ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कैसा रहा इस बार का बजट, जानिए यहां

संशोधित: फरवरी 02, 2021 11:51 am | भानु

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Budget 2021

वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर ​दिया गया है। कठिनाइयों का सामना करते ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए इस बार का बजट उम्मीदों की नई किरन लेकर आया है जिसे देखते हुए मैन्यूफैक्चरर्स में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। इस बार बजट में सबसे खास बात ये रही ​कि बहुप्रतिक्षित व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को आखिरकार मंजूरी दे दी गई। 

नई पॉलिसी की मदद से जहां व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स को तो फायदा होगा ही, वहीं ग्राहकों को भी काफी कुछ राहतें मिलेंगी।  ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर बजट में क्या कुछ हुआ घोषित, डालते हैं इसपर एक नजर:

1.न्यू स्क्रैपेज पॉलिसी 

Maruti And Toyota To Set Up Vehicle Scrappage Plant

इस नई पॉलिसी के मुताबिक अब 20 साल से ज्यादा पुराने प्राइवेट व्हीकल्स और 15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल व्हीकल्स को अनफिट पाए जाने और ईको फ्रैंडली ना होने पर कबाड़ में तब्दील किए जाने के आदेश दे दिए जाएंगे। इस पॉलिसी से जहां पर्यावरण को तो फायदा पहुंचेगा ही, साथ ही व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स की सेल्स में भी तेजी से इजाफा होने का अंदेशा है। 

इस नई पॉलिसी के बारे में फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि ‘यदि हम 1990 को बेस ईयर मानें तो देश में करीब 37 लाख कमर्शियल और 52 लाख प्राइवेट व्हीकल्स ऐसे हैं जिन्हें अब स्क्रैप कर दिया जाना चाहिए। एक आंकलन ये भी है कि इनमें से 1 प्रतिशत कमर्शियल और 5 प्रतिशत प्राइवेट व्हीकल्स अब भी सड़क पर मौजूद हैं।' यहां आप नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के बारे में अधिक जान सकते हैं। 

2. कुछ ऑटो पार्ट्स पर 15 प्रतिशत तक बढ़ेगी कस्टम ड्यूटी

इस फैसले का असर सबसे ज्यादा उन मैन्यूफैक्चरर्स पर पड़ेगा जो ऑटो पार्ट्स को भारत में इंपोर्ट करके मंगवाते हैं। इससे गाड़ियों की कीमत में इजाफा होगा। अब मैन्यूफैक्चरर्स को व्हीकल तैयार करने और उन्हें बेचने के लिए ज्यादा कस्टम ड्यूटी देनी पड़ेगी जिससे व्हीकल्स की प्राइस बढ़ेगी। मगर सरकार का मानना है कि इससे घरेलू स्तर पर कारों के प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा जिससे गाड़ियों की कीमत में अपने आप कमी आ जाएगी। 

इस फैसले पर स्कोडा ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रताप बोपाराय ने कहा कि 'कुछ ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत बढ़ जाने से इनपुट कॉस्ट बढ़ेगी और कारों की प्राइस अपने आप बढ़ जाएगी। ऐसे पार्ट्स को घरेलु स्तर पर तैयार नहींं किया जा सकता है क्योंकि कुछ कारों की डिमांड यहां कम ही रहती है।'

3.इंफ्रास्ट्रक्चर में विदेशी निवेश को 100 प्रतिशत तक टैक्स में छूट

भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनकम, डिविडेंड और कैपिटल गेन्स पर 100 प्रतिशत तक टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। इससे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काफी फंड आएगा। वहीं ऑटो इंडस्ट्री चार्जिंग स्टेशन और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तैयार करने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकेगी। 

4.स्टील पर कस्टम ड्यूटी में कमी आएगी

Maruti Suzuki Gains Permission To Manufacture Amidst Lockdown

यूनियन बजट 2021 22 के अनुसार नॉन-अलॉय, अलॉय और स्टेनलैस स्टील पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी कर दी गई है। इससे व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट में कमी आएगी और इस तरह व्हीकल्स सस्ते हो जाएंगे। 

5.राज्यों में तैयार होंगे नए हाईवे 

इस बजट में सरकार ने तमिल नाडू, केरल, पश्चिम बंगाल और आसाम में इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित करने के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की है। तमिल नाडू में मदुरई-कोल्लम और चित्तुर -थटचुर कॉरिडोर के तहत 3500 किलोमीटर के नेशनल हाईवे तैयार किए जाएंगे। वहीं केरल में 1100 किलोमीटर का नेशनल हाईवे तैयार होगा जिसमें 600 किलोमीटर का मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी शामिल है। पश्चिम बंगाल में कोलकाता और सिलिगुड़ी हाईवे को अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा आसाम में भी हाईवे तैयार किए जा रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: पुरानी कारों पर अब सरकार लगाएगी नया ग्रीन टैक्स, जानिए क्या है ये और क्या है इसके प्रति लोगों की प्रतिक्रिया

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