गुडन्यूज राउंडअप: निगेटिव दौर में पॉजिटिविटी का वीकली डोज़
प्रकाशित: जुलाई 12, 2020 02:47 pm । भानु
- 3.3K Views
- Write a कमेंट
हम साल 2020 के दूसरे दौर में पहुंच चुके हैं और कोरोना महामारी का खतरा अब भी बना हुआ है। पहले की तरह इसबार भी हम कोरोना के खिलाफ जंग में दिन-ब-दिन हो रही अच्छी कोशिशों की एक वीकली रिपोर्ट आपके सामने रख रहे हैं ताकि आपका हौंसला भी बना रहे। तो चलिए क्या कुछ है खास इसबार के गुडन्यूज राउंडअप में डालते हैं इसपर एक नजर:
अब तक 67 लाख मरीजों की हो चुकी है रिकवरी
अब दुनियाभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में उससे ठीक हो चुके लोगों की संख्या ज्यादा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। कई जगहों पर कोरोना से मौत के मामले भी कम दर्ज हो रहे हैं वहीं वैक्सीन तैयार किए जाने का काम भी चरम पर है। न्यूज सोर्स
इटली में कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा बेहद कम
एक समय यूरोप कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ था। इटली में कोरोना से जंग काफी सकारात्मक रूप ले रही है। यहां कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा केवल ईकाई में ही रह गया है। फिलहाल अमेरिका में कोरोना से जुड़े दैनिक आंकड़े सबसे ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं वहीं हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में अब कम आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
एक अध्ययन के अनुसार मौत की निश्चितता को कम कर सकती है टीबी की वैक्सीन
कोरोना से जारी लड़ाई में अब मेडिकल साइंस के बरसों की रिसर्च और अनुभव काम आ रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने से लेकर ईलाज ढूंढने और मौतें रोकने के लिए विश्व एकजुट हो गया है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में भी टीबी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है वहां कोरोना से मौत के आंकड़े कम है। चुनिंदा टीबी टीकों पर पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि वे बच्चों को अन्य श्वसन संक्रमणों से भी व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ज्यादा प्रभावी ऑटोमेटेड कोविड 19 डायग्नोस्टिक सिस्टम किया गया पेश
पुणे की मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक बेस्ड फर्म मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन उन चुनिंदा लैब्स में से एक है जिन्होनें काफी जल्दी कोविड 19 टेस्टिंग किट तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी। अब कंपनी ने कोरोना की जांच के लिए आरटी पीसीआर ( रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) जैसे कई टेस्ट करने के लिए नया 'कॉम्पैक्ट एक्सएल' सिस्टम तैयार किया है। एक सिस्टम पर एक ही बार में 32 टेस्ट किए जा सकते हैं। इसे ज्यादा मैनपावर के बिना ही कम समय में लैब ऑपरेशंस को अंजाम देने के मकसद से डिजाइन किया गया है। कोविड 19 के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट की लागत भी इससे कम हो जाएगी।
कोरोना के खिलाफ जागरुकता के लिए मदुरई के एक होटल में तैयार किया गया 'फेस मास्क' जैसा परोटा
लगभग दुनियाभर की सरकारों द्वारा लोगों को बाहर निकलने से पहले चेहरे को मास्क से ढकने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि लोग इसका पालन कर तो रहे हैं मगर अब भी इसके लिए ज्यादा जागरुकता की आवश्यकता है। भारत के मदुरई शहर की 'होटल टेंपल सिटी' ने फेस मास्क जैसा परोटा तैयार कर एक संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर होटल द्वारा शुरू की गई इस क्रिएटिव पहल की तारीफें हो रही है। इसमें संदेश दिया गया है कि अपना परोटा खाने के बाद बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना ना भूलें।
फंसे हुए लोगो के लिए मसीहा बनी पूर्व कैब चालक
कोरोना के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण विद्या शेल्के नामक 27 वर्षीय कैब चालक की नौकरी चली गई थी। अपनी कमाई से घर चलाने वाली इस कैब चालक की आर्थिक स्थिती काफी खराब हो चली थी। इस बीच ही विद्या ने फंसे हुए लोगों की मदद करने की ठानी और सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रचार प्रसार किया।
उन्होनें आपात सेवाओं में मदद करने के साथ साथ परमिशन लेकर महाराष्ट्र के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर फंसे हुए लोगों को छोड़ने का काम किया। इस दौरान उन्होनें यात्रियों से गाइडलाइन के मुताबिक मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और पीछे की सीट पर केवल दो पैसेंजर बैठाने जैसे नियमों का पालन करवाया। ऐसे में विद्या ने पैसा कमाने के साथ साथ ही फंसे हुए लोगों की मदद की।
