टाटा अल्ट्रोज Vs पंच Vs नेक्सन: स्पेस एवं प्रेक्टिकेलिटी कंपेरिजन
Published On मार्च 23, 2022 By भानु for टाटा पंच
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जब बात 10 लाख रुपये तक की कार खरीदने की आती है तो आपको टाटा के लाइनअप में काफी सारे ऑप्शंस मिल जाएंगे। आप चाहें तो अल्ट्रोज जैसी प्रीमियम हैचबैक खरीद सकते हैं और चाहे तो हैचबैक और एसयूवी का मिक्स माने जाने वाली पंच माइक्रो एसयूवी या फिर सब 4 मीटर एसयूवी नेक्सन ले सकते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि अल्ट्रोज और पंच के मुकाबले हमनें यहां इनसे महंगी नेक्सन एसयूवी को क्यों रखा है। इसका कारण ये है कि इस सब 4 मीटर एसयूवी के वेरिएंट लाइनअप में मौजूद एक्सएम (एस) की कीमत 10 लाख रुपये से कम है इसलिए इसे इस कंपेरिजन में शामिल किया जा सकता है। हमनें यहां इन तीनों ही टाटा कारों का प्रैक्टिकैलिटी, स्पेस और कंफर्ट के मोर्चे पर कंपेरिजन किया है जिसके नतीजे आपको मिलेंगे आगे:
लुक्स
डायमेंशन |
अल्ट्रोज |
पंच |
नेक्सन |
लंबाई |
3,990मिलीमीटर |
3,827मिलीमीटर |
3,993मिलीमीटर |
चौड़ाई |
1,755मिलीमीटर |
1,742मिलीमीटर |
1,811मिलीमीटर |
ऊंचाई |
1,523मिलीमीटर |
1,615मिलीमीटर |
1,606मिलीमीटर |
व्हीलबेस |
2,501मिलीमीटर |
2,415मिलीमीटर |
2,498मिलीमीटर |
टाटा के ये तीनों मॉडल्स अपने अपने सेगमेंट के सबसे बेस्ट लुकिंग प्रोडक्ट्स हैं। अपने अच्छे कलर ऑप्शंस के कारण भी ये भीड़ से अलग नजर आते हैं। हालांकि पंच और ऑल्ट्रोज के मुकाबले नेक्सन एसयूवी के डिजाइन की चमक फीकी पड़ने लगी है।
इन तीनों कारों में कॉमन स्टाइलिंग एलिमेंट्स दिए गए हैं जिनमें एलईडी डीआरएल, फॉग लैंप, प्रोजेक्टर हेडलैंप, 16 इंच के डुअल-टोन अलॉय व्हील और ऑटो-फोल्डिंग ओआरवीएम शामिल हैं। गौर करने वाली बात ये है कि अल्ट्रोज में एलईडी टेललैंप्स का फीचर नहीं दिया गया है जो पंच और नेक्सन एसयूवी में मौजूद है।
इन तीनों कारों की बॉडी स्टाइलिंग एक दूसरे से अलग है, मगर साइज में ये एक दूसरे के लगभग समान नजर आती है। जहां अल्ट्रोज का व्हीलबेस साइज ज्यादा है तो पंच तीनों में से सबसे ऊंची कार है। दूसरी तरफ नेक्सन ज्यादा लंबी और चौड़ी कार है। तो सवाल ये उठता है कि क्या इनके साइज का असर केबिन के अंदर भी नजर आता है।? ये भी जानिए आगे:
बूट स्पेस
अल्ट्रोज |
पंच |
नेक्सन |
345 लीटर |
366 लीटर |
350 लीटर |
यहां आकर ऑन पेपर फिगर्स की पोल खुल जाती है। पंच की बात करें तो ऑन पेपर्स जितना इसका बूट स्पेस बताया जाता है प्रैक्टिकल तौर पर इसमें काफी खामियां नजर आती है। लंबाई कम होने के कारण इसमें बड़े साइज का सूटकेस रखना काफी मुश्किल रहता है। आप इसमें मीडियम साइज का सूटकेस ऊपर की ओर जबकि साइड में छोटा सूटकेस और दो सॉफ्ट बैग्स रख सकते हैं। हाई लोडिंग लिप और डीप बूट के कारण हैवी लगेज को रखना और उसे बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है।
तीनों में दूसरी सबसे बेस्ट बूट स्पेस वाली कार नेक्सन की बात करें तो बड़े बूट फ्लोर, लोअर लोडिंग लिप और ज्यादा गहरा बूट नहीं होने के चलते आप इसमें बड़े आराम से वो तमाम चीजें रख सकते हैं जो हमनें आपको पंच के लिए बताई थी। इसमें फ्लैट फोल्डिंग रियर सीट्स का भी एडवांटेज मिलता है जो आपको पंच और अल्ट्रोज में नहीं मिलेगा। ऑन पेपर्स अल्ट्रोज में कम बूट स्पेस बताया जाता है, मगर असल बात ये है कि इसमें तीन सूटकेस और एक सॉफ्ट बैग आराम से रखे जा सकते हैं। औसत लोडिंग लिप हाइट और बूट डेप्थ के कारण यहां अल्ट्रोज एक बेहतर कार नजर आती है।
