भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: जानिए ईवी की सबसे बड़ी बाधा कैसे होगी दूर
इलेक्ट्रिक कारों में ऐसी क्या चीज होती है जो हमें रोमांचित करती है? इसमें कई सारे फैक्टर्स शामिल है जिनमें से एक ये भी हो सकती है कि आजकल एक इलेक्ट्रिक व्हीकल को ड्राइव करना कितना 'कूल' माना जाता है। भारत में आपके पास यदि एक कार है तो वो आपकी कामयाबी को दर्शाती है और जहां शहरों में प्रदुषण एक गंभीर मसला हो चला है इसलिए कई ग्राहक अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ओर देख रहे हैं। ग्राहकों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रति आकर्षित करने के लिए पर्सनलाइज्ड तरीके से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर इनोवेटिव सॉल्यूशंस निकाले जाने चाहिए। इसलिए कारदेखो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को काफी अच्छा एक्सपीरियंस मिल रहा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को आगे बढ़ाने और भविष्य में इनके संभावित भारतीय ग्राहकों के बीच स्पष्ट रूप से मजबूत डिमांड दिखाने के लिए ग्राहकों की कुछ चिंताओं को दूर करना महत्वपूर्ण है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए रणनीतियां
● क्रॉस कोलेबोरेशन और पार्टनरशिप्स:शहरों में चार्जिंग नेटवर्क विकसित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ऑटोमेकर्स के साथ सहयोग करने वाले राज्य स्टेट रेगुलेटरी बॉडी विचार करें।
● इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और एक्सपेंशन: चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए ज्यादा इंसेटिव्स की आवश्यकता है। इसके अलावा, इससे इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी हो सकता है।
● चार्जिंग प्रोटोकॉल्स की स्ट्रीमलाइनिंग : इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बड़े पैमाने पर तैयार करने के लिए पारंपरिक तौर तरीकों से अलग चलना होगा। इसके लिए एनर्जी क्षेत्र में काम करने वालों के अर्थशास्त्र को समझते हुए नए चार्जिंग प्रोटोकॉल्स बनाने होंगे।
● रिन्यूएबल एनर्जी से तालमेल:ऊर्जा का लोकतंत्रीकरण सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दे सकता है, ऑपरेशनल कॉस्ट को कम कर सकता है और फ्यूल भरने के समय को कम कर सकता है, साथ ही 2 व्हीलर और 3 व्हीलर जैसे जैसे सेगमेंट को बदल सकता है, जिससे समाज और स्थानीय समुदायों पर सबसे बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
सॉल्यूशंस बिल्डिंग से बदल रहा भारत का ईवी इकोसिस्टम
भारत के तेजी से बढ़ते ऑटोमोटिव प्लेटफॉर्म होने के नाते कारदेखो एक ऐसा विजन लेकर आया है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के संभावित ग्राहकों को इन तक अधिक पहुंच और किफायती बनाता है। सीधे शब्दों में कहें तो कारदेखो देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव को बढ़ावा देे रहा है।
कॉम्प्रिहेंसिव ईवी डेटाबेस
ग्राहक के किसी चीज को खरीदने के पीछे जानकारी और रिसर्च दोनों ही महत्वपूर्ण भुमिका निभाते हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मौजूदा और आने वाली रेंज पर ईवी से संबंधित काफी सारी जानकारी के साथ , एक संभावित खरीदार को स्पेसिफिकेशन, प्राइसिंग, व्हीकल्स की फोटोज और यूजर्स के असल रिव्यूज सहित लेटेस्ट जानकारी दी जाती है।
कंपेरिजन टूल्स
आसान और एडवांस्ड कंपेरिजन टूल्स सेद ग्राहक कीमत,वेरिएंट आदि जैसे मापदंडों के आधार पर अलग अलग तरह के ईवी मॉडल को देख सकते हैं।
डीलर और चार्जिंग स्टेशन लोकेटर:
कारदेखो की इंटीग्रेटेड लोकेटर सर्विस यूजर्स को अपने नजदीकी ईवी डीलर्स और चार्जिंग स्टेशन को ढूढंने में मदद करती है जिससे लोगों को काफी सुविधा रहती है।
जानकारी का माध्यम
जानकारी को बढ़ावा देने के मकसद से ब्लॉग्स,आर्टिकल्स और एक्सपर्ट रिव्यू के जरिए कारदेखो सीखने का एक अच्छा माध्यम है और ये इंडस्ट्री के लेटेस्ट ट्रेंड्स को ट्रैक करते हुए कस्टमर्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के फायदों के बारे में समझाते हुए इंडस्ट्री के अंदर की जानकारी मुहैया कराता है।
फाइनेंशियल सॉल्यूशंस
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को ज्यादा अफोर्डेबल बनाना कारदेखो का एक महत्वपूर्ण विजन है। ऐसे में वित्तीय संस्थानों के साथ जुड़कर ग्राहकों को अलग अलग तरह के फाइनेंस ऑप्शंस पर विचार करने में मदद मिलती है, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में भी परिवर्तन लाना संभव हो जाता है।
निष्कर्ष: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए उज्ज्वल संभावनाएं
हां, इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बिक्री, सरकारी समर्थन और तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में आई क्रांति अच्छी तरह से चल रही है। इस क्षेत्र में चुनौतियां बढ़ना तय है लेकिन जो बात मायने रखती है वह ग्राहकों का हित जो इंडस्ट्री को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। 2025 तक,भारत के कुल कार बाजार का 10 प्रतिशत से अधिक हिस्से में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को चुनने के लिए एक आदर्श परिदृश्य बन जाएगा।