मारुति सुजुकी फ्रॉन्क्स 2023 रिव्यू: क्या उम्मीदों पर खरा उतरेगी ये कार?
Published On अप्रैल 13, 2023 By भानु for मारुति फ्रॉन्क्स
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चलिए हम आपको एक नई राय देते हैं। यदि आप अपने पास की ही मारुति डीलरशिप पर बलेनो लेने जा रहे हैं तो आप फ्रॉन्क्स भी ला सकते हैं। यदि आपको ब्रेजा की बॉक्सी स्टाइलिंग पसंद है या फिर ग्रैंड विटारा का साइज आकर्षित करता है तो फ्रॉन्क्स इनके एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर देखी जा सकती है। हालांकि हम इसके नॉन हाइब्रिड वर्जन की बात कर रहे हैं।
लुक्स
इतनी सारी हैचबैक कारों की भीड़ में मारुति ने फ्रॉन्क्स के तौर पर बलेनो से एकदम अलग-सी कार तैयार की है। इसके फ्रंट डोर और मिरर को छोड़ दे तो इसके बॉडी पैनल्स में से और कुछ भी बलेनो से नहीं लिया गया है।
आगे से ये छोटी ग्रैंड विटारा जैसी लगती है जिसमें डेटाइम रनिंग लैंप्स में ट्रिपल एलिमेंट्स दिए गए हैं और फुल एलईडी हेडलैंप्स को बंपर पर पोजिशन किया गया है। बता दें कि इसके लोअर वेरिएंट्स में डेटाइम रनिंग लैंप्स नहीं दिए गए हैं और इनके बजाए बेसिक प्रोजेक्टर हेडलैंप दिए गए हैं।
चौड़ी ग्रिल और एकदम सीधे सपाट फ्रंट के रहते ये कार काफी आकर्षक लगती है। इसके साइड में उभरे हुए फेंडर्स दिए गए हैं, जिससे इसे दमदार लुक मिल रहा है और इसमें 16 इंच के अलॅाय व्हील्स भी दिए गए हैं। इस कार में 195/60-सेक्शन के टायरों को स्टैंडर्ड रखा गया है, मगर डेल्टा+ और जेटा वेरिएंट में सिल्वर अलॉय व्हील्स ही दिए गए हैं।
मारुति सुजुकी ने इसके डिजाइन के साथ एक प्रयोग जरूर किया है, इसमें शार्प स्लोप वाली रूफलाइन दी गई है। कुल मिलाकर फ्रॉन्क्स का साइड प्रोफाइल काफी अच्छा नजर आता है। वहीं रूफ रेल्स और प्रॉमिनेंट स्किड प्लेट सबसे खास हैं।
हमारे द्वारा टेस्ट की गई कार नेक्सा के स्टेपल डीप ब्लू कलर में थी और हम इसे डीप रेड कलर में देखने को भी उत्सुक हैं। इसमें रूफ के लिए रेड, सिल्वर और ब्राउन कलर के ऑप्शंस रखे गए हैं और टॉप वेरिएंट अल्फा में ओआरवीएम्स को ब्लू ब्लैक पेंट की फिनिशिंग दी गई है।
इंटीरियर
फ्रॉन्क्स के केबिन को अच्छा और खराब दोनों ही कहा जा सकता है। इसका इंटीरियर पूरी तरह बलेनो जैसा नजर आता है जिसका मतलब ये हुआ कि ये प्रैक्टिकल और यूजेबल दोनों ही है। हालांकि मारुति सुजुकी ने फ्रॉन्क्स को अपनी एक पहचान देने की भी कोशिश की है, जहां इसमें बलेनो में दिए ब्लू एसेंट्स के बजाए मरून एसेंट्स का इस्तेमाल किया गया है।
चूंकि फ्रॉन्क्स एक ऊंची कार है ऐसे में इसमें बलेनो से ऊंची सीटिंग पोजिशन मिलती है। ड्राइवर सीट पर बैठकर आपको अच्छी विजिबिलिटी मिलेगी। यही कारण है कि बलेनो को छोड़कर आप अपनी पहली कार के तौर पर फ्रॉन्क्स को चुनेंगे।
क्वालिटी की बात करें तो फ्रॉन्क्स बिल्कुल बलेनो के बराबर आकर खड़ी होती है। हालांकि इसके डैशबोर्ड पर हार्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल जरूर किया गया है, मगर पुरानी मारुति कारों के मुकाबले इसकी फिट और फिनिशिंग काफी अच्छी नजर आती है। खास बात ये भी है कि इसके डोर पैड्स और एल्बो रेस्ट्स में सॉफ्ट लैदरेट का इस्तेमाल किया गया है, मगर सीटों पर फैब्रिक चढ़ाया गया है। आप एससेरीज के तौर पर लैदरेट सीट कवर्स लगवा सकते हैं, मगर उसके लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