रियर सीट एक्सपीरियंस और फीचर्स
पंच और ऑल्ट्रोज में मॉडर्न फील देने के लिए हाई माउंटेड डोर हैंडल्स दिए गए हैं, लेकिन आपके हाथ में सामान है तो आपको फिर डोर खोलने में तकलीफ हो सकती है। वहीं नेक्सन में कन्वेंशनल डोर हैंडल्स दिए गए हैं जो एक प्रैक्ट्रिकल चीज है।
अब रियर सीट्स की बात करें तो नेक्सन में अच्छा रियर सीट एक्सपीरियंस मिला। ना केवल इसकी सीटों की कुशनिंग काफी सॉफ्ट है, बल्कि कर्व होने के कारण आपको अच्छा थाई सपोर्ट भी मिलता है। इसकी सीटों पर बैठकर किसी सोफे पर बैठने जैसी फीलिंग आती है जो रोजाना की दौड़ धूप के हिसाब से काफी अच्छी बात है। हालांकि लंबे रूट्स पर जाने के लिए आपको नेक्सन की रियर सीट्स ज्यादा इंप्रेस नहीं कर पाएंगी।
बड़ा ग्लास एरिया होने के चलते केबिन में खुलेपन का तो अहसास होता ही है, साथ ही आपको इस कार में अच्छा खासा हेडरूम और नीरूम स्पेस भी मिलता है। सनरूफ कर्टेन हटाने के बाद तो आपको इस कार में और भी ज्यादा खुलेपन का अहसास होगा। फीचर्स की बात करें तो इसकी रियर सीट्स पर कपहोल्डर्स के साथ सेंट्रल आर्मरेस्ट, एडजस्टेबल हेडरेस्ट, रियर एसी वेंट्स और 12 वोल्ट का सॉकेट मिल जाएगा। इसके डोर पॉकेट्स काफी पतले हैं जिससे आपको थोड़ी शिकायत रह सकती है।
पंच में भी आपको वैसे तो स्पेस की कोई कमी नजर नहीं आने वाली है। इसमें आपको अच्छा खासा नीरूम और हेडरूम स्पेस मिल जाएगा और इसमें 6 फुट तक लंबे पैसेंजर्स भी आराम से बैठ सकते हैं। मगर इसमें आपको नेक्सन जितना कंफर्ट लेवल नहीं मिलेगा। इसकी सीटों की कुशनिंग थोड़ी मजबूत है और सीट बेस छोटा होने से अच्छा अंडर थाई सपोर्ट नहीं मिलता है। सीट का बैकरेस्ट भी आपको नेक्सन की रियर सीट के मुकाबले ज्यादा कंफर्ट नहीं देता है। इसके अलावा विंडोज़ का साइज छोटा होने और केबिन की चौड़ाई कम होने के चलते आपको केबिन में खुलेपन का ज्यादा अहसास नहीं होगा। इसमें आर्मरेस्ट पर कपहोल्डर्स, रियर एसी वेंट्स और रियर पैसेंजर्स के लिए 12 वोल्ट सॉकेट जैसा फीचर भी नहीं दिया गया है। हालांकि इसमें फोन होल्डर दिया गया है, मगर ये रियर सीट एक्सपीरियंस को ज्यादा अच्छा बनाने में कोई अहम किरदार नहीं निभाता है।
अल्ट्रोज हैचबैक की बात करें तो सीटिंग पोजिशन नीचे होने से सीनियर सिटीजन को इसके केबिन में दाखिल होने और उससे बाहर निकलने में परेशानी हो सकती है। इसका सीटबेस भी काफी शॉर्ट है जिससे अच्छा अंडरथाई सपोर्ट नहीं मिलता है। तीनों कारों में से इसके केबिन में काफी स्पेस मिलता है क्योंकि इसकी विंडोज़ काफी छोटी हैं और इसमें लंबे कद के पैसेंजर्स के लिए अच्छा हेडरूम स्पेस उपलब्ध नहीं है। हालांकि यहां आपको रियर एसी वेंट्स, 12 वोल्ट पावर सॉकेट और फोन होल्डर जैसे फीचर्स मिल जाएंगे। मगर इसमें आर्मरेस्ट पर कपहोल्डर नहीं दिया गया है और इसके फोन होल्डर का डिजाइन थोड़ा बेहतर होना चाहिए था।
तीनों में से कौनसी कार पर आराम से बैठ सकते हैं तीन पैसेंजर्स
अल्ट्रोज की बात करें तो केबिन की कम चौड़ाई और कम हेडरूम स्पेस के कारण यहां तीन लोगों को काफी सिकुड़कर बैठना पड़ता है। मगर चार लोगों के हिसाब से ये कार अच्छी है। पंच की रियर सीट्स पर आपको इससे थोड़ा बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा, मगर इसमें भी तीन लोग उतनी ठीक ढंग से फिट नहीं हो पाते हैं। नेक्सन के केबिन की चौड़ाई काफी अच्छी है और यहां लंबी यात्रा के दौरान भी तीन लोग घंटो तक आराम से बैठे रह सकते हैं।
