मर्सिडीज-बेंज ईक्यूसी : फर्स्ट ड्राइव रिव्यू

Published On सितंबर 10, 2020 By भानु for मर्सिडीज ईक्यूसी

भारत में जिस भी कार को इंपोर्ट कर बेचा जाता है उसके वैल्यू फॉर मनी फैक्टर पर बात करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। ऐसी कार खरीदने वाले अपनी जरूरत पूरी नहीं करते हैं बल्कि इच्छा पूरी करते हैं। मर्सिडीज-बेंज ईक्यूसी कुछ ऐसी ही कारों में से एक है। 1 करोड़ रुपये की संभावित कीमत पर आने वाली ये कार मर्सिडीज की फ्लैगशिप एसयूवी जीएलएस 7-सीटर के ही सेगमेंट में आती है। बात करते हैं इस कार के हर पहलू पर:-

कोरोना के कारण लॉन्च में हुई देरी

काफी कारमेकर्स के लिए इलेक्ट्रिक कार बनाना ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा। केवल टेस्ला ही एक ऐसी कंपनी है जिसने इस सेगमेंट के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट निकाले, वहीं कई दूसरे नामी ब्रांड्स ने ​काफी सीमित तरीके से इस ओर काम करना शुरू किया है। 

ईक्यूसी से सितंबर 2018 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दा उठाया गया था। भारत में इसे कोरोना के कारण लॉन्च करने में देरी हो गई। एक इलेक्ट्रिक कार होने के नाते मर्सिडीज-बेंज के लिए ईक्यूसी काफी मायने रखती है। क्योंकि​ 2039 तक कंपनी की योजना अपने पोर्टफोलियों में सभी व्हीकल्स को इलेक्ट्रिफायड करने की है। 

मर्सिडीज़ ने करीब एक शताब्दी पहले ही इलेक्ट्रिक कार पर काम करना शुरू किया था। 1906 में कंपनी ने ​डायमलर मोटोरेन 'इलेक्ट्रिक' नाम से पहली ईवी प्रोटोटाइप तैयार की थी। इसके बाद 1970 और 1980 में कंपनी ने कुछ और प्रोटोटाइप तैयार किए। 2002 में मर्सिडीज-बेंज ने हाइड्रोजन पावर्ड ए क्लास एफ सेल से पर्दा उठाया। वहीं 2007 में मर्सिडीज के सब ब्रांड 'स्मार्ट' ने स्मार्ट फॉर टू इलेक्ट्रिक नाम से एक प्रोडक्ट की टेस्टिंग शुरू की जिसे फिर 2009 में लॉन्च किया गया। मर्सिडीज़ ने एसएलएस एएमजी सूपरकार के इलेक्ट्रिक वर्जन से भी पर्दा उठाया था जो 1000 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम था। वहीं इसे 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 4 सेकंड से भी कम का समय लगता है। 

तो कुल मिलाकर मर्सिडीज के लिए इलेक्ट्रिक कार तैयार करना कोई नई बात नहीं है, मगर उसके लिए एक अच्छा माहौल मिलने की कंपनी को दरकार है। उदाहरण के तौर पर नॉर्वे जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़े पॉपुलर हैं वहां उनकी बिक्री सरकारी सब्सिडी और इंसेटिव पर भी काफी निर्भर रहती है। 

​कैसा है इसका एक्सटीरियर 

टेस्ला मॉडल एक्स से अलग मर्सिडीज-बेंज ईक्यूसी पूरी तरह एक इलेक्ट्रिक व्हीकल नहीं है। ये मर्सिडीज-बेंज जीएलसी पर बेस्ड है। इसका 2873 मिलीमीटर का व्हीलबेस और चौड़ाई तो जीएलसी के बराबर है, मगर ये इससे 92 मिलीमीटर लंबी है। 