पीछे की तरफ भी इसमें ऊंची सीटिंग पोजिशन मिलती है और लो विंडो लाइन का मतलब है कि आपको साइड व्यू काफी अच्छे से मिलेगा। हालांकि एक्सट्रा लार्ज साइज के हेडरेस्ट्स के कारण पीछे बैठने वालों को सामने का व्यू अच्छे से नहीं मिलता है। एक बात और बता दें कि आपको फ्रॉन्क्स में स्पेस की थोड़ी कमी नजर आएगी और खुलेपन का अहसास भी कम होगा और इसका कारण है ब्लैक मरून कलर थीम। ड्राइवर के पीछे एक 6 फुट तक का पैसेंजर आराम से बैठ सकता है जिसे खुद भी ड्राइविंग पोजिशन में होने का अहसास होगा। इस कार में आपको फुटरूम की कमी नजर नहीं आएगी, मगर स्लोपिंग रूफलाइन होने के कारण हेडरूम से थोड़ा समझौता करना पड़ सकता है। यहां तक कि कोई तीखा उछाल आने पर 6 फुट तक के लंबे पैसेंजर का सिर रूफ से टकरा भी सकता है। इससे बचने के लिए आप सीट पर थोड़ा आगे ही खिसककर बैठें, मगर उससे आपको फिर नीरूम से समझौता करना होगा।
इस कार की पीछे वाली सीट पर तीन लोग सिकुड़कर तो बैठ सकते हैं लेकिन आप अपनी फैमिली के लिए इसे एक 4 सीटर कार के तौर पर ही देखें तो सही रहेगा। हां, कभी कभी इसमें तीन लोगों को बैठाया जा सकता है और बीच में बैठने वाले पैसेंजर के लिए इसमें हेडरेस्ट और एक प्रॉपर 3 सीट पॉइन्ट सीट बेल्ट दी गई है जो आपको बलेनो में नहीं मिलेगी। हालांकि इसमें सेंट्रल आर्मरेस्ट और कपहोल्डर्स नहीं दिए गए हैं।
बूट स्पेस
इसमें 308 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है। सेगमेंट के स्टैंडर्ड्स के अनुसार तो इसे बेस्ट नहीं कहा जा सकता है, मगर फैमिली वीकेंड ट्रिप के हिसाब से इसमें जरूरत का सारा सामान रखा जा सकता है। 60:40 के अनुपात में बंटी पीछे वाली सीट को भी आप जरूरत पड़ने पर बूट की जगह इस्तेमाल में ले सकते हैं। बलेनो के कंपेरिजन में फ्रॉन्क्स का लोडिंग एरिया चौड़ा है और बूट की गहराई बराबर है।
फीचर्स
मारुति ने फ्रॉन्क्स कार में जरूरत के सभी फीचर्स दिए हैं। इसके हाइलाइटेड फीचर्स में हेड-अप डिस्प्ले, एक 360 डिग्री कैमरा और एक वायरलेस चार्जर शामिल हैं। इसके अलावा इसमें क्रूज़ कंट्रोल, एक ऑटो-डिमिंग आईआरवीएम, एक 9-इंच टचस्क्रीन, क्लाइमेट कंट्रोल और रियर एसी वेंट जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं। साथ ही इसमें वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले कनेक्टिविटी जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं। हुंडई किआ ने अपनी कारों में कुछ इनसे भी अच्छे फीचर्स दिए हैं। इनकी वेन्यू/सोनेट में फ्रंट सीट वेंटिलेशन, पावर्ड ड्राइवर सीट और ब्रांडेड बोस साउंड सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं। हालांकि इन फीचर्स को नजरअंदाज किया जा सकता है, मगर सनरूफ का ना होना यहां सबसे बड़ी कमी के तौर पर देखा जाएगा।
नई फ्रॉन्क्स कार में रियर डिफॉगर, 60:40 अनुपात में बंटी सीटें, एडजस्टेबल हेडरेस्ट, 4 पावर विंडो और क्लाइमेट कंट्रोल जैसे फीचर्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं। बेस वेरिएंट से ऊपर वाले वेरिएंट में पावर्ड ओआरवीएम, स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो कंट्रोल्स के साथ 7 इंच की टचस्क्रीन दी गई है।
सेफ्टी
सेफ्टी के लिए नई फ्रॉन्क्स में ड्युअल एयरबैग, एबीएस एवं ईबीडी, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और हिल असिस्ट स्टैंडर्ड दिए गए हैं। इस के टॉप 2 वेरिएंट्स में साइड और कर्टेन एयरबैग समेत 6 एयरबैग दिए गए हैं। बता दें कि फ्रॉन्क्स को सुजुकी के हार्टएक्ट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है जिसे हमेशा रीट्यून किया जाता है। फ्रॉन्क्स में आपको कुछ फीचर्स की कमी लग सकती है, मगर इसमें आपकी जरूरत के सभी फीचर्स तो दिए ही गए हैं।
