ओडिशा की रहने वाली दो बहनों ने फसलों के वेस्ट से तैयार की नई ईवी बैट्री टेक्नोलॉजी, जानिए इसकी खासियत
भुवनेश्वर बेस्ड स्टार्टअप नेक्सस पावार की को फाउंडर निकिता और निशिता बलियारसिंह ने लिथियम फ्री बायोडिग्रेडेबल बैट्री सेल तैयार किए हैं जिन्हें फसलों के वेस्ट से निकलने वाले प्रोटीन से तैयार किया गया है। दो साल की गहन रिसर्च के बाद दोनों बहनों ने मिलकर ये तकनीक तैयार की है। इस टेक्नोलॉजी को अगले दो से तीन साल के अंदर मार्केट में पेश कर दिया जाएगा और इस तरह पूरी दुनिया में भारत इस टेक्नोलॉजी का मुख्य केंद्र बन सकता है।
यह बैट्री सेल टेक्नोलॉजी एकदम नई है और इसमें इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर और रिलीज करने के लिए प्रोटीन की हाल ही में खोजी गई कंडक्टिव प्रोपर्टीज का इस्तेमाल किया गया है। इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रोलाइट दोनों को ही बायो ऑर्गेनिक मैटेरियल्स के इस्तेामल से तैयार किया गया है और एल्युमिनियम की केसिंग रिसाइक्लेबल है।
नेक्सस पावर की सीओओ निकिता बलियारसिंह ने कहा कि 'इस समय हमारा फोकस 2 व्हीलर्स और 3 व्हीलर्स के लिए बैट्री तैयार करने पर है। ये कंपनी कुछ लोकल स्टार्टअप्स की मदद से वो अपने प्रोटोटाइप बैट्री पैक को इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर में लगाकर उसकी टेस्टिंग करेगी।
नेक्सस पावर अपनी ये खास बैट्री एथर एनर्जी और अल्ट्रावॉयलेट जैसी इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स को सप्लाय करने की प्लानिंग कर रही है। इसके अलावा भविष्य में ये कंपनी इलेक्ट्रिक कारों और यहां तक कि कंज्यूमर इलेक्ट्रिक गुड्स के लिए भी बैट्री तैयार करेगी।
कंपनी की को फाउंडर निकिता ने कहा कि हाल ही में किया गया इस बैट्री के परिक्षण के रिजल्ट काफी पॉजिटिव रहे हैं। कंपनी लिथियम आयन सेल से अपने प्रोटोटाइप सेल को कंपेयर करने के लिए टेस्टिंग भी कर रही है। निकिता ने इसबारे में कहा कि कंपनी हम लिथियम आयन सेल जितने पावरफुल सेल तैयार करने में जुटे है ताकि उन्हें मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर में इस्तेमाल किया जा सके। कंपनी ये जानना चाहती है कि ये ग्रीन बैट्री लिथियम आयन बैट्री जितनी सक्षम है कि नहीं।
नेक्सस पावर अपनी इस बैट्री का प्रोडक्शन शुरू करने पर भी विचार कर रही है। निकिता ने आगे कहा कि हम चाहतेे हैं कि कुछ दूसरी इंडस्ट्रीज़ भी हमारा सहयोग करने के लिए आगे आए। उन्होनें बताया कि इससे ग्रीन बैट्री तैयार करने वाली मैन्युफैक्चरिंग एंड रीसाइक्लिंग यूनिट्स को भी काफी फायदा होगा। इसके लिए नेक्सस पावर एक बायबैक स्कीम लेकर आने का भी प्रस्ताव रखा है। इस स्कीम के तहत आप अपनी ग्रीन बैट्री को मैन्युफैक्चरर को वापस कर सकेंगे जो उन्हें काफी ढंग से नष्ट कर सकेंगी।
अभी लिथियम आयन बैट्री को रिसाइकल करने के लिए एमजी मोटर्स और उसकी सहयोगी कंपनी एक्जिकॉम यूज्ड एमजी जेडएस ईवी बैट्री की रीपैकेजिंग और रियूज का काम कर रही है। इस काम के लिए एमजी ने अटेरो के साथ भी करार किया है।
निकिता ने बताया कि उन्होनें 2019 में इस नई तरह की बैट्री तैयार करने पर काम शुरू किया था। ये टेक्नोलॉजी पर्यावरण को इस समय पहुंच रहे नुकसान से काफी हद तक दूर कर सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल 23 मिलियन क्रॉप वेस्ट तैयार होता है जिसमें से काफी मात्रा में किसान उसकी पराली जलाकर उसे नष्ट कर देते हैं जो वातावरण को काफी हद तक दूषित करता है। भारत में किसानों द्वारा पराली जलाने का मुद्दा काफी बड़े पैमाने पर पहुंच चुका है जिसका दिल्ली,हरियाणा,पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों के कई शहरों पर पड़ता है। बायोमास की बात की जाए तो वो वेस्टेड फ्यूल होता है जिससे बायोगैस,कंपोस्ट और नेक्सस पावर की ये बायो ऑर्गेनिक बैट्रीज तैयार की जा सकती है।
अभी इलेक्ट्रिक कारों में दी जा रही लिथियम आयन बैट्री लॉन्ग रेंज देने के हिसाब से तैयार की गई है जिसे चार्ज करने के लिए हाई वोल्टेज रैपिड चार्जिंग की जरूरत पड़ती है। मगर लिथियम आयन बैट्रियों को तैयार करने में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। इन बैट्रियों को तैयार करने के हर प्रोसेस फिर वो चाहे लिथियम माइनिंग,ट्रांसपोर्टेशन,सेल और बैट्री मैन्युफैक्चरिंग ही क्यों ना हो सब चीजें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। यदि इन बैट्रियों को ठीक से रिसाइकल नहीं किया गया तो ये पर्यावरण को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।
दूसरी तरफ नेक्सस पावर की ये ग्रीन बैट्री वेस्ट से तैयार की जाती है जिसके प्रोडक्शन से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री धीरे धीरे इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ रही है। भारत में तो इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर राज्य और केंद्र सरकार की ओर से टाटा नेक्सन ईवी और महिंद्रा ई-वेरिटो जैसी कारें खरीदने पर इसेंटिव्स भी दिए जा रहे हैं। यहां हुंडई कोना,एमजी जेडएस ईवी,जगुआर आई-पेस और मर्सिडीज बेंज ईक्यूसी जैसे महंगे मॉडल्स भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में आगे ग्रोथ दिखाई देने की उम्मीद है और काफी लोग चाहते हैं कि इन कारों की कीमतें भी कम हो जाए।
नेक्सस पावर की निकिता ने कहा का है कि वो अपने इस प्रोडक्ट को ग्लोबल लेवल पर लॉन्च करना चाहती हैं मगर अभी इसे कब तक पेश किया जाएगा इसकी टाइमलाइन तय नहीं की गई है। हालांकि कंपनी 2022 तक इन बैट्रियों का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है।
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I would really appreciate NISHITA and NIKITA to first do all the best in India made in India built-in in India make it for India because the whole world is just doing the most buisness in India.
We want this environment friendly battery of Nikita and Nishida as soon as possible to be used in our vehicles.
Yes. Definitely want to see it in use in real world.. M proud of these sisters n my best wishes for them.