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नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल: पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक कार के बीच का गैप भर रही हैं ये गाड़ियां

संशोधित: जनवरी 30, 2025 03:08 pm | cardekho

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बदलाव हो रहे हैं। जैसे-जैसे देश एमिशन सस्टेनेबिलिटी की तरफ बढ़ रहा है, ईको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन सोल्यूशन की डिमांड भी बढ़ रही है। हालांकि प्योर इलेक्ट्रिक व्हीकल कार्बन-फ्री भविष्य का वादा करते हैं, लेकिन नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल पारंपरिक गैसोलिन व्हीकल और ईवी दोनों के बीच का गैप भरने का काम कर रहे हैं। इन इनोवेटिव व्हीकल में पारंपरिक फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी दोनों का कॉम्बिनेशन मिलता है, और ईको-फ्रेंडली व्हीकल पर स्विच होने वालों के लिए यह आदर्श विकल्प साबित होते हैं।

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट

नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (एचईवी) नाम से भी जाना जाता है, जिनमें गाड़ी को पावर देने के लिए एक गैसोलिन इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल होता है। रेगुलर व्हीकल के विपरीत ये हाइब्रिड व्हीकल ड्राइविंग कंडिशन के हिसाब से गैसोलिन और इलेक्ट्रिक मोड पर आसानी से स्विच होते हैं, जिससे एक तो कार का माइलेज बढ़ता है, दूसरा कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है।

कुछ मॉडल में रीजनरेटिव ब्रेकिंग की सुविधा भी दी गई है, जो ब्रेक लगाने के दौरान उत्पन्न होने वाली एनर्जी को बैटरी में इकट्ठा करती है जिससे कार की रेंज बढ़ जाती है। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए हाइब्रिड व्हीकल फुल इलेक्ट्रिक व्हीकल का एक कॉस्ट-इफेक्टिव विकल्प है। ज्यादातर ग्राहक अभी भी ईवी चार्जिंग इंफ्रास्टक्चर और इनकी रेंज को लेकर चिंचित है, जबकि हाइब्रिड व्हीकल के साथ पारंपरिक गैसोलिन फ्यूलिंग के साथ इलेक्ट्रिक रेंज का बेनेफिट मिलता है।

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे

पेट्रोल और डीजल की प्राइस बढ़ने की वजह से हाइब्रिड कार भारत में लोकप्रिय हो रही हैं। ये सिटी और लो-स्पीड ड्राइविंग के दौरान इलेक्ट्रिीसिटी पर चलती है, जिससे फ्यूल की खपत कम होती है और इनकी ओवरऑल रनिंग कॉस्ट कम आती है। आइए समझते हैं भारत में हाइब्रिड गाड़ी क्यों अच्छी तरह से काम करती है:

फ्यूल एफिशिएंसी: बढ़ती फ्यूल प्राइस और पर्यावरण संबंधी चितांओं के कारण हाइब्रिड कार एक बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि ये डेली ड्राइविंग के हिसाब से 40 प्रतिशत तक की फ्यूल की खपत कम करती है।

ट्रैफिक: भारतीय शहर भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक के लिए मशहूर हैं। हाइब्रिड व्हीकल ऐसी कंडिशन के लिए उपलब्ध है, क्योंकि ये लो स्पीड पर इलेक्ट्रिक मोटर पर स्विच हो जाते हैं, जिससे एक तो पॉल्यूशन कम होता है, और दूसरा फ्यूल की भी बचत होती है।

इंफ्रास्ट्रक्चर: ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी यह शुरूआती स्टेज में है। हाइब्रिड व्हीकल एक ऐसा विकल्प है जिसमें आपको बैटरी को चार्ज करने की चिंता नहीं रहती है, क्योंकि इनकी बैटरी गैसोलिन इंजन और रीजनरेटिव ब्रेकिंग से चार्ज होती है।

ग्रीन कंज्यूमर: भारतीय उपभोक्ता पर्यावरण के प्रति तेजी से जागरूक हो रहे हैं। हाइब्रिड व्हीकल पारंपरिक व्हीकल के मुकाबले कम पॉल्यूशन करते हैं, ऐसे में पर्यावरण के प्रति सोचने वालों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।

ड्यूल पावर सोर्स: हाइब्रिड व्हीकल इंटरनल कंबशन इंजन (आईसीई) और एक इलेक्ट्रिक मोटर के मिश्रण पर चलते हैं। खासकर रोजाना की सिटी ड्राइविंग और भारी ट्रैफिक के दौरान जब कार की स्पीड कम होती है तो हाइब्रिड व्हीकल में इलेक्ट्रिक मोटर से पावर सप्लाई होती है, जिससे फ्यूल की बचत होती है और इनकी रनिंग कॉस्ट कम हो जाती है।

हाइब्रिड व्हीकल को बढ़ावा देने में कारदेखो की भूमिका

कारदेखो ग्रुप भारत के अग्रणी व्हीकल मार्केटप्लेस में से एक है, जो भारत के कार बाजार में लोगों को नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कारदेखो डिटेल कंपेरिजन, एक्सपर्ट रिव्यू, और विस्तृत व्हीकल लिस्टिंग के साथ उपभोक्ता को उनकी जरूरत और बजट के हिसाब से निर्णय लेने में मदद करता है।

कारदेखो अपने यूजर-फ्रेंडली प्लेटफार्म पर ईएमआई कैलकुलेटर, करेंसी कन्वर्जन ऑप्शन, और हाइब्रिड कार मॉडल की विस्तृत इंफोफॉर्मेशन जैसे टूल के साथ भी कार खरीदने की प्रोसेस को आसान बनाता है। इस प्लेटफार्म पर आपको लग्जरी हाइब्रिड से लेकर बजट व्हीकल तक सभी रेंज मिल जाएगी, जिससे हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिल सके।

भारत में हाइब्रिड कार का भविष्य

नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड कार ना केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ता कदम है, बल्कि ये भारत की सस्टेनेबल मोबिलिटी जर्नी का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत सरकार की फेम 2 (फास्टर अडोप्शन एंड प्रोडक्शन ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल) जैसी ईको-फ्रेंडली व्हीकल स्कीम के साथ हाइब्रिड व्हीकल सेगमेंट को बूस्ट मिलने की उम्मीद है।

जो लोग फुल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर स्विच होने से कतराते हैं उनके लिए हाइब्रिड व्हीकल एकदम सही विकल्प है। इनमें गैसोलिन और इलेक्ट्रिसिटी दोनों का मिश्रण मिलता है और पर्यावरण को क्लिन रखने में भी योगदान देते हैं। भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब एक ऐसी पोजिशन पर है जहां नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल गैसोलिन और इलेक्ट्रिक व्हीकल के बीच का गैप भरेगी। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ये प्रैक्टिकल, ईको-फ्रेंडली, और कॉस्ट-इफेटिव ऑप्शन है।

निष्कर्ष

कारदेखो हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को हर भारतीय के लिए सुलभ, और आकर्षक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही उपयोगकर्ताओं को भी इसे अपपाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्धता रखता है। जैसे-जैसे देश ईको-फ्रेंडली व्हीकल की तरफ बढ़ रहा है, नेक्स्ट जनरेशन हाइब्रिड व्हीकल निसेंदह बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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