मगर लुक के मामले में मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी आपको एक अलग कार नजर आएगी। इसके डिजाइन में ज्यादा कट्स और क्रीज़ नहीं दी गई है। जीएलसी के मुकाबले इसका फ्रंट काफी अलग है और ये दूसरी मर्सिडीज कारों की तरह भी नहीं लगती है। ना तो इसमें डायमंड पिन्स और ना क्रोम बार दी गई है। बल्कि ईक्यूसी में ग्लॉस ब्लैक पैनल के साथ ब्लैक और क्रोम ग्रिल दी गई है, वहीं इसके दोनों ओर यूनीक स्टाइल वाली मल्टी बीम एलईडी हेडलाइट्स दी गई है। 

इसके साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां 20 इंच के आकर्षक अलॉय व्हील्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं। इसके साइड प्रोफाइल में एक और अलग सी बात ये है कि इसमें रेग्यूलर स्पोक्स के साथ ब्लैक फिन्स और ब्लू स्ट्रिप्स दी गई है। इन एलिमेंट्स के रहते ये कार काफी आकर्षक और अलग सी दिखाई देती है। 

ईक्यूसी के रियर प्रोफाइल की बात की जाए तो यहां कनेक्टेड एलईडी टेललैंप का इस्तेमाल किया गया है जो काफी हद तक पोर्श एसयूवी की लेटेस्ट रेंज की याद दिलाते हैं। यदि किसी की नजर इसकी ग्रीन नंबर प्लेट पर ना पड़े तो उन्हें ये मालूम ही ना चले कि ये एक इलेक्ट्रिक कार है। 

भारत की पहली लग्जरी इलेक्ट्रिक कार ईक्यूसी का सीधा मुकाबला तो किसी दूसरी कार से नहीं है जब तक कि ऑडी ई-ट्रॉन यहां लॉन्च नहीं हो जाती है। 

इंटीरियर 

ईक्यूसी का इंटीरियर काफी अच्छा है, मगर इसमें अलग सा कोई फैक्टर मौजूद नहीं है जिससे इसे एक यूनीक कार कहा जा सके।

इसके डैशबोर्ड का लेआउट जीएलसी जैसा ही है, मगर कुछ एलिमेंट्स जीएलसी से अलग भी हैं। इसमें मर्सिडीज़ कारों में अक्सर दिखाई देने वाले सर्कुलर शेप की जगह रेक्टेंगुलर शेप के एसी वेंट्स दिए गए हैं, जिनपर रोज़ गोल्ड की हाइलाइटिंग की गई है। यहां तक कि इसके डैशबोर्ड के ऊपरी हिस्से का डिजाइन भी काफी अलग है, जिनपर फिन पैटर्न दिया गया है जो दरवाजों पर भी देखा जा सकता है। 

इसके अलावा यदि आपने कभी ए क्लास या सीएलए जैसी मर्सिडीज की एंट्री लेवल कार चलाई या देखी हो तो आपको ईक्यूसी का इंटीरियर लेआउट यूज़र फ्रेंंडली और काफी हद तक इनके जैसा ही लगेगा। इसमें गियर सलेक्टर को स्टीयरिंग कॉलम पर ही पोजिशन किया गया है और टच सेंसिटिव कंट्रोल्स बटन से लैस स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। वहीं इसमें इंफोटेनमेंट सिस्टम और इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के लिए ड्यूल स्क्रीन सेटअप दिया गया है जो नई जनरेशन की मर्सिडीज कारों में देखने को मिल जाता है। 

इसके हर टचपॉइन्ट्स को देखकर अपने आप ही एक लग्जरी अहसास होता है। हालांकि,जीएलसी के मुकाबले ईक्यूसी के केबिन में दाखिल होना और उससे बाहर निकलना आसान नहीं है। इसकी साइड सिल्स काफी मोटी है क्योंकि बैट्री पैक को व्हीलबेस में ही पोजिशन किया गया है।

