फोक्सवैगन टाइगन 1.0 टीएसआई ऑटोमैटिक टॉपलाइन: 6000 किलोमीटर रिव्यू
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6 महीने के दौरान टाइगन जितने भी दिन हमारे पास रही हमनें उससे काफी कुछ कवर किया। कितनी बार इसमें बैठकर मैंने भारी ट्रैफिक से निकलते हुए 40 किलोमीटर ऑफिस आना जाना किया। इसके अलावा मैंने इससे इंटरसिटी रोड ट्रिप्स भी किए जहां मैं एक्सप्रेस-वे से होता हुआ मुंबई आया-जाया करता था। यहां तक कि इससे मैने अपने घर का सामान भी शिफ्ट किया। साथ ही टाइगन में बैठकर गोवा और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों की भी मैंंने सैर की।
रोड प्रजेंस
प्रैक्टिकैलिटी
जर्मन कारें अपने डिजाइन के लिए काफी पॉपुलर हैं। टाइगन के केबिन की बात करें तो इसमें काफी सारे स्टोरेज स्पेस दिए गए हैं और इसका केबिन डिजाइन और केबिन के अंदर इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी मुझे काफी पसंद आई।
इसमें वायरलैस चार्जिंग, एयर कूल्ड सीट्स, ड्राइवर डैशबोर्ड पर काफी सारी कस्टमाइज की जा सकने वाली इंफॉर्मेशन, और स्टीयरिंग पर ही काफी सारे कंट्रोल्स दिए गए हैं जिससे मुझे बिना सामने नजर हटाए स्टीयरिंग व्हील्स पर से भी हाथ हटाने की जरूरत नहीं पड़ी। काश बटन लेआउट का लॉजिक थोड़ा बेहतर होता, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं लगातार अलग अलग कारों को टेस्ट कर रहा हूं तो हो सकता है कि मैं ही इस चीज को लेकर कंफ्यूज हो रहा हूंगा।
इसके अलावा इसमें फोन कॉल्स का जवाब देने के लिए कोई डायरेक्ट बटन भी नहीं दिया गया है और फोन कॉल को डिस्कनेक्ट करने के लिए भी कोई बटन मौजूद नहीं है। इसमें दिया गया 6 स्पीकर साउंड सिस्टम क्लीयर तो है, मगर उसके सब वूफर से कोई खास पंच नहीं मिलता है जो कि आपको कुशाक में मिल जाएगा।
फीचर्स
इंफोटेनमेंट सिस्टम की बात करें तो इसमें दिया गया 10.25 इंच टचस्क्रीन काफी अच्छा है जिसमें एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले दिया गया है। मैं कारप्ले पर तो कोई कमेंट नहीं कर सकता, मगर एंड्रॉयड ऑटो की कनेक्टिविटी थोड़ी परेशान करती है। कभी कभी कॉल के बीच में ही गड़बड़ी होने लगती है और फिर इसे दोबारा से सेट करने के लिए आपको इग्निशन को ऑन ऑफ करना पड़ता है।
ऐसे में मुझे ब्लूटूथ कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करना पड़ा। एंड्रॉइड ऑटो से कॉल डिस्कनेक्ट करना भी एक समस्या है क्योंकि सिस्टम लगातार आपके फोन में लॉग इन करने की कोशिश करता है। इसलिए, ब्लूटूथ का उपयोग करने का एकमात्र तरीका ये है कि आप कनेक्शन मेन्यू में अपने फोन को 'फॉर्गेट' पर डाल दें और संकेत मिलने पर अपने डिवाइस को कभी भी एंड्रॉइड ऑटो से कनेक्ट ना करने की रिक्वेस्ट डाल देंं।
इसमें दी गई सी टाइप चार्जिंग एक और मॉडर्न फीचर है। मेरे पास एक ही टाइप सी केबल थी जो कि मुझे मेरे फोन के साथ दी गई थी और लंबे सफर के दौरान इसे मुझे अपने साथ हमेशा ले जाना होता है।
