कार कंपनियों के प्रति सख्त हुई सरकार, खराब सेफ्टी स्टैंडर्ड वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने को कहा
संशोधित: फरवरी 12, 2021 05:19 pm | सोनू
- 5.6K Views
- Write a कमेंट
- सरकार ने कंपनियों द्वारा कारों की क्वालिटी में गिरावट करने को लेकर चिंता जताई है।
- कंपनियों को कम सेफ्टी स्टैंडर्ड वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने के बारे में कहा गया है।
- सरकार ने कंपनियों से व्हीकल सेफ्टी रेटिंग सिस्टम के अनुसार गाड़ियां तैयार करने का आग्रह किया है।
- क्रैश टेस्ट में कई भारतीय कारों को उनके अंतरराष्ट्रीय मॉडल की तुलना में कम सेफ्टी रेटिंग मिल रही है।
भारत में बनी कारें कितनी सुरक्षित हैं ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है। यहां की कई कारों को तो क्रैश टेस्ट में 0 से 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है। अब पैसेंजर सेफ्टी को लेकर भारत सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है और कंपनियों को कम सेफ्टी स्टैंडर्ड वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने को कहा है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरर्स (सियाम) की हाल ही में आयोजित हुई सेमिनार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सेक्रेटरी गिरिधर अरमाने ने भारत में कम सेफ्टी स्टैंडर्ड वाले वाहनों पर चिंता जताई है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कंपनियां अपनी गाडियों में अच्छी क्वालिटी वाले पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं कर रही है जिससे उनका सेफ्टी स्टैंडर्ड कम हो जाता है। सरकार ने कंपनियों को कम सेफ्टी स्टैंडर्ड वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने को कहा है।
भारत में बिकने वाली कारों की क्वालिटी उनके अंतरराष्ट्रीय मॉडल से काफी हल्की होती है। कंपनियां भारत में कारों की कीमत को कम रखने के लिए घटिया क्वालिटी के पार्ट इस्तेमाल करती है जिसके चलते कारों की सेफ्टी रेटिंग कम हो जाती है।
भारत की कई कारों को उनके अंतरराष्ट्रीय मॉडल की तुलना में कम सेफ्टी रेटिंग मिलती है। उदाहरण के तौर पर किया सेल्टोस को लेते हैं.. इसके इंडियन मॉडल को 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है वहीं इसके ऑस्ट्रेलियन मॉडल को क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग मिली हुई है। भारत की केवल कुछ कारों को ही 4-स्टार से ज्यादा रेटिंग मिली है। ग्लोबल एनकैप के क्रैश टेस्ट में टाटा अल्ट्रोज, नेक्सन और महिंद्रा एक्सयूवी300 तीन ही ऐसी कार हैं जिन्हें 5-स्टार रेटिंग दी गई है।
यह भी पढ़ें : ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट : ये हैं भारत की सबसे ज्यादा सुरक्षित कारें
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सेक्रेटरी ने सुझाव दिया है कि सभी कपनियों को अपनी कारें सही सेफ्टी रेटिंग सिस्टम के अनुसार तैयार करनी चाहिए। इससे ग्राहकों में कारों की सेफ्टी को लेकर जागरूता फेलेगी और वे अच्छी सेफ्टी रेटिंग वाले वाहन लेने का निर्णय सही से ले पाएंगे।
अगर कंपनियां सेफ्टी गाइडलाइन के अनुसार कारें तैयार करेंगी तो इससे रोड एक्सिडेंट में भी कम आएगी। इस समय कंपनियों को कारों में फेंसी फीचर देने के बजाय पैसेंजर की सेफ्टी पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। अभी केवल टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कुछ कार कपंनियां ही हैं जो सेफ्टी स्टैंडर्ड को गंभीरता से ले रही है।