इस लग्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ी में 6 फुट तक के लंबे 4 पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं। इसे एक अच्छी फैमिली कार भी कहा जा सकता है, मगर इसे स्पेस और फंक्शनैलिटी के मामले में 7 सीटर जीएलएस का विकल्प नहीं माना जा सकता है। रियर क्लाइमेट कंट्रोल जोन,आर्मरेस्ट और मैनुअल साइड सनब्लाइंड्स के अलावा इसमें बैकसीट पर इंफोटेनमेंट के लिए कंट्रोल्स और यहां तक कि वायरलैस चार्जर भी नहीं दिया गया है। 

हालांकि, प्रैक्टिकैलिटी के मामले में इस कार में कोई कमी नहीं है। इसमें 500 लीटर का बूटस्पेस दिया गया है जिसमें अच्छा खासा लगेज रखकर ले जाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें स्पिल्ट फोल्डिंग रियर सीट्स भी दी गई है जिन्हें फोल्ड करने के बाद और ज्यादा बूट स्पेस तैयार किया जा सकता है। इसके बूट में रियर सीटों को गिराने के लिए बटन भी दिया गया है मगर इसमें वापस सीटों को खड़ा करने के लिए कोई इलेक्ट्रिकल फंक्शन मौजूद नहीं है। इसमें दिए गए डोर पैकेट्स में बड़ी बॉटल रखकर ले जाई जा सकती है। इसके अलावा इसमें स्टोरेज के साथ रियर और फ्रंट में कप होल्डर्स और आर्मरेस्ट दिए गए हैं। 

टेक्नोलॉजी

ईक्यूसी में हीटेड और पावर्ड फ्रंट सीट्स स्टैंडर्ड दी गई है जो अंडरथाई सपोर्ट एडजस्टमेंट फीचर से लैस हैं। इसके अलावा इसमें थ्री मेमोरी सेटिंग्स,हीटेड स्टीयरिंग और मोटराइज्ड स्टीयरिंग एडजस्टर,हेडअप डिस्प्ले, परफ्यूम डिफ्यूजर के साथ थ्री जोन क्लाइमेट कंट्रोल,13 स्पीकरों से लैस बर्मस्टर साउंड सिस्टम और मसाज सीट्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं। 

इसमें दी गई 12.3 इंच की स्क्रीन इस गाड़ी का कमांड सेंटर है। दोनों स्क्रीन को स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स से मैनेज ​किया जा सकता है। वहीं सेंट्रल इंफोटेनमेंट स्क्रीन टच,वॉइस कमांड और ट्रैकपैड ऑपरेटेड है। यह इंफोटेनमेंट सिस्टम काफी यूजर फ्रेंडली भी है। इसमें डिस्प्ले थीम को बदलने,64 कलर एंबिएंट लाइटिंग को मैनेज करने,इक्यू मेन्यू के जरिए ड्राइविंग बिहेवियर,चार्ज फ्लो को देखने और बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम जैसे काम किए जा सकते हैं। 

इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रिक सनरूफ,ऑटो डिमिंग आईआरवीएम और पावर्ड टेलगेट जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं। 

परफॉर्मेंस 

ईक्यूसी एक ऑल व्हील ड्राइव एसयूवी है जिसमें हर एक्सल पर 150केडब्ल्यू की असिंक्रोनस मोटर लगी है जिससे 408 पीएस की पावर और 760 एनएम का कंबाइंड आउटपुट मिलता है। नॉर्मल ड्राइविंग कंडीशन में इसे फ्रंट व्हील ड्राइव के तहत चलाया जा सकता है, वहीं स्पोर्टी ड्राइविंग के दौरान ये ऑल व्हील ड्राइव मोड पर आ जाती है। 

ड्राइविंग के दौरान ईक्यूसी में लगी मोटर्स से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है और ये किसी भी परिस्थिति में आराम से चलती है। सिंगल लेन रोड पर किसी गाड़ी को जल्दी से ओवरटेक करने के लिए इससे काफी अच्छी परफॉर्मेंस मिलती है। यहां तक कि डायनैमिक मोड पर इसकी पावर डाउन हो जाती है, मगर परफॉर्मेंस में कोई कमी नहीं रहती है। 