शुक्र है कि इसमें वायरलैस चार्जिंग पैड भी दिया गया है जो काफी तेज है और फोन को तुरंत चार्ज भी कर देता है। हालांकि कुछ समय बाद इससे फोन गर्म भी हो जाता है, ऐसे में इसमें कूलिंग डक्ट देना चाहिए था।
क्वालिटी
ड्राइविंग एक्सपीरियंस
सिटी में इसका ऑटोमैटिक गियरबॉक्स काफी अच्छी तरीके से काम करता है। ये इस कार को आराम से ड्राइव करते रहने में मदद करता है, मगर इसमें कुछ कमियां भी है। टर्बो लैग को काउंटर अटैक करने के लिए गियरबॉक्स स्लो स्पीड में पहले से दूसरे गियर पर जाने और यहां तक कि ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ भी प्रक्रिया थोड़ी मेहनत भरी महसूस होती है। अक्सर आप पाते हैं कि जब आप एक्सीलरेशन चाहते हैं, तो गियरबॉक्स को पहले नीचे शिफ्ट करने की जरूरत होती है, इससे पहले कि आपको एक्सीलरेशन की जरूरत हो। कई बार तो आपको ऐसा भी लगेगा कि जब भी आप कार को एक्सलरेट करना चाहेंगे तो उसके लिए आपको कार को पहले गियर पर रखना होगा ताकि आपको आपकी जरूरत का एक्सलेरशन मिल सके।
इससे पहले मैं इसके माइलेज फिगर को लेकर शिकायत कर चुका हूं। सिटी में तो आजतक इससे 10 से ऊपर का माइलेज नहीं मिला। हालांकि रात में कम ट्रैफिक होने पर ही ये 10 से ज्यादा का माइलेज देती है। ऐसे में ये चीज एक छोटे इंजन वाली कार के लिए ठीक नहीं है।
हालांकि खुली खुली सड़कों पर ये अच्छा माइलेज देती है। लंबी रोड ट्रिप्स पर तो इसने 15 किलोमीटर प्रति लीटर तक का भी माइलेज दिया। ऐसे में छोटे इंजन वाला मॉडल लेने से पहले आप ये बातें ध्यान में जरूर रखें। बता दें कि हम 1.5 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन वाली स्कोडा कुशाक भी ड्राइव कर चुके हैं और उसने सिटी में अच्छा माइलेज भी दिया था। रोचक बात ये है कि बड़े इंजन के साथ ज्यादा पावर और टॉर्क से ट्रैफिक में आपको सहूलियत मिलती है।
हमारी राय
टाइगन एक शानदार सिटी कार है। ये काफी प्रैक्टिकल और स्पेशियस है। इसमें काफी अच्छे फीचर्स दिए गए हैं। मुझे इसका टैक पैकेज, खुली सड़कों पर ड्राइविंग एक्सपीरियंस, एयर कूल्ड सीटें और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की सुविधा काफी पसंद आई।
मुझे मेरी कम्यूटिंग के हिसाब से इसका माइलेज पसंद नहीं आया। छोटे इंजन से मिल रहे कम माइलेज के कारण मुझे 1.5 लीटर इंजन वाले मॉडल लेने के लिए एक्सट्रा पैसे खर्च करने होंगे। यदि आपको क्वालिटी वाली ड्राइविंग एक्सपीरियंस, प्रैक्टिकल फैमिली स्पेस और टैक पैकेज चाहिए तो आप टाइगन को चुनें।
20 जुलाई 2022 को हमें ये कार ड्राइव करने को मिली। जब ये कार मिली तब तक ये 6000 किलोमीटर तक ड्राइव की जा चुकी थी। अब तक हम इसे 12,000 किलोमीटर तक ड्राइव कर चुके हैं। सिटी में हमें इसने 8.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज मिला जबकि वीकेंड ट्रिप्स के दौरान इसने 15.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया।
फॉक्सवेगन टाइगन
alan richard