मारुति ब्रेजा: 7000 किलोमीटर लॉन्ग टर्म रिव्यू
Published On अप्रैल 20, 2023 By भानु for मारुति ब्रेजा
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हमारे साथ 6 महीने बिताने और 7000 किलोमीटर का सफर तय कर लेने के बाद अब ब्रेजा का फिर से मारुति के पास लौटने का समय आ चुका था। इस बार हमनें इसे ज्यादातर सिटी में ही ड्राइव किया और कभी कभी हमनें इसके साथ रोड ट्रिप्स भी की। हमारी पिछली रिपोर्ट्स के जरिए हमनें आपको बताया था कि इसमें दिए गए फीचर्स किस तरह से एक्सपीरियंस को शानदार बनाते हैं, किस तरह से ये शानदार सिटी कार है और इसमें क्या कुछ कमियां है। इस रिपोर्ट में हमनें मारुति ब्रेजा की खूबियों और खामियों का उल्लेख किया है, साथ ही हमारी एक राय कायम करते हुए बताया है कि क्या आपको ये लेनी चाहिए कि नहीं।
खूबियां
क्लासी है इसके लुक्स
ब्रेजा में पुरानी कारों जैसी बात है। इसका बॉक्सी शेप और 2 टोन पेंट इसे मॉडर्न लुक वाली एसयूवी कारों की भीड़ से अलग रखता है। इसके अलावा इसमें दिए गए एलईडी डेटाइम रनिंग लैंप्स और एलईडी हेडलैंप्स जैसे एलिमेंट्स इसे एक क्लासी लुक देने का काम करते हैं। हम निजी तौर पर इस कलर के फैन नहीं है, मगर ये दिन में काफी आकर्षक लगता है, खासतौर पर फूड कोर्ट्स या फिर सूरज के ढलते समय।
केबिन की बिल्ट क्वालिटी काफी अच्छी
ब्रेजा का केबिन और डैशबोर्ड काफी सॉलिड नजर आता है। इसकी फिट और फिनिशिंग काफी अच्छी है। यहां तक कि एसी वेंट्स, लाइट्स और इंफोटेनमेंट के बटन इस्तेमाल करने में काफी स्मूद लगते हैं। कुल मिलाकर इसका केबिन लंबे समय तक काम करने जैसा लगता है और इसमें कमियां ढूंढ पाना काफी कठिन है।
काफी इंप्रेसिव लगती है इसकी प्रैक्टिकेलिटी
मारुति की लगभग सभी कारें इस मोर्चे पर काफी अच्छी नजर आती है। ब्रेजा में भी वायरलेस चार्जर, दो बड़े कपहोल्डर्स, अंडर आर्मरेस्ट स्टोरेज और एक अच्छे साइज का ग्लवबॉक्स दिया गया है। यहां तक कि इसके डोर पॉकेट्स भी काफी बड़े हैं। इसका मतलब ये हुआ कि लंबी ट्रिप्स के लिए आप छोटे मोटे आइटम आराम से रख सकते हैं।
ब्रेजा में सीट एडजस्टमेंट्स की रेंज भी काफी इंप्रेसिव है और यहां तक कि इसके स्टीयरिंग को हाइट और रीच के लिए एडजस्ट किया जा सकता है। ऐसे में हर तरह की लंबाई वाले लोग एक कंफर्टेबल ड्राइविंग पोजिशन पर बैठ सकते हैं।
काफी काम के फीचर्स दिए गए हैं इसमें
ब्रेजा में काफी अच्छे फीचर्स दिए गए हैं और सबसे जरूरी बात कि इन सभी फीचर्स को काफी सोच समझकर दिया गया है। हेड्सअप डिस्प्ले और 360 डिग्री कैमरा आपको गैर जरूरी लग सकते हैं, मगर ब्रेजा में ये एक अच्छा एक्सपीरियंस देते हैं। इसमें हेड्सअप डिस्प्ले की डिस्प्ले कलरफुल है और इसमें कई लेआउट मिलते हैं और आप यहां पर क्लाइमेट कंट्रोल टेंपरेचर, फैन स्पीड, नेविगेशन और डोर ओपन वॉर्निंग जैसी चीजें देख सकते हैं। इसका कैमरा काफी सटीक है और इस्तेमाल करने में आसान है। इसमें एक अच्छा साउंड सिस्टम और वायरलेस चार्जर दिया गया है जिससे एक्सपीरियंस और भी ज्यादा अच्छा हो जाता है।
मेंटेन करने में कम खर्चीला है इसका केबिन
हमें निजी तौर पर इसकी ब्लैक और डल ब्राउन कलर थीम पसंद नहीं आई, मगर इसका केबिन मेंटेन करने में काफी आसान है। इसे साफ रखना भी काफी आसान है और गलती से कहीं आप सीट पर कॉफी गिरा भी दें तो दाग धब्बे नहीं रह जाते हैं।
शानदार और स्मूद राइड एक्सपीरियंस
ब्रेजा को सबसे ज्यादा पसंद इसी मोर्चे पर किया जा सकता है। इसका इंजन काफी रिफाइंड है, एक्सलरेशन काफी स्मूद और राइड कंफर्ट काफी लाजवाब है। आप मारुति ब्रेजा 6500 किलोमीटर लॉन्ग टर्म रिव्यू के जरिए इस चीज को विस्तार से जान सकते हैं। हालांकि हाईवे पर इसका इंजन कम पावरफुल महसूस होता है, मगर सिटी और ट्रैफिक में ब्रेजा एक स्मूद एक्सपीरियंस देती है।