यह भी पढ़ें: भारत में इस महीने लॉन्च होंगी यें टॉप-5 कारें
हम साल 2020 के दूसरे दौर में पहुंच चुके हैं और कोरोना महामारी का खतरा अब भी बना हुआ है। पहले की तरह इसबार भी हम कोरोना के खिलाफ जंग में दिन-ब-दिन हो रही अच्छी कोशिशों की एक वीकली रिपोर्ट आपके सामने रख रहे हैं ताकि आपका हौंसला भी बना रहे। तो चलिए क्या कुछ है खास इसबार के गुडन्यूज राउंडअप में डालते हैं इसपर एक नजर:
अब तक 67 लाख मरीजों की हो चुकी है रिकवरी
अब दुनियाभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में उससे ठीक हो चुके लोगों की संख्या ज्यादा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। कई जगहों पर कोरोना से मौत के मामले भी कम दर्ज हो रहे हैं वहीं वैक्सीन तैयार किए जाने का काम भी चरम पर है। न्यूज सोर्स
इटली में कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा बेहद कम
एक समय यूरोप कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ था। इटली में कोरोना से जंग काफी सकारात्मक रूप ले रही है। यहां कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा केवल ईकाई में ही रह गया है। फिलहाल अमेरिका में कोरोना से जुड़े दैनिक आंकड़े सबसे ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं वहीं हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में अब कम आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
एक अध्ययन के अनुसार मौत की निश्चितता को कम कर सकती है टीबी की वैक्सीन
कोरोना से जारी लड़ाई में अब मेडिकल साइंस के बरसों की रिसर्च और अनुभव काम आ रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने से लेकर ईलाज ढूंढने और मौतें रोकने के लिए विश्व एकजुट हो गया है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में भी टीबी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है वहां कोरोना से मौत के आंकड़े कम है। चुनिंदा टीबी टीकों पर पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि वे बच्चों को अन्य श्वसन संक्रमणों से भी व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ज्यादा प्रभावी ऑटोमेटेड कोविड 19 डायग्नोस्टिक सिस्टम किया गया पेश
पुणे की मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक बेस्ड फर्म मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन उन चुनिंदा लैब्स में से एक है जिन्होनें काफी जल्दी कोविड 19 टेस्टिंग किट तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी। अब कंपनी ने कोरोना की जांच के लिए आरटी पीसीआर ( रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) जैसे कई टेस्ट करने के लिए नया 'कॉम्पैक्ट एक्सएल' सिस्टम तैयार किया है। एक सिस्टम पर एक ही बार में 32 टेस्ट किए जा सकते हैं। इसे ज्यादा मैनपावर के बिना ही कम समय में लैब ऑपरेशंस को अंजाम देने के मकसद से डिजाइन किया गया है। कोविड 19 के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट की लागत भी इससे कम हो जाएगी।
कोरोना के खिलाफ जागरुकता के लिए मदुरई के एक होटल में तैयार किया गया 'फेस मास्क' जैसा परोटा
लगभग दुनियाभर की सरकारों द्वारा लोगों को बाहर निकलने से पहले चेहरे को मास्क से ढकने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि लोग इसका पालन कर तो रहे हैं मगर अब भी इसके लिए ज्यादा जागरुकता की आवश्यकता है। भारत के मदुरई शहर की 'होटल टेंपल सिटी' ने फेस मास्क जैसा परोटा तैयार कर एक संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर होटल द्वारा शुरू की गई इस क्रिएटिव पहल की तारीफें हो रही है। इसमें संदेश दिया गया है कि अपना परोटा खाने के बाद बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना ना भूलें।
फंसे हुए लोगो के लिए मसीहा बनी पूर्व कैब चालक
कोरोना के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण विद्या शेल्के नामक 27 वर्षीय कैब चालक की नौकरी चली गई थी। अपनी कमाई से घर चलाने वाली इस कैब चालक की आर्थिक स्थिती काफी खराब हो चली थी। इस बीच ही विद्या ने फंसे हुए लोगों की मदद करने की ठानी और सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रचार प्रसार किया।
उन्होनें आपात सेवाओं में मदद करने के साथ साथ परमिशन लेकर महाराष्ट्र के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर फंसे हुए लोगों को छोड़ने का काम किया। इस दौरान उन्होनें यात्रियों से गाइडलाइन के मुताबिक मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और पीछे की सीट पर केवल दो पैसेंजर बैठाने जैसे नियमों का पालन करवाया। ऐसे में विद्या ने पैसा कमाने के साथ साथ ही फंसे हुए लोगों की मदद की।