इंजन और परफॉर्मेंस
मारुति फ्रॉन्क्स के साथ सुजुकी के 1.0 लीटर टर्बो बूस्टरजेट इंजन की वापसी हुई है। इससे पहले इस इंजन का एक्सपीरियंस हमने बलेनो आरएस में किया था। इसबार भी ज्यादा माइलेज के लिए इसके साथ माइल्ड हाइब्रिड सेटअप दिया गया है। इसके अलावा इस कार में मारुति सुजुकी का जांचा परखा 1.2 लीटर इंजन भी दिया गया है जो कंपनी की दूसरी कारों में भी दिया गया है। हुंडई किआ जो कि टर्बो पेट्रोल इंजन का ऑप्शन केवल ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ देती है, उनसे अलग मारुति सुजुकी ने अपने इन दोनों इंजन के साथ मैनुअल गियरबॉक्स की चॉइस दी है। इसके नॉन टर्बो वेरिएंट्स में 5 स्पीड एएमटी गियरबॉक्स का भी ऑप्शन दिया गया है और टर्बो इंजन के साथ 6 स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की चॉइस दी गई है।
स्पेसिफिकेशन |
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इंजन |
1.2-लीटर 4-सिलेंडर |
1-लीटर टर्बो-पेट्रोल माइल्ड-हाइब्रिड |
पावर |
90पीएस |
100पीएस |
टॉर्क |
113एनएम |
148एनएम |
गियरबॉक्स |
5-स्पीड एमटी / 5-स्पीड एएमटी |
5-स्पीड एमटी / 6-स्पीड एटी |
हमनें इसे गोवा में ड्राइव किया जहां इसके बूस्टरजेट वाले वर्जन के दोनों मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाले मॉडल्स को टेस्ट किया। कैसा रहा हमारा एक्सपीरियंस ये आप पढ़ेंगे आगे:
- फर्स्ट इंप्रेशन: मारुति के मक्खन जैसे 1.2 लीटर इंजन के मुकाबले इसका ये 3 सिलेंडर इंजन थोड़ा वाइब्रेट करता है। खासतौर पर जब आप इसे हाई रेव्स पर लेकर जाते हैं तो ये चीज आपको फ्लोरबोर्ड में महसूस होती है। हालांकि ये ज्यादा शोर नहीं करता है।
- ये फोक्सवैगन के 1.0 टीएसआई जितना फुर्तिला नहीं है। इसे सिटी और हाईवे ड्राइविंग के हिसाब से बैलेंस रखा गया है।
नॉन टर्बो इंजन के कंपेरिजन में टर्बो इंजन का सबसे ज्यादा फायदा हाईवे ड्राइविंग के दौरान मिलता है। इसे आप पूरे दिन 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ड्राइव कर सकते हैं। वहीं बिना किसी तनाव के आप 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से किसी भी दूसरे व्हीकल को ओवरटेक भी कर सकते हैं।
- सिटी में आप सेकंड और थर्ड गियर के बीच ही ड्राइव करते हुए खुद को पाएंगे। 1800 से 2000 आरपीएम के बाद ही ये इंजन अपना असली जोश दिखाता है। इससे नीचे ये कम पावरफुल महसूस होता है, मगर हां कार ड्राइव करने के लिए पर्याप्त पावर इसमें रहती है। बता दें कि यदि आप इस कार को केवल सिटी में ही ड्राइव करने के हिसाब से खरीद रहे हैं तो आपको 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन ज्यादा पसंद आएगा। उसमें आपको बार बार गियर बदलने का झंझट भी नहीं रहेगा।
- इस इंजन को इंटर सिटी और इंटर स्टेट ड्राइविंग के लिए चुना जा सकता है। इसमें मिलने वाली एक्सट्रा टॉर्क हाईवे पर आपको एक रिलेक्स ड्राइविंग का अनुभव देगी।
- इसका एक और फायदा ये है कि इसमें ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन भी दिया गया है जो काफी स्मूद है। हालांकि ये फुर्तिला गियरबॉक्स नहीं है और थ्रॉटल देते वक्त डाउनशिफ्टिंग के दौरान कुछ सेकंड लेता है। मगर इससे आपको सहूलियत जरूर मिलेगी।
- इसके गियरबॉक्स के लिए कोई ड्राइव मोड या डेडिकेटेड स्पोर्ट मोड नहीं दिया गया है। हालांकि आप पैडल शिफ्टर्स के जरिए इसे मैनुअली शिफ्ट कर सकते हैं।
क्या इसमें है एसयूवी वाली बात?
ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस और सस्पेंशन ट्रेवल के रहते खराब सड़कों से फ्रॉन्क्स को कोई खतरा नहीं है। इसमें बॉडी मूवमेंट अच्छी तरह से कंट्रोल्ड है और कम स्पीड पर खराब रास्तों पर बैठने वालों को उछाल महसूस नहीं होगा। इसमें साइड टू साइड मूवमेंट भी नहीं होता है।
इसकी हाई स्पीड स्टेबिलिटी भी काफी अच्छी है। 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर भी ये कार आपके पूरे कंट्रोल में रहती है, जिससे ड्राइवर का भी आत्मविश्वास बढ़ता है। हाईवे स्पीड के दौरान एक्सपेंशन जॉइन्ट्स और रास्तों में बदलाव होने का असर केबिन में साफ महसूस होता है। ये चीज रियर पैसेंजर्स को ज्यादा महसूस होगी।
यदि आप फ्रॉन्क्स को सिटी में ही ड्राइव करेंगे तो आपको इसके स्टीयरिंग को लेकर कोई शिकायत नहीं रहेगी। ये काफी हल्का और फुर्तिला है। वहीं हाईवे पर इसका वजन आपको पूरा कॉन्फिडेंस देने में सक्षम है। हालांकि आपको इससे और ज्यादा फीडबैक मिलने की उम्मीद रहेगी मगर समय के साथ आप इसके आदी हो जाएंगे।
हमारी राय
फ्रॉन्क्स में काफी चीजें ऐसी हैं जो पसंद आएंगी और नापसंद आने वाली बातें कम ही है। इसमें आपको प्रीमियम हैचबैक,सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी और कॉम्पैक्ट एसयूवी के बीच का एक अच्छा बैलेंस नजर आएगा। फ्रॉन्क्स में स्टाइल भी है,स्पेस,कंफर्ट और रोजाना के इस्तेमाल वाली सभी बातें मौजूद हैं।
बलेनो के मुकाबले इसमें मिलने वाला ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस,लुक्स और फीचर लोडेड लोअर वेरिएंट्स बिल्कुल पैसा वसूल डील नजर आते हैं। अब इस बात को समझने के लिए हम आपको बलेनो,ब्रेजा और ग्रैंड विटारा का उदाहरण देते हैं।
बॉक्सी स्टाइलिंग वाली ब्रेजा काफी आकर्षक कार है मगर हम आपको फ्रॉन्क्स का 1.5 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड वर्जन चुनने के बजाए टर्बो पेट्रोल वर्जन चुनने की सलाह देंगे। आपको फीचर्स से भी कोई समझौता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और फ्रॉन्क्स आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगी।
हाइब्रिड ग्रैंड विटारा के कंपेरिजन में आपको फ्रॉन्क्स में सिवाए साइज के और कोई कमी महसूस नहीं होगी। यहां तक कि इस प्राइस रेंज में फ्रॉन्क्स में आपको अच्छे खासे फीचर्स भी मिलेंगे।
जहां बलेनो के टॉप वेरिएंट की कीमत 9.33 लाख रुपये से लेकर 9.88 लाख रुपये के बीच है तो वहीं हम उम्मीद कर रहे हैं कि फ्रॉन्क्स 1.2 मॉडल की कीमत 10 से लेकर 10.5 लाख रुपये के बीच रखी जा सकती है। वहीं इस कार के टर्बो पेट्रोल वेरिएंट की कीमत 11 से 12.5 लाख रुपये तक रखी जा सकती है। इस कीमत पर ही नेक्सन,वेन्यू और सोनेट के टॉप वेरिएंट भी उपलब्ध है जो इससे साइज में बड़े हैं।
कुल मिलाकर फ्रॉन्क्स में बहुत ज्यादा कमियां मौजूद नहीं है तो ये आपके गैराज की शान बढ़ा सकती है।