फ्रंट केबिन फिट और फील
तीनों मॉडल्स में अच्छी बात ये है कि एक जैसे बटन और 7 इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम होने के बावजूद तीनों के केबिन की पर्सनेलिटी एक-दूसरे से अलग है। पंच के डैशबोर्ड पर यूनीक टेक्सचर, अलग कलर के एसी वेंट्स और ओवरऑल लेआउट इसे मॉडर्न लुक देते हैं। स्ट्रॉन्ग बिल्ड क्वालिटी के कारण भी टाटा पंच की फिनिश और फिटमेंट तीनों कारों में से सबसे अच्छी है।
अल्ट्रोज का कूल फ्लोटिंग लेयर और ग्लॉसी फिनिश वाला डैशबोर्ड एक एक्स फैक्टर कहा जा सकता है, वहीं एंबिएंट लाइटिंग से इसके इंटीरियर को एक प्रीमियम लुक भी मिलता है। नेक्सन के डैशबोर्ड पर भी ग्लॉसी इफेक्ट नजर आता है, मगर अल्ट्रोज और पंच के मुकाबले इसके डैशबोर्ड का लेआउट सिंपल नजर आता है।
कॉमन फीचर्स |
हाइलाइट्स |
अल्ट्रोज़ हाइलाइट्स |
पंच हाइलाइट्स |
ऑटो |
सनरूफ |
एम्बिएंट लाइटिंग |
ट्रैक्शन प्रो मोड (एएमटी) |
रेन सेंसिंग वाइपर |
9-स्पीकर साउंड सिस्टम |
8-स्पीकर साउंड सिस्टम |
ड्राइव मोड - सिटी, इको |
ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल |
एक्सप्रेस कूल |
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स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल |
ड्राइव मोड - सिटी, इको, स्पोर्ट |
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7-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम |
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम |
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एंड्रॉइड ऑटो / ऐप्पल कारप्ले |
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वॉइस कमांड्स |
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आईआरए कनेक्टेड कार टेक |
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टिल्ट एडजस्टेबल स्टीयरिंग |
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वन टच ड्राइवर विंडो डाउन |
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पुश बटन स्टार्ट / स्टॉप |
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रियर वाइपर और वॉशर |
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टाटा के इन तीनों मॉडल्स में 7-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो, कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी, पुश-बटन स्टार्ट/स्टॉप, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और एक ब्रांडेड ऑडियो सिस्टम जैसे फीचर्स कॉमन हैं।
हालांकि पंच और अल्टरोज के कंपेरिजन में नेक्सन में ज्यादा फीचर्स दिए गए हैं, जिनमें एक बेहतर साउंड सिस्टम, सनरूफ और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल है। हालांकि नेक्सन का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पंच और अल्ट्रोज वाली यूनिट के आगे आउटडेटेड नजर आता है। अल्ट्रोज में दिया गया एंबिएंट लाइटिंग सिस्टम इसके लिए एक्स फैक्टर साबित होता है, वहीं पंच के एएमटी वेरिएंट्स में दिया गया डेडिकेटेड ट्रेक्शन मोड्स का फीचर इसे खास बनाता है।
क्या नेक्सन एक्सएम (एस) वेरिएंट है वैल्यू फॉर मनी?
