कोविड के बाद टाटा, महिंद्रा और मारुति समेत इन कंपनियों की सालाना ग्रोथ में हुआ इजाफा
संशोधित: अप्रैल 05, 2022 01:46 pm | सोनू
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कोरोना महामारी का ऑटो इंडस्ट्री पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा है। पहले 2020 में लॉकडाउन लगने से कंपनियों का प्रोडक्शन और सेल्स प्रभावित हुई। इसके बाद सप्लाई चेन का इश्यू निकल कर आया और इनपुट कॉस्ट भी बढ़ गई। हालांकि इन सब के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में अधिकांश कंपनियों ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की। यहां देखिए किन-किन कंपनियों की सालाना सेल्स बढ़ी हैः
टाटा और इसकी इलेक्ट्रिक कार
टाटा मोटर ने पिछले कुछ सालों में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में अपनी अच्छी पकड़ बनाई है और वित्त वर्ष 2021-222 में कंपनी ने काफी अच्छी ग्रोथ दर्ज की है। पिछले एक साल में कंपनी ने 3.7 लाख से ज्यादा कारें बेची है और 67 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ दर्ज की है। टाटा मोटर्स को तिमाही और मासिक सेल्स में क्रमशः 47 प्रतिशत और 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली है।
टाटा मोटर ने ईवी सेगमेंट में भी अच्छी ग्रोथ पाई है। कंपनी की ईवी सेल्स सालाना 353 प्रतिशत तक बढ़ी है, वहीं तिमाही सेल्स 432 प्रतिशत तक बढ़ी है।
मारुति सुजुकी
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी अभी कुल सेल्स के मामले में सबसे आगे है। अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक मारुति ने 13 लाख से ज्यादा गाड़ियां बेची। मारुति की सालाना ग्रोथ 13.4 प्रतिशत रही जो कि टाटा और महिंद्रा की सालाना ग्रोथ से काफी कम है। मारुति की सालाना ग्रोथ में एसयूवी और एमपीवी सेगमेंट की कारों की ज्यादा हिस्सेदारी रही। मार्च 2021 के कंपेरिजन में मार्च 2022 में मारुति की सेल्स 9.2 प्रतिशत कम रही।
महिंद्रा
महिंद्रा ने भी 2021-22 में अच्छी ग्रोथ दर्ज की। इस पीरियड में कंपनी ने एक्सयूवी 700 को लॉन्च किया और इसी दौरान कंपनी की थार भी अच्छी डिमांड में रही। कंपनी की बोलेरा अभी भी सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की लिस्ट में शुमार है, वहीं एक्सयूवी 300 और स्कॉर्पियो को भी अच्छी डिमांड मिल रही है। महिंद्रा की सालाना ग्रोथ 44 प्रतिशत रही और एक साल में कंपनी ने करीब 2.26 लाख कारें बेची।
हुंडई
फाइनेंशियल ईयर 2022 में हुंडई को भी अच्छी ग्रोथ मिली। कंपनी ने 2.1 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ दर्ज की और इस दौरान 4.81 लाख कारें बेची। इसी के साथ हुंडई ने एक्सपोर्ट में भी 24 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है और यह देश में सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनी बन गई। पिछले वित वर्ष में कंपनी ने केवल अल्कजार और आई20 एन लाइन को ही यहां पर लॉन्च किया।
किया
फाइनेंशियल वर्ष 2021-22 किया मोटर के सालाना सेल्स परफॉर्मेंस के मामले में सबसे बेस्ट रहा। पिछले वित्त वर्ष कंपनी ने 1.87 लाख कारें बेची और सालाना ग्रोथ में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की। कंपनी के पोर्टफोलियो में सेल्टोस की डिमांड 51 प्रतिशत और सोनेट कार की मांग 40 प्रतिशत बढ़ी। वहीं बाकी डिमांड केरेंस और कार्निवल कार की थी। किया केरेंस देश में कंपनी की चॉथी और नई पेशकश है जिसे अब तक 50,000 से ज्यादा बुकिंग मिल चुकी है। इस कार की लॉन्च के महज दो महीने में 12117 यूनिट बिक गई थी।
होंडा
जापानी कार कंपनी होंडा ने 2021-22 में 85,600 से ज्यादा कारें बेची और इसकी सालाना ग्रोथ 4.3 प्रतिशत रही। इस दौरान कंपनी ने केवल फेसलिफ्ट अमेज को ही मार्केट में नई कार के तौर पर पेश किया। होंडा ने वित्त वर्ष 2021-22 में एक्सपोर्ट के मामले में 278 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की। भारत में होंडा एकमात्र ब्रांड है जिसने अभी तक एक भी कॉम्पैक्ट एसयूवी नहीं उतारी है। जल्द ही होंडा मास मार्केट सिटी हाइब्रिड को लॉन्च करने वाली है।
टोयोटा
टोयोटा ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में 58 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की और इस दौरान कंपनी ने देश में कुल 1,23,770 कारें बेची। टोयोटा के इंडियन पोर्टफोलियो में ग्लैंजा कार सबसे अफोर्डेबल है। यह मारुति बलेनो का क्रॉस-बैज वर्जन है जिसे मारुति-सुजुकी पार्टनरशिप के तहत उतारा गया है। इनोवा क्रिस्टा इस समय कंपनी की सबसे पॉपुलर कार है।
निसान
निसान इंडिया के लिए पिछले कुछ साल ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं लेकिन अब कंपनी धीरे-धीरे अच्छा प्रदर्शन कर रही है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में निसान ने कुल 37678 कारें बेची और इसकी सालाना ग्रोथ 100 प्रतिशत रही। सब-4 मीटर एसयूवी मैग्नाइट ने निसान की भारत के कार मार्केट में अच्छी पकड़ बनाई है। इस कार को अब तक एक लाख से ज्यादा बुकिंग मिल चुकी है। निसान के पोर्टफोलियो में मैग्नाइट के अलावा किक्स एसयूवी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
तो ये हैं कुछ कार कंपनियों के नाम जिन्होंने कोरोना महामारी के बाद इस वित्तीय वर्ष में अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि फ्यूल और कारों की बढती कीमत के चलते आने वाले सालों में कारों की डिमांड कम हो सकती है। वहीं इस दौरान ईवी सेगमेंट की ग्रोथ लगातार बढ़ती रहने की संभावना है।