यह भी पढ़ें: भारत में इस महीने लॉन्च होंगी यें टॉप-5 कारें
हम साल 2020 के दूसरे दौर में पहुंच चुके हैं और कोरोना महामारी का खतरा अब भी बना हुआ है। पहले की तरह इसबार भी हम कोरोना के खिलाफ जंग में दिन-ब-दिन हो रही अच्छी कोशिशों की एक वीकली रिपोर्ट आपके सामने रख रहे हैं ताकि आपका हौंसला भी बना रहे। तो चलिए क्या कुछ है खास इसबार के गुडन्यूज राउंडअप में डालते हैं इसपर एक नजर:
अब तक 67 लाख मरीजों की हो चुकी है रिकवरी
अब दुनियाभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में उससे ठीक हो चुके लोगों की संख्या ज्यादा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। कई जगहों पर कोरोना से मौत के मामले भी कम दर्ज हो रहे हैं वहीं वैक्सीन तैयार किए जाने का काम भी चरम पर है। न्यूज सोर्स
इटली में कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा बेहद कम
एक समय यूरोप कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ था। इटली में कोरोना से जंग काफी सकारात्मक रूप ले रही है। यहां कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा केवल ईकाई में ही रह गया है। फिलहाल अमेरिका में कोरोना से जुड़े दैनिक आंकड़े सबसे ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं वहीं हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में अब कम आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
एक अध्ययन के अनुसार मौत की निश्चितता को कम कर सकती है टीबी की वैक्सीन
कोरोना से जारी लड़ाई में अब मेडिकल साइंस के बरसों की रिसर्च और अनुभव काम आ रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने से लेकर ईलाज ढूंढने और मौतें रोकने के लिए विश्व एकजुट हो गया है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में भी टीबी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है वहां कोरोना से मौत के आंकड़े कम है। चुनिंदा टीबी टीकों पर पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि वे बच्चों को अन्य श्वसन संक्रमणों से भी व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ज्यादा प्रभावी ऑटोमेटेड कोविड 19 डायग्नोस्टिक सिस्टम किया गया पेश
पुणे की मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक बेस्ड फर्म मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन उन चुनिंदा लैब्स में से एक है जिन्होनें काफी जल्दी कोविड 19 टेस्टिंग किट तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी। अब कंपनी ने कोरोना की जांच के लिए आरटी पीसीआर ( रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) जैसे कई टेस्ट करने के लिए नया 'कॉम्पैक्ट एक्सएल' सिस्टम तैयार किया है। एक सिस्टम पर एक ही बार में 32 टेस्ट किए जा सकते हैं। इसे ज्यादा मैनपावर के बिना ही कम समय में लैब ऑपरेशंस को अंजाम देने के मकसद से डिजाइन किया गया है। कोविड 19 के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट की लागत भी इससे कम हो जाएगी।
कोरोना के खिलाफ जागरुकता के लिए मदुरई के एक होटल में तैयार किया गया 'फेस मास्क' जैसा परोटा
लगभग दुनियाभर की सरकारों द्वारा लोगों को बाहर निकलने से पहले चेहरे को मास्क से ढकने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि लोग इसका पालन कर तो रहे हैं मगर अब भी इसके लिए ज्यादा जागरुकता की आवश्यकता है। भारत के मदुरई शहर की 'होटल टेंपल सिटी' ने फेस मास्क जैसा परोटा तैयार कर एक संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर होटल द्वारा शुरू की गई इस क्रिएटिव पहल की तारीफें हो रही है। इसमें संदेश दिया गया है कि अपना परोटा खाने के बाद बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना ना भूलें।
फंसे हुए लोगो के लिए मसीहा बनी पूर्व कैब चालक
कोरोना के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण विद्या शेल्के नामक 27 वर्षीय कैब चालक की नौकरी चली गई थी। अपनी कमाई से घर चलाने वाली इस कैब चालक की आर्थिक स्थिती काफी खराब हो चली थी। इस बीच ही विद्या ने फंसे हुए लोगों की मदद करने की ठानी और सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रचार प्रसार किया।
उन्होनें आपात सेवाओं में मदद करने के साथ साथ परमिशन लेकर महाराष्ट्र के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर फंसे हुए लोगों को छोड़ने का काम किया। इस दौरान उन्होनें यात्रियों से गाइडलाइन के मुताबिक मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और पीछे की सीट पर केवल दो पैसेंजर बैठाने जैसे नियमों का पालन करवाया। ऐसे में विद्या ने पैसा कमाने के साथ साथ ही फंसे हुए लोगों की मदद की।