टाटा नेक्सन में मिलने वाले ज्यादा फीचर्स का एडवांटेज बदले में ज्यादा कीमत भी डिमांड करता है। ज्यादा कीमत के बदले आपको नेक्सन के इस वेरिएंट में डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, ड्राइव मोड, एक इलेक्ट्रिक सनरूफ, चारों दरवाजों पर पावर विंडो, इलेक्ट्रिक एडजस्ट और ऑटो-फोल्डिंग ओआरवीएम, स्टीयरिंग-माउंटेड ऑडियो और फोन कंट्रोल, ऑटो हेडलैंप और रेन सेंसिंग वाइपर जैसे फीचर्स मिलेंगे। हालांकि इसमें रेगुलर 3.5 इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जो टचस्क्रीन यूनिट नहीं है, वहीं इसमें ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स और हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट जैसे फीचर्स नहीं दिए गए हैं।
प्रेक्टिकैलिटी
सेंटर कंसोल एरिया के आसपास फोन और वॉलेट रखने के लिए दिए गए स्पेस के साथ इस मोर्चे पर अल्ट्रोज एक प्रैक्टिकल कार साबित होती है। इसमें स्लाइडिंग सेंट्रल आर्मरेस्ट के पास भी अच्छा खासा स्पेस मिलता है और इसमें काफी बड़े कपहोल्डर्स भी दिए गए हैं। रिमूवेबल ट्रे के साथ इसमें स्पेशियस ग्लवबॉक्स और बड़े डोर पॉकेट्स दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें ड्राइवर साइड स्टोरेज स्पेस, सनग्लास होल्डर, को पैसेंजर फुटवेल में शॉपिंग बैग हुक जैसे स्टोरेज स्पेस भी दिए गए हैं।
टाटा पंच में सनग्लास होल्डर और ग्लवबॉक्स में रिमूवेबल ट्रे को छोड़कर अल्ट्रोज जैसे ही प्रैक्टिकल स्टोरेज स्पेस दिए गए हैं। हालांकि इसके डोर पॉकेट्स काफी छोटे हैं और इसमें सेंटर आर्मरेस्ट नहीं दिया गया है। नेक्सन के सेंटर कंसोल के स्टोरेज एरिया में कप होल्डर्स दिए गए हैं जहां फोन रखना सेफ साबित नहीं होता है। वहीं यहां से यूएसबी सॉकेट्स और 12 वोल्ट सॉकेट एसेस भी ठीक से नहीं मिल पाता है। हालांकि एक्सएम (एस) वेरिएंट में सिंपल कपहोल्डर्स दिए गए हैं जो काफी प्रैक्टिकल हैं।
राइड एंड कंफर्ट
नेक्सन में काफी अच्छी राइड क्वालिटी मिलती है क्योंकि ये सब 4 मीटर एसयूवी बंप्स और खराब रास्तों से काफी आसानी से निपट लेती है। इसकी सॉफ्ट कुशनिंग वाली सीटों पर घंटो तक आप लंबा सफर काफी आराम से तय कर सकते हैं। इसमें लंबे सस्पेंशन दिए गए हैं जो बंप्स और गड्ढों को अच्छे से हैंडल करने में सक्षम है। ये चीज ऑफ रोडिंग के लिहाज से भी काफी अच्छी है।
अल्ट्रोज में हमनें नोटिस किया कि ये कार बंप्स पर से गुजरने के बाद जल्दी से सेटल हो जाती है और आपको बाद में रोड की भी हार्शनैस इसमें महसूस नहीं होती है। जब बात हैंडलिंग की आती है तो अल्ट्रोज इस मोर्चे पर काफी शानदार लगती है। इसमें ज्यादा बॉडी रोल की समस्या भी नहीं रहती है और एकदम से यदि आप डायरेक्शन चेंज कर भी लें तो आपको इस कार से अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा। कुल मिलाकर अल्ट्र्रोज ड्राइव करते वक्त एक अच्छा कॉन्फिडेंस देती है। हालांकि नेक्सन के मुकाबले बंप्स थोड़े ज्यादा फील होते हैं।
