जानिए एशिया के सबसे लंबे टेस्ट ट्रैक ‘नैट्रेक्स इंडिया’ से जुड़ी पांच खास बातें

प्रकाशित: जून 30, 2021 06:50 pm । स्तुति

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किसी भी नई कार को शोरूम पर लाने से पहले कंपनी उसका कई तरह से टेस्ट करती है। गाड़ी की खामियां और खूबियां जानने के लिए उसका कई लाखों किलोमीटर तक रियल वर्ल्ड टेस्ट किया जाता है। हालांकि, सभी प्रकार के टेस्ट को सुरक्षित रूप से आयोजित कर पाना हमेशा संभव नहीं होता है। ऐसे में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (नैट्रेक्स) बेहद काम का है। यह एशिया का सबसे बड़ा व्हीकल टेस्टिंग ट्रेक है जिसे भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के प्रीतमपुर में तैयार किया गया है। यहां कार कंपनियां अपने वाहनों का टेस्ट कर सकेंगे। यहां हमनें पांच ऐसे कारण बताए हैं जिससे हमें लगता है कि नैट्रेक्स इंडिया ऑटोमोबाइल फैंस के लिए एक अच्छी फैसिलिटी साबित होती है, तो चलिए इस पर डालते हैं एक नज़र:-

1. हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक 

नैट्रेक्स में 11.3 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक का उद्घाटन हाल ही में किया गया था। यह एशिया का सबसे लंबा और दुनिया का पांचवां सबसे लंबा ट्रैक है। इस स्ट्रेट टेस्ट ट्रैक पर कार को अनलिमिटेड स्पीड पर चलाया जा सकता है। इस पर व्हीकल 375 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर टर्न भी ले सकते हैं। इसके सरफेस को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें 250 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर कोई स्टीयरिंग इनपुट नहीं डालना पड़ता है। वहीं, इससे ज्यादा की स्पीड पकड़ने और व्हीकल को स्ट्रेट रखने के लिए थोड़ा स्टीयरिंग इनपुट डालने की आवश्यकता होती है। इस सरफेस पर कार कंपनियां कई सारे हाई स्पीड टेस्ट कर सकती हैं और इस उद्देश्य के लिए उन्हें अपने वाहनों के प्रोटोटाइप को भारत से बाहर भी नहीं भेजना होगा। इतना ही नहीं यह ट्रैक सुपरकार ब्रांड्स को भी प्रेरित कर सकता है जिन्हें हाई स्पीड टेस्टिंग लोकेशन की आवश्यकता होती है।

2. मल्टी फ्रिक्शन ब्रेकिंग टेस्ट ट्रैक 

कार में ट्रिपल-डिजिट स्पीड पकड़ना हर किसी को काफी अच्छा लगता है, लेकिन एकदम सुरक्षित तरीके से कार रोकने के लिए अच्छे ब्रेक की आवश्यकता जरूर पड़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए NATRAX में ब्रेक टेस्टिंग फैसिलिटी की सुविधा भी दी गई है। ट्रैक और हमारी सड़क पर ब्रेक लगाना कभी भी एक जैसा नहीं होता है। अलग-अलग सड़क की स्थिति अलग-अलग फ्रिक्शन लेवल पैदा करती है यानी कि यदि सभी पैरामीटर्स को एक जैसा रखा जाए तो ब्रेक लगाने पर वाहन अलग-अलग सरफेस पर अलग-अलग दूरी पर जाकर रुक जाएगा। NATRAX फैसिलिटी में अलग-अलग तरह की सरफेस जैसे कंक्रीट, डामर, बेसाल्ट आदि मिलती है। इस सरफेस पर सभी कैटेगरी के वाहनों का परीक्षण किया जा सकता है। ये ट्रैक अच्छे ब्रेकिंग हार्डवेयर को विकसित करने, टायर रबर के बारे में समझने और एबीएस सिस्टम को ट्यून करने के लिए काफी उपयोगी है।

3. फोर-व्हीलर्स के लिए हैंडलिंग सर्किट

एक सिंगल सिस्टम को जज करने के लिए इंडिविजुअल टेस्टिंग फैसिलिटीज़ अच्छी होती हैं, लेकिन पूरे व्हीकल को जज करने के लिए अलग-अलग पैरामीटर्स के साथ आने वाले सर्किट की आवश्यकता होती है।   

नैट्रेक्स का हैंडलिंग सर्किट खासकर फोर-व्हीलर्स के लिए तैयार किया गया है। इसकी लंबाई 3.6 किलोमीटर है और चौड़ाई 8 मीटर है, वहीं टर्निंग रेडियस 20 मीटर से 300 मीटर है। इस पूरे ट्रैक में 1.5 परसेंट से 4.5 परसेंट ढलाने हैं जिससे इसके एलिवेशन में लगातार बदलाव होते रहेंगे।   

4. एसेलेरेटेड फेटीग ट्रैक

समय के साथ-साथ व्हीकल्स खराब हो जाते हैं क्योंकि वह राइडिंग के दौरान कई बाधाओं का सामना करते हैं। किसी भी नई कार को लॉन्च करने से पहले कारमेकर्स को इस डिग्रेडेशन का टेस्ट करना चाहिए। नैट्रेक्स के एसेलेरेटेड फेटीग ट्रैक में कुल 28 अलग-अलग तरह की बाधाएं हैं जिन्हें कारमेकर अपने अनुसार चुन सकते हैं कि वह कौनसा टेस्ट करना चाहते हैं। इससे उन्हें पूरी कार का और कार के पार्ट्स को टेस्ट करने का मौका मिलता है।  

5. लैब टेस्टिंग 

नैट्रेक्स परिसर में प्रेक्टिकल टेस्टिंग फैसिलिटीज़ दी गई हैं। व्हीकल के डायनामिक्स से लेकर इंजन, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट को टेस्ट करने के लिए इसमें अलग-अलग लैब्स बनी हुई हैं। इसमें एक ऐसी सुविधा भी उपलब्ध है जहां कम्प्यूटर सिस्टम जैसे कैड (मॉडलिंग सॉफ्टवेयर) के जरिए व्हीकल मॉडलिंग भी की जा सकती है।

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