इसे 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 5.1 सेकंड का समय लगता है। चूंकि ये एक इलेक्ट्रिक कार है ऐसे में इसके केबिन में इंजन की आवाज आने का तो कोई मतलब नहीं है लेकिन ईक्यूसी में टायर और बाहर से आने वाली हवा का शोर भी केबिन के अंदत तक नहीं पहुंचता है और जब इस कद्र का शोर केबिन में आपको नहीं सुनाई देता है तो जाहिर तौर पर आपको कार की स्पीड का तब तक पता नहीं चलता है जब तक कि स्पीडोमीटर पर नजर ना पड़े। हालांकि 80 किलोमीटर प्रति घंटा और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के बाद इसमें अपने आप एक बीप का साउंड बजता है। 

सिटी और हाईवे दोनों पर ही आपको मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी से कोई शिकायत नहीं रहेगी। एफिशिएंट ड्राइविंग के लिए इसमें ईको मोड भी दिया गया है। अगर इसमें आप एसी को 24 डिग्री पर रखते हैं तो इसकी रेंज की एफिशिएंसी बढ़कर 40 किलोमीटर हो जाती है। 

इसमें एनर्जी कंजर्वेशन के लिए पांच लेवल की ब्रेक एनर्जी रीजनरेशन दी गई है जो कि स्टीयरिंग पैडल के जरिए मैनेज होती है। इनके बारे में ज्यादा जानकारी नीचे दी गई है। 

डी ऑटो

एक्टिव क्रूज कंट्रोल राडार की मदद से ये स्पीड,ड्राइव पैटर्न और आगे चल रहे ट्रैफिक को देखते हुए ये रीजनरेशन को ऑटोमैटिक कंट्रोल करता है। 

डी प्लस ग्लाइडिंग मोड

कोस्टिंग मोड की तरह फंक्शन करता है और कार की स्पीड को बिना रुकावट के आगे बढ़ने देता है। 

डी

माइल्ड रीजनरेटिव ब्रेकिंग। कम दबाव वाले ट्रैफिक और हाईवे के लिए

डी-

मीडियम रीजनरेटिव ब्रेकिंग। धीमे ट्रैफिक में काम करने वाला एक सिंगल पैडल मोड होता है और हाईवे पर यदि कम ट्रैफिक हो तो भी काम आता है। 

डी--

स्ट्रॉन्ग रीजनरेटिव ब्रेकिंग। रफ्तार से बढ़ रहे ट्रैफिक के दौरान काम में आने वाला मोड और ढलानभरे रास्ते पर भी काफी यूजफुल। 

न्यू यूरोपियन ड्राइविंग साइकल एनईडीसी के अनुसार 80 केडब्ल्यूएच के बैट्री पैक के साथ ईक्यूसी फुल चार्जिंग के बाद 450 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। मगर हमारे अनुसार ये इलेक्ट्रिक गाड़ी 250 किलोमीटर की रेंज दे सकती है। कुल मिलाकर एकबार में फुल चार्ज करने के बाद इसे पूरे हफ्ते सिटी में चलाया जा सकता है। 

चार्जिंग 

मर्सिडीज-बेंज इंडिया भारत में अपना चार्जिंग नेटवर्क स्थापित करने में निवेश मुश्किल ही कर सकती है। इसका बड़ा कारण ये भी हो सकता है कि ज्यादातर हर कार ओनर्स इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ मिलने वाले होम चार्जर से ही उन्हें चार्ज करते हैं। 

दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल भी ज्यादातर सिटी में ही होता है। ऐसे में इन्हें हर एक दो दिन के भीतर चार्ज कर लिया जाए तो फास्ट चार्जिंग की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। 