यह भी पढ़ें: भारत में इस महीने लॉन्च होंगी यें टॉप-5 कारें
हम साल 2020 के दूसरे दौर में पहुंच चुके हैं और कोरोना महामारी का खतरा अब भी बना हुआ है। पहले की तरह इसबार भी हम कोरोना के खिलाफ जंग में दिन-ब-दिन हो रही अच्छी कोशिशों की एक वीकली रिपोर्ट आपके सामने रख रहे हैं ताकि आपका हौंसला भी बना रहे। तो चलिए क्या कुछ है खास इसबार के गुडन्यूज राउंडअप में डालते हैं इसपर एक नजर:
अब तक 67 लाख मरीजों की हो चुकी है रिकवरी
अब दुनियाभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में उससे ठीक हो चुके लोगों की संख्या ज्यादा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। कई जगहों पर कोरोना से मौत के मामले भी कम दर्ज हो रहे हैं वहीं वैक्सीन तैयार किए जाने का काम भी चरम पर है। न्यूज सोर्स
इटली में कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा बेहद कम
एक समय यूरोप कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ था। इटली में कोरोना से जंग काफी सकारात्मक रूप ले रही है। यहां कोरोना से रोजाना मरने वालों का आंकड़ा केवल ईकाई में ही रह गया है। फिलहाल अमेरिका में कोरोना से जुड़े दैनिक आंकड़े सबसे ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं वहीं हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में अब कम आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
एक अध्ययन के अनुसार मौत की निश्चितता को कम कर सकती है टीबी की वैक्सीन
कोरोना से जारी लड़ाई में अब मेडिकल साइंस के बरसों की रिसर्च और अनुभव काम आ रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने से लेकर ईलाज ढूंढने और मौतें रोकने के लिए विश्व एकजुट हो गया है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में भी टीबी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है वहां कोरोना से मौत के आंकड़े कम है। चुनिंदा टीबी टीकों पर पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि वे बच्चों को अन्य श्वसन संक्रमणों से भी व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ज्यादा प्रभावी ऑटोमेटेड कोविड 19 डायग्नोस्टिक सिस्टम किया गया पेश
पुणे की मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक बेस्ड फर्म मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन उन चुनिंदा लैब्स में से एक है जिन्होनें काफी जल्दी कोविड 19 टेस्टिंग किट तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी। अब कंपनी ने कोरोना की जांच के लिए आरटी पीसीआर ( रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) जैसे कई टेस्ट करने के लिए नया 'कॉम्पैक्ट एक्सएल' सिस्टम तैयार किया है। एक सिस्टम पर एक ही बार में 32 टेस्ट किए जा सकते हैं। इसे ज्यादा मैनपावर के बिना ही कम समय में लैब ऑपरेशंस को अंजाम देने के मकसद से डिजाइन किया गया है। कोविड 19 के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट की लागत भी इससे कम हो जाएगी।
कोरोना के खिलाफ जागरुकता के लिए मदुरई के एक होटल में तैयार किया गया 'फेस मास्क' जैसा परोटा
लगभग दुनियाभर की सरकारों द्वारा लोगों को बाहर निकलने से पहले चेहरे को मास्क से ढकने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि लोग इसका पालन कर तो रहे हैं मगर अब भी इसके लिए ज्यादा जागरुकता की आवश्यकता है। भारत के मदुरई शहर की 'होटल टेंपल सिटी' ने फेस मास्क जैसा परोटा तैयार कर एक संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर होटल द्वारा शुरू की गई इस क्रिएटिव पहल की तारीफें हो रही है। इसमें संदेश दिया गया है कि अपना परोटा खाने के बाद बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना ना भूलें।
फंसे हुए लोगो के लिए मसीहा बनी पूर्व कैब चालक
कोरोना के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण विद्या शेल्के नामक 27 वर्षीय कैब चालक की नौकरी चली गई थी। अपनी कमाई से घर चलाने वाली इस कैब चालक की आर्थिक स्थिती काफी खराब हो चली थी। इस बीच ही विद्या ने फंसे हुए लोगों की मदद करने की ठानी और सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रचार प्रसार किया।
उन्होनें आपात सेवाओं में मदद करने के साथ साथ परमिशन लेकर महाराष्ट्र के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर फंसे हुए लोगों को छोड़ने का काम किया। इस दौरान उन्होनें यात्रियों से गाइडलाइन के मुताबिक मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और पीछे की सीट पर केवल दो पैसेंजर बैठाने जैसे नियमों का पालन करवाया। ऐसे में विद्या ने पैसा कमाने के साथ साथ ही फंसे हुए लोगों की मदद की।
यह भी पढ़ें: भारत में इस महीने लॉन्च होंगी यें टॉप-5 कारें