फ्लैट बूट फ्लोर
ब्रेजा का बूट स्पेस सेगमेंट में सबसे बेस्ट तो नहीं कहा जा सकता है, मगर आप चाहें तो दिमाग लगाकर इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी सीटें सीधी फोल्ड हो जाती है जिससे आपको एक ज्यादा फ्लैट फ्लोर मिल जाता है। इससे आप बड़े फर्नीचर जैसी चीजें भी आराम से रख सकते हैं जो हम भी आजमा चुके हैं।
कमियां
एक ऑल राउंडर कार नहीं है ये
ब्रेजा सिटी में ड्राइव करने में काफी आसान लगती है, मगर ये कहानी हाईवे पर बदल जाती है। ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ इसका इंजन अपने कंफर्ट जोन से बाहर चला जाता है और आसान और तनावमुक्त एक्सलरेशन के लिए जूझता दिखाई देता है। ऐसे में ओवरटेकिंग थोड़ी कठिन हो जाती है और यहां तक कि ज्यादा स्पीड में कार ड्राइव करने में भी थोड़ा जोर लगाना पड़ता है।
काफी डल नजर आता है इसका केबिन
ये बात हमनें पहले भी कही थी और एक बार फिर कह रहे हैं कि ब्रेजा के केबिन के लिए ब्राउन और ब्लैक कलर की थीम का चुनाव अच्छा साबित नहीं हुआ है। इससे ये नई कार भी पुरानी और डल नजर आती है। यदि ब्राउन के साथ ऑफ व्हाइट या ग्रे कलर का इस्तेमाल किया जाता तो ज्यादा बेहतर रहता। इससे केबिन में एक खुलेपन का अहसास भी होता।
औसत माइलेज देती है ये कार
कुछ लोगों को इसका माइलेज ठीक ठाक नजर आ सकता है तो कुछ लोग ज्यादा की मांग कर सकते हैं। ब्रेजा का ऑटोमैटिक मॉडल सिटी में 12 से 13 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दे देता है और हाईवे पर ये 16 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज निकाल देती है। चूंकि डीजल इंजन वाली पुराना विटारा सिटी में 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती थी और लोग मारुति की कारों से बेहतर माइलेज मिलने की उम्मीद भी रखते हैं, ऐसे में ब्रेजा यहां इंप्रेस करती नजर नहीं आती है।
खराब मौसम में अच्छी परफॉर्मेंस नहीं देते इसके हेडलैंप्स
एलईडी हेडलैंप्स में सबसे बड़ी कमी ये होती है कि ये खराब मौसम में अच्छा परफॉर्म नहीं करते हैं। ब्रेजा में भी ये समस्या आती है। सिटी में इसके हेडलैंप्स अच्छे ढंग से काम करते हैं, मगर बारिश, कोहरे या आंधी के दौरान इनसे अच्छी विजिबिलिटी नहीं मिलती है। ये परेशानी सबसे ज्यादा हाईवे पर आती है जहां विजिबिलिटी गिरने लगती है और आपको कार की स्पीड कम करनी पड़ती है।
आइडल इंजन स्टार्ट/स्टॉप ट्यूनिंग
ब्रेजा में माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम दिया गया है। ये टेक्नोलॉजी कुछ ऐसे काम करती है कि ट्रैफिक में या सिग्नल पर कार पूरी तरह से रुक जाती है तो ये इंजन को बंद कर देती है और जैसे ही आप ब्रेक पर से पैर हटाते हैं तो इंजन स्टार्ट हो जाता है। हालांकि ब्रेजा में इसकी ट्यूनिंग थोड़ी बेहतर होनी चाहिए थी। ब्रेजा में इंजन तब भी बंद हो जाता है जब कम स्पीड में कार चल रही होती है और आप पूरी तरह से रूक नहीं पाते हैं। हमनें तो इस फंक्शन को अमूमन कार शुरू करने से पहले बंद ही रखा।
निष्कर्ष
रोजाना की ड्राइविंग के हिसाब से तो ब्रेजा हमें एक शानदार कार लगी। हालांकि इसका हाईवे एक्सपीरियंस कुछ और बेहतर मिलता तो अच्छा था, मगर ब्रेजा ने दूसरे मोर्चों पर हमें बिल्कुल निराश नहीं किया। यदि आप इसे ज्यादातर शहर में ही इस्तेमाल करने वाले हैं और कंफर्ट को तवज्जो देते हैं तो हम आपको ब्रेजा लेने की सलाह जरूर देंगे।