क्या है पुरानी डीजल कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट कराने की प्रोसेस और इसका फायदा, जानें ऐसे तमाम सवालों के जवाब
प्रकाशित: नवंबर 23, 2021 04:47 pm । cardekho
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दिल्ली सरकार ने पुरानी डीजल कारों को इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट कर उन्हें स्क्रेपयार्ड में जाने से बचाने का रास्ता निकाला है।
Delhi is now open to ICE to electric retrofitting! Vehicles if found fit can convert their diesel to electric engine, dept'll empanel manufacturers of pure electric kit by approved testing agencies. Once empanelled this'll enable vehicles to continue plying here beyond 10 yrs.
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 18, 2021
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपके पास 10 साल पुरानी डीजल कार है तो अब इसे बेचने या स्क्रैप में देने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार ने ऐसी गाड़ियों के लिए नया रास्ता निकाला है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी है कि अब दस साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारों को इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट करके चलाया जा सकता है।
2015 में पर्यावरण प्रदुषण कम करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्य में 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया था। नतीजतन दिल्ली वालों के पास दो ऑप्शन बचते हैं, पहलाः डेडलाइन खत्म होने से पहले उसे ऐसे राज्य में बेच दें जहां 10 साल का नियम नहीं, दूसरा उसे स्क्रैप में दे दें।
लेकिन अब डीजल कार मालिकों को तीसरा ऑप्शन ये मिलेगा कि वे अपनी गाड़ी के मॉडिफाई कराके केवल बैटरी पावर पर चला सकेंगे।
डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कैसे कन्वर्ट करें?
डीजल कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में कनवर्ट करना किसी जटिल सर्जरी से कम नहीं है। अधिकांश पुरानी डीजल कारों को बैटरी पर चलने के हिसाब से डिजाइन नहीं दिया गया है, ऐसे में इलेक्ट्रिक में कनवर्ट करने वाली कंपनियों को इनमें ईवी पावरट्रेन शामिल करने के लिए काफी रिसर्च और डेवलपमेंट करने की जरूरत पड़ती है।
सबसे पहले कार से डीजल इंजन का हटाया जाता है और इसके बाद इस स्पेस को इलेक्ट्रिक मोटर, हाई-वॉल्टेज वायरिंग सर्किट और ईवी सिस्टम की कंट्रोल्स यूनिट्स के काम में लिया जाता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ी में कनवर्ट करने पर बैटरी को वहां रखा जा सकता है जहां आमतौर पर डीजल फ्यूल टैंक होता है। ऐसे में बैटरी को रियर सीट के नीचे या फिर बोनट में फिट किया जा सकता है, अगर वहां स्पेस होता है तो। आप बैटरी को कहां फिट करते हैं, डीजल कार की सबफ्रेम में कितनी जगह बची है ओर बैटरी की साइज कितनी है इन सब चीजों को ध्यान में रखना होता है। ज्यादा बड़ी बैटरी पैक वाली कारों की रेंज ज्यादा होती है और उनकी साइज भी बड़ी ही होती है।
इसके अलावा कनवर्ट करने वाले टेक्नीशियनों को हाई-वॉल्टेज और लॉ-वोल्टेज सर्किट, पावर ट्रांसमिशन, इलेक्ट्रिक मोटर फिटमेंट और रि-वायर आदि का भी ध्यान रखना होता है। इसके अलावा पुरानी डीजल कारों में ईवी कंपोनेंट की सुरक्षा के लिए कुछ अतिरिक्त स्ट्रक्चरल सपोर्ट की भी जरूरत पड़ सकती है।
डीजल कार को इलेक्ट्रिक बनाने का खर्च?
भारत में अभी जो ईवी कनवर्ट एजेंसी काम कर रही हैं वो एक गाड़ी को इलेक्ट्रिक बनाने में 4 लाख से 6 लाख रुपये तक ले रही है। डीजल कारों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करना पेट्रोल कारों को सीएनजी में तब्दील करने से ज्यादा जटिल है। इसके लिए ना केवल आपको होम ईवी चार्जिंग सेटअप में इनवेस्ट करने की जरूरत होती है बल्कि आपको पार्किंग स्पॉट में इसे इंस्टॉल कराने के लिए सेफ जगह की भी जरूरत पड़ती है।
आपके पास प्रोपर फैक्ट्री फिटेड ईवी पर अपग्रेड करने का ऑप्शन भी है। टाटा टिगोर ईवी की ही बात करें तो इसके लिए आपको कनवर्ट किट से करीब दुगुना अमाउंट देना पड़ता है। दिल्ली सरकार ने ईवी पॉलिसी में इलेक्ट्रिक कारों पर तीन लाख रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की है, लेकिन सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि डीजल कारों को इलेक्ट्रिक में कनवर्ट कराने पर भी सब्सिडी दी जाएगी या नहीं।
इलेक्ट्रिक कनवर्ट डीजल कार में कस्टमर सपोर्ट और सर्विस का इश्यू भी ग्राहक के सामने आ सकता है। फैक्ट्री-फिटेड ईवी में इश्यू जल्दी से सही हो जाएगा जबकि कनवर्ट कार में थोड़ी परेशानी आ सकती है। फैक्ट्री फिटेड कारों के साथ स्टैंडर्ड वारंटी के अलावा एक्सटेंडेड वारंटी भी मिलती है।
अगर आप पुरानी डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कनवर्ट कराते हैं तो फिर आप इसके पुराने पुर्जों को बेचकर कुछ राशि प्राप्त कर सकते हैं जिससे आपकी इसे कनवर्ट कराने की कॉस्ट थोड़ी कम हो जाएगी।
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क्या फैक्ट्री फिटेड डीजल इंजन जैसी होगी इनकी परफॉर्मेंस और रेंज?
इलेक्ट्रिक गाड़ियां आईसीई इंजन वाली कारों से ज्यादा रिलाएबल होती है, लेकिन यह बात पुरानी डीजल कारों को इलेक्ट्रिक में कनवर्ट कराने पर लागू नहीं होती है। अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि इलेक्ट्रिक में कनवर्ट होने वाली गाड़ियों की सर्विस कॉस्ट कितनी आएगी। इनकी रेंज कुछ इस प्रकार हैंः-
नॉर्थवे मारुति डिजायर डीजल ईवी |
मारुति डिजायर डीजल |
|
पावर |
24 पीएस |
75 पीएस |
टॉर्क |
100 एनएम |
190 एनएम |
ड्राइविंग रेंज |
250 किलोमीटर तक |
700 किलोमीटर (औसत माइलेज 16 किलोमीटर प्रति लीटर) |
चार्जिंग टाइम |
2 घंटा, 10 मिनट (फास्ट चार्जिंग) 9 घंटा (रेगुलर चार्जिंग) |
करीब 10 मिनट किसी भी पंप से फ्यूल भराने का समय |
संभावित रनिंग कॉस्ट |
करीब एक रुपया प्रति किलोमीटर* |
करीब 6 रुपये प्रति किलोमीटर |
हमने यह गणना 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली और 250 मेक्सिमम रेंज को आधार मानकर की है।
भारत में अभी जो इलेक्ट्रिक कनवर्ट किट उपलब्ध है उनका पावर और टॉर्क आउटपुट पारंपरिक टर्बो-डीजल इंजन से कम है। इसके अलावा इनकी रेंज भी ज्यादा नहीं है। हालांकि ऊपर दी गई टेबल के अनुसार यह जरूर कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक कारों की रनिंग कॉस्ट काफी कम है।
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