ईक्यूसी का चार्जिंग सिस्टम (10-100%)

चार्जिंग ऑप्शन

चार्ज टाइप

समय

डीसी चार्ज (50 केडब्ल्यूएच)

फास्ट

1.5 घंटे

एसी वॉलबॉक्स चार्जर (7.4केडब्ल्यूएच)

मीडियम

10 घंटे

पोर्टेबल चार्जर(3.4केडब्ल्यूएच)

स्लो

21 घंटे

ईक्यूसी के साथ वॉलबॉक्स चार्जर भी दिया जाता है जो की कार की डिलेवरी से पहले ही उसके ओनर द्वारा बताई जाने वाली लोकेशन पर इंस्टॉल कर दिया जाता है। 

राइड और हैंडलिंग 

मर्सिडीज-बेंज ईक्यूसी के फ्रंट में 235/50 आर20 और रियर में 255/45 आर20 टायर दिए गए हैं जो 20 इंच के व्हील पर चढ़ें हैं जिनसे इसकी राइड क्वालिटी ठीक ठाक कही जा सकती है। खराब सड़कों और गड्ढे वाले रास्तों पर ये स्मूद और कंफर्टेबल तो रहती है, मगर इसके सस्पेंशन से आवाजें भी आती है। वहीं साइड टू साइड मूवमेंट को भी महसूस किया जा सकता है। हाईवे की बात की जाए तो यहां ये तेज स्पीड में आराम से चलती है। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हुए भी मोड़ पर इसमें बॉडी रोल महसूस नहीं होता है। 

जीएलसी की तरह ईक्यूसी के फ्रंट में स्टील स्प्रिंग्स और रियर पर एयर सस्पेंशन लगे हैं। इस गाड़ी का वजन 2.5 टन है जिसमें की एक बड़ा हिस्सा 652 किलोग्राम के बड़े बैट्री पैक का है। इससे ईक्यूसी का वजन जीएलसी से 700 किलोग्राम  ज्यादा हो जाता है। 

इसके सस्पेंशन को काफी सॉफ्ट तरीके से ट्यून किया गया है, मगर इससे गड्ढों में इस कार के नीचे का हिस्सा जमीन की सतह से टच होने लगता है और कोई बड़ा नुकसान भी हो सकता है। 

हालांकि इसकी बैट्री की सेफ्टी के लिए एल्यूमिनियम केज दिया गया है।

दूसरी इलेक्ट्रिक कारों की तरह ईक्यूसी में भी नॉर्मल ब्रेक्स एक्टिवेट होने से पहले रीजनरेटिव मैकेनिज्म काम करने लगते हैं। ऐसे में पहली बार में आपको थोड़े हार्ड ब्रेक लगाने पड़ते हैं। 

सेफ्टी

ईक्यूसी में 7 एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, ट्रेक्शन कंट्रोल, ईएसपी, ब्लाइंड स्पॉट ​असिस्ट, अटेंशन असिस्ट, लेन कीपिंग एड,अडेप्टिव राडार गाइडेड क्रूज़ कंट्रोल, फ्रंट एंड रियर पार्किंग सेंसर के साथ-साथ सराउंड व्यू कैमरा जैसे फीचर्स दिए गए हैं। 

निष्कर्ष

मर्सिडीज-बेंज ईक्यूसी की संभावित कीमत 1 करोड़ रुपये है जिसमें आपको एक अलग सा एक्सपीरियंस मिलता है। कुल मिलाकर आप इसे जीएलसी का इलेक्ट्रिक वर्जन कह सकते हैं। 

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं आप जब किसी को कार को इंपोर्ट कराकर यहां लाते हैं तो उसमें वैल्यू फॉर मनी का फैक्टर ढूंढने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आप अपने लिए एक लग्जरी एसयूवी लेना ही चाहते हैं तो मर्सिडीज के पोर्टफोलियों में आपको कई और बेहतर ऑप्शंस मिल जाएंगे।

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