैसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स का उच्चतम क्वालिटी का होना जरूरी है जिसके दम पर व्हीकल की सेफ्टी और उसकी विश्वसनीयता बढ़ सकती है। क्वालिटी में जरा सा भी अंतर होने से लंबे समय तक कुछ समस्याएं बनी रह सकती है। यदि काम अच्छे से नहीं किया गया हो तो फिर कार में आग लगने का खतरा भी हो सकता है। 

इसके अलावा ईवी रेट्रोफिट काफी महंगा भी साबित हो सकता है। इसमें व्हीकल की रीसेल वैैल्यू भी शामिल है जिससे रेट्रोफिटिंग कम आकर्षक साबित होती है। 

Maruti Baleno converted to EV by Bosch

चूंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट तेजी से बदल रहा है इसलिए टाटा मोटर्स,एमजी मोटर इंडिया,महिंद्रा एंड महिंद्रा और दूसरे विश्वसनीय ब्रांड्स की नई इलेक्ट्रिक कार लेना ज्यादा भरोसेमंद साबित होता है। क्योंकि ये सभी ब्रांड्स काफी पॉपुलर है ऐसे में किसी ईवी रेट्रोफिटिंग कंपनियों के मुकाबले इनके पार्ट्स और आफ्टर सेल्स  सर्विस पर ज्यादा भरोसा किया जा सकता है। 

यदि आप अपनी कार से कुछ ज्यादा ही खास प्यार करते हैं जिसकी लाइफसाइकिल अब खत्म होने वाली है तो कन्वर्जन किट से उसमें नई जान फूंकी जा सकती है। कन्वर्जन फ्लीट ओनर्स के लिए भी काफी जरूरी है क्योंकि काफी ज्यादा पैसा देकर एक महंगा व्हीकल लेने से कई ज्यादा अच्छा है कि अपने मौजूदा व्हीकल को ही इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट करा लिया जाए। 

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