होंडा सिटी हाइब्रिड मॉडल में दिया जाने वाला ई:एचईवी सिस्टम कैसे करेगा काम, सबकुछ जानिए यहां
प्रकाशित: अप्रैल 18, 2022 03:58 pm । भानु । होंडा सिटी हाइब्रिड 2022-2023
- 2.4K Views
- Write a कमेंट
होंडा सिटी का नया हाइब्रिड वेरिएंट भारत का पहला मास मार्केट हाइब्रिड मॉडल होगा। होंडा सिटी हाइब्रिड की मई मे लॉन्चिंग से पहले हम यहां इसमें दिए गए होंडा के ई:एचईवी पावरट्रेन टेक्नोलॉजी के काम करने के तौर तरीकों का पूरा एक्सप्लेनेशन आपके साथ शेयर करने जा रहे है जिसके बारे में आप जानेंगे आगे:
क्या होता है हाइब्रिड सिस्टम
- होंडा सिटी ई:एचईवी पावरट्रेन के अगर मुख्य कंपोनेंट्स की बात करें तो इसमें एक पेट्रोल इंजन,दो इलेक्ट्रिक मोटर्स और एक बैट्री दी गई है।
- होंडा का 1.5 लीटर अटकिंसन इंजन कंपनी के लाइनअप का सबसे एफिशिएंट इंजन है जिसका पावर आउटपुट 109 पीएस और 127 एनएम है। ये इंजन एक इलेक्ट्रिक जनरेटर मोटर से कनेक्टेड है जो प्रोपल्शन मोटर,या ट्रेक्शन मोटर को व्हील ड्राइव करने के लिए पावर सप्लाय करती है।होंडा सिटी में दी गई इलेक्ट्रिक ड्राइव मोटर का आउटपुट 109 पीएस और 253 एनएम है।
- इसमें हाई वोल्टेज वाली छोटी बैट्री दी गई है। ये बैट्री जनरेट मोटर और ट्रेक्शन मोटर दोनों से कनेक्टेड है।
- इस कार में गियरबॉक्स के बजाए एक इलेक्ट्रॉनिक सीवीटी सिस्टम दिया गया है जिसके तहत रेगुलर परफॉर्मेंस डिलीवरी के लिए पेट्रोल इंजन के साथ एक क्लच कनेक्टेड है।
कैसे करता है ये काम?
होंडा की ई:एचईवी हाइब्रिड सिस्टम के तहत इसका इंजन मैकेनिकली व्हील्स से कनेक्टेड नहीं है। इसके बजाए ये जनरेटर मोटर के जरिए व्हील्स को पावर मिलती है।
जनरेटर मोटर इसमें दिए गए पेट्रोल इंजन से पावर लेकर उसे इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट करते हुए ट्रेक्शन मोटर को पावर देती है जिससे कार के व्हील्स घुमते हैं।
जनरेटर मोटर और रीजनरेटिव ब्रेकिंग से मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी के जरिए ही कार की बैट्री चार्ज होती है जरूरत पड़ने पर ट्रेक्शन मोटर के साथ जनरेटर मोटर को परफॉर्मेंस असिस्टेंस के लिए बैट्री से पावर मिलती है।
इस सिस्टम के जरिए कार को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड,इंजन मोड या हाइब्रिड मोड पर ड्राइव किया जा सकता है।
कैसे काम करते हैं इसके तीनों मोड्स
- इस हाइब्रिड सिस्टम के तहत तीनों ड्राइविंग मोड्स ऑटोमैटिकली काम करते हैं।
- सिटी ई:एचईवी का हाइब्रिड मोड अर्बन ड्राइविंग सिचुएशन और हाई स्पीड ड्राइविंग के लिए सबसे एफिशिएंट मोड है।
- ईवी मोड की बात करें तो इसमें ट्रेक्शन मोटर को बैट्री से पावर मिलती है और इस दौरान इंजन ऑफ रहता है। ये चीज स्लो ड्राइविंग के लिए काफी कारगर है जो धीरे धीरे मूव होते ट्रैफिक में काम आएगी।
- दूसरी तरफ प्योर इंजन मोड तब काम करेगा जब पावर यूनिट सिस्टम ये समझ लेगा कि ये परफॉर्मेंस डिलिवरी के लिए हाइब्रिड मोड से ज्यादा एफिशिएंट साबित होगा। इस मोड पर ई सीवीटी सिस्टम का क्लच एंगेज हो जाएगा और व्हील्स को इंजन से सीधे पावर मिलेगी। दूसरे मोड्स पर क्लच एंगेज नहीं रहेगा।
कैसे ज्यादा माइलेज डिलीवर करेगी ये कार?
- आप ये सोच रहे होंगे कि कंब्सशन इंजन के मुकाबले इसमें दिए गए ये तमाम एक्सट्रा कंपोनेंट्स कैसे एफिशिएंट हो सकते हैं। तो बता दें कि होंडा सिटी: ईएचईवी को लेकर 26.5 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज दावा किया गया है जो इसी कार के पेट्रोल/डीजल मॉडल्स से कहीं ज्यादा है।
- कार ड्राइव करने के दौरान कई मोर्चों पर कंबस्शन इंजन एक जैसी एनर्जी एफिशिएंसी नहीं देते हैं क्योंकि इंजन लोड और इंजन स्पीड जैसे कई फैक्टर्स इसे प्रभावित करते हैं।
- होंडा के इंजीनियर्स ने संभावना जताई है कि 70 प्रतिशत से नीचे तक लोड रहने पर और 2000 आरपीएम पर इसका इंजन काफी एफिशिएंट साबित होगा। इसे इंजन की पीक एफिशिएंसी कहा जा सकता है।
- एक नॉर्मल कंब्सशन इंजन ऐसी एफिशिएंसी पाने के लिए फ्यूल का ज्यादा इस्तेमाल करता है और इस दौरान ड्राइवर का इनपुट और ड्राइविंग कंडीशन इस चीज को प्रभावित भी करती है।
- मगर होंडा सिटी में दिए गए हाइब्रिड सिस्टम के तहत जनरेटर मोटर को फ्यूल के बजाए इलेक्ट्रिक पावर मिलेगी। इसके अलावा चूंकि इसका इंजन व्हील्स से मैकेनिकली कनेक्टेड नहीं है,ऐसे में कम फ्रिक्शन के साथ इसे ज्यादा एफिशिएंसी मिलेगी।
- इस तरह से होंडा का ई:एचईवी हाइब्रिड सिस्टम इसके कंब्सशन इंजन से 40 प्रतिशत ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट साबित होगा।
- यहां तक कि इंजन मोड पर भी ये पावर डिलीवरी और फ्यूल कंज्प्शन की एफिशिएंसी को ध्यान में रखेगा। चूंकि ये सिस्टम ऑटोमैटिकली मोड्स के बीच स्विच होगा इसलिए अलग अलग ड्राइविंग कंडीशन में पीक एफिशिएंसी को मेंटेन करने के बाद कार जल्द से जल्द हाइब्रिड मोड पर आ जाएगी।
यह भी पढ़ें: होंडा सिटी हाइब्रिड Vs मारुति सियाज Vs हुंडई वरना Vs स्कोडा स्लाविया: फ्यूल एफिशिएंसी कंपेरिजन