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यूपी में लागू हुई नई ईवी पॉलिसी: इलेक्ट्रिक व्हीकल पर एक लाख रुपये की ​सब्सिडी, रजिस्ट्रेशन फीस व रोड टैक्स में छूट समेत मिलेंगे ये ढेरों फायदे

संशोधित: अक्टूबर 14, 2022 05:41 pm | स्तुति
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नई ईवी पॉलिसी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करेगी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने में मदद करेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर नई ईवी पॉलिसी पेश की है जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को बूस्ट देना है और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाना है। इस पॉलिसी के तहत राज्य में 30,000 करोड़ रुपये के निवेश करवाने की भी तैयारी है। हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों पहले ही अपनी ईवी पॉलिसी पेश कर चुके हैं।

यहां देखें यूपी सरकार की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी से जुड़ी पांच अहम बातें :-

कोई रेजिस्ट्रेशन फीस व रोड टैक्स नहीं

सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स के भुगतान में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह छूट इस ईवी पॉलिसी के प्रभावी होने की तारीख से तीन साल तक के लिए वैध होगी। यदि किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल की मैन्युफैक्चरिंग उत्तर प्रदेश में की जाती है तो यह छूट दो और वर्षों के लिए बढ़ा दी जाएगी।

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भारी सब्सिडी

यूपी सरकार राज्य में खरीदे जाने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर एक लाख रुपए की सब्सिडी और एक्स-फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत तक की छूट देगी। हालांकि, यह सब्सिडी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बेची गई पहली 25,000 यूनिट्स पर ही मान्य होगी। इसके लिए आवंटित बजट 250 करोड़ रुपए रखा गया है।

सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर स्विच करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों को राज्य द्वारा एडवांस लेने की अनुमति मिलेगी।

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लोकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा

बैटरी की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रति परियोजना 500 करोड़ रुपये (अधिकतम) के अधीन 30 प्रतिशत की केपिटल सब्सिडी की पेशकश कर रही है। यह सब्सिडी 1,500 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा के निवेश वाली दो परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होगी। इसके लिए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की कम से कम 1 गीगावॉट की न्यूनतम प्रोडक्शन क्षमता होना जरूरी है।

चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क में सुधार

सरकार की राज्य में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की भी योजना है। पहले 2,000 चार्जिंग स्टेशंस के लिए राज्य सरकार प्रति स्टेशन 10 लाख रुपये तक की केपिटल सब्सिडी की पेशकश कर रही है। इस नई ईवी पॉलिसी में बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को भी महत्व दिया गया है जिसके चलते पहले 1000 स्वैपिंग सेंटर्स को प्रति स्टेशन 5 लाख रुपये तक की केपिटल सब्सिडी दी जाएगी।

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