टाटा पंच एक हैचबैक और एसयूवी का मिक्सचर कहा जा सकता है। ये कार हैंडलिंग के मोर्चे पर कुछ ज्यादा ही फास्ट महसूस होती है और स्टिफ सस्पेंशन सेटअप और गाड़ी की ऊंचाई ज्यादा होने से आपको बंप्स और खराब रास्तों का मालूम चल जाएगा, साथ ही इसमें साइड टू साइड मूवमेंट भी आपको महसूस होगा। इसका फुर्तिलापन शहरी सड़कों के लिहाज से तो ठीक कहा जा सकता है, मगर खराब सड़कों पर फिर इसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है। इससे ना सिर्फ कार को नुकसान होगा बल्कि कार में बैठने वाले भी अनकंफर्टेबल महसूस करेंगे।
प्राइस और निष्कर्ष
टाटा अल्ट्रोज |
टाटा पंच |
टाटा नेक्सन |
5.99 - 9.69 लाख रुपये |
5.65 - 9.29 लाख रुपये |
7.4 - 13.34 लाख रुपये |
|
एक्सएम एस: 9.00 लाख रुपये |
तीनों मॉडल की अपनी अपनी अलग खासियतें हैं। अच्छे केबिन स्पेस, मॉडर्न केबिन लेआउट और अच्छे खासे फीचर्स के रहते नई टाटा पंच अल्ट्रोज और नेक्सन एसयूवी के बीच का गैप भरती दिखाई देती है। मगर बूट स्पेस और अच्छा राइड कंफर्ट ना मिलने के कारण इसके पॉइन्ट्स काटे जा सकते हैं। इसमें डीजल इंजन की कमी भी महसूस होती है जो अल्ट्रोज और नेक्सन में दिए गए हैं। हालांकि ये यंग कस्टमर्स को आकर्षित करने का दमखम जरूर रखती है।
टाटा नेक्सन एक काफी स्पेशियस कार है जिसकी रियर सीट पर तीन पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं। सॉफ्ट कुशनिंग वाली सीटों और अच्छे सस्पेंशन सेटअप के कारण इसमें अच्छी राइड क्वालिटी भी मिलती है। इसमें फीचर्स भी अच्छे खासे दिए गए हैं हालांकि फिर इसके लिए थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं और वहीं एक्सएम (एस) वेरिएंट लेकर आप इससे ऊपर वाले वेरिएंट्स में दिए गए फीचर्स मिस कर सकते हैं। यदि आप इससे संतुष्ट हैं तो फिर नेक्सन आपके लिए एक बेहतर कार साबित होगी।
टाटा अल्ट्रोज को एक ऑल राउंडर कार कहा जा सकता है। इसका केबिन काफी प्रीमियम है जिसमें अच्छी प्रैक्टिकैलिटी भी नजर आती है। वहीं इसमें अच्छा खासा बूट स्पेस दिया गया है और ड्राइविंग एक्सपीरियंस भी काफी शानदार मिलता है। हालांकि ये चार जनों की फैमिली वाले लोगों के हिसाब से ही अच्छी है, क्योंकि रियर सीट पर तीन पैसेंजर्स बैठाने जितना स्पेस नहीं मिलता है। यदि आप ये समझौता करने के लिए तैयार हैं तो फिर 10 लाख रुपये तक की प्राइस रेंज के हिसाब से टाटा मोटर्स की कारों में से अल्ट्रोज प्रीमियम हैचबैक एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।