देश में बायोफ्यूल इंजन को अनिवार्य करने पर किया जा रहा विचार: नितिन गडकरी
प्रकाशित: जून 21, 2021 05:12 pm । भानु
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हाल ही में देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार जल्द ही फ्लैक्स फ्यूल इंजन को देश में अनिवार्य कर सकती है। ऐसे में सरकार के निर्देशों के बाद ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपने व्हीकल्स में ऐसे इंजन तैयार करने ही होंगे।
100 प्रतिशत पेट्रोल और 100 प्रतिशत एथेनॉल पर काम करने में सक्षम ऐसे इंजन वाली गाड़ियां ब्राजील,अमेरिका और कनाडा में उपलब्ध हैं। इस टाइप के फ्यूल को आमतौर पर बायो फ्यूल कहा जाता है जो एलकोहॉल की एक प्योर फॉर्म है और इसे गन्ने से तैयार किया जाता है।
अपनी वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में गडकरी ने ये बात कही कि " एक परिवहन मंत्री होने के नाते में ऑटो इंडस्ट्री को एक आदेश जारी करने जा रहा हूं कि वो केवल पेट्रोल वाले इंजन ही ना तैयार करें बल्कि, फ्लेक्स फ्यूल इंजन भी तैयार करें,उन्होनें आगे कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों के पास केवल 100 प्रतिशत पेट्रोल पर चलने वाले व्हीकल्स का ही विकल्प ना हो बल्कि उन्हें 100 प्रतिशत एथेनॉल पर काम करने वाले इंजन के ऑप्शंस भी मिलें। गडकरी ने कहा कि वो 8-10 दिनों के भीतर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को फ्लेक्स फ्यूल इंजन तैयार करने के बारे में निर्देश दे सकते हैं।"
गडकरी का ये बयान तब आया है जब खुद देश के प्रधानमंत्री पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाने की बात कह चुके हैं। अभी के स्टैंडर्ड्स की बात करें तो अप्रैल 2022 तक 10 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण वाला पेट्रोल बेचा जाएगा जबकि 2030 तक इसकी मात्रा बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी जाएगी। क्या होता है एथेनॉल फ्यूल और ये कैसे करता है आपकी कार को प्रभावित? ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।
बता दें कि एथेनॉल के अपने कई फायदे और नुकसान हैं जिनके बारे में हमनें उपर बताए गए लिंक में विस्तृत से जानकारी दी है। पेट्रोल में एथेनॉल के इस्तेमाल से फ्यूल की प्राइस घट सकती है मगर ये कारों की फ्यूल एफिशिएंसी को कम करता है।
सरकार के इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है मगर इतना जरूर कहा जा सकता है कि गडकरी का मंत्रालय देश में व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से बदलने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले चार सालों में मंत्रालय की ओर से एमिशन नॉर्म्स,क्रैश टेस्ट और अन्य कई नॉर्म्स की डेडलाइन को बढ़ाया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि मंत्रालय फ्लेक्य फ्यूल इंजन के लिए भी ऑटो सेक्टर को डेडलाइन में रियायत दे सकता है।