मारुति ईको: जिस काम के लिए बनी उसपर उतरी खरी
Published On जून 24, 2023 By भानु for मारुति ईको
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जब बात एक पर्पज ड्रिवन कार की आती है तो भीड़ से अलग दिखने वाले काफी कम नाम ही सुनने को मिलते हैं। इन मॉडल्स में से एक मारुति ईको है जिसे प्राइवेट और कमर्शियल व्हीकल दोनों के तौर पर पसंद किया जाता है और आमतौर पर हर महीने ये भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली टॉप 10 कारों की लिस्ट में हमेशा शुमार रहती है।
2010 में मारुति ने एक बेसिक एमपीवी कार उतारी जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को पसंद आ सके और इसने ही वरसा को रिप्लेस किया। आज 13 साल से मार्केट में उपलब्ध इस एमपीवी को बीच-बीच में छोटे मोटे अपडेट्स मिलते गए और क्या ये आज भी अपना काम बखूबी निभा रही है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस फर्स्ट ड्राइव रिव्यू में:
काफी सिंपल हैं इसके लुक्स
जैसा कि हमनें आपको पहले भी बताया कि मारुति ईको को मार्केट में 13 साल बीत चुके हैं और आज भी ये पूरी तरह से आउटडेटेड नहीं लगती है। ये आकर्षक कार तो नहीं है, मगर इसे एक सिंपल कार कहा जा सकता है। यहां तक कि कुछ ग्राहक तो इसे केवल इसके ओल्ड स्कूल चार्म के लिए खरीदते हैं जो कि आजकल हर नई कार में नजर नहीं आता है।
मारुति ने कीमत के हिसाब से ईको में जरूरी एलिमेंट्स ही लगाए हैं। इसमें वायपर्स की जोड़ी और सिंपल हेलोजन हेडलाइट्स दी गई है। इसके फ्रंट में एक छोटी सी ग्रिल और ब्लैक कलर का बंपर दिया गया है। इसमें क्रोम का इस्तेमाल नहीं किया गया है और ना कोई फॉग लैंप्स दिए गए हैं। इसमें इंजन को फ्रंट पैसेंजर सीट के नीचे लगाया गया है और इसके बोनट को काफी ऊंचा रखा गया है।


ऊंचा स्टांस और एक प्रॉपर 3 पार्ट डिस्टिंक्शन के साथ बड़े विंडो पैनल्स के साथ साइड से इसके लुक्स पूरी तरह से वैन एमपीवी जैसे है। ईको में काफी सिंपल ब्लैक कलर के डोर हैंडल्स, 13 इंच स्टील व्हील्स और चाबी से खुलने वाली फ्यूल लिड जैसे एलिमेंट्स दिए गए हैं। जहां आजकल मॉडर्न और ज्यादा प्रीमियम एमपीवी कारों में कारमेकर्स की ओर से इलेक्ट्रिक स्लाइडिंग डोर्स दिए जा रहे हैं, वहीं ईको एमपीवी में मैनुअली स्लाइडिंग रियर डोर दिए गए है।
ऐसी ही चीजें इसके बैक पोर्शन पर भी दिखाई देती है, जिसे भी सिंपल रखा गया है। इसके पीछे बड़ी सी विंडो दी गई है जिसके नीचे की तरफ साइड में 'ईको' की बैजिंग, ऊंची टेललाइट्स और ब्लैक बंपर दिया गया है।
अंदर से भी काफी सिंपल है ये कार
2010 में लॉन्च होने से लेकर अब तक ईको में बेसिक सा ड्युअल टोन केबिन थीम और डैशबोर्ड लेआउट दिया जा रहा है जहां जरूरत के ही फीचर्स दिए गए हैं। हालांकि इसके केबिन को फ्रैश रखने के लिए इसे बीच-बीच में हल्के फुल्के अपडेट्स दिए जाते रहे हैं, मगर इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। इसमें पहले 2 स्पोक स्टीयरिंग और ऑल्टो जैसा एनालॉग इंस्टरुमेंट क्लस्टर दिया गया था, जिन्हें अब 3 स्पोक स्टीयरिंग और डिजिटल डिस्प्ले ने रिप्लेस कर दिया है जो कि वैगन आर और एस प्रेसो में भी दिए गए हैं।
यहां तक कि इसमें डैशबोर्ड के पैसेंजर साइड वाले पोर्शन पर ओपन स्टोरेज एरिया के बजाए क्लोज्ड ऑफ अपर कंपार्टमेंट भी दिया गया है, जिसमें को ड्राइवर एयरबैग लगाया गया है। वहीं इसमें स्लाइडेबल कंट्रोल्स के बजाए रोटरी यूनिट्स के साथ अब बड़े एसी कंट्रोल्स दे दिए गए हैं।
फ्रंट सीट्स
ईको का स्टांस ऊंचा होने और बड़ी फ्रंट विंडशील्ड लगे होने के कारण बाहर का काफी अच्छा व्यू मिलता है और आपको सिटी में कार ड्राइव करते हुए कोई परेशानी नहीं होती है। चूंकि इसके इंजन को फ्रंट सीट्स के नीचे सेट किया गया है, इसलिए सीटें भी ऊंची है जिससे एक अच्छी ड्राइविंग पोजिशन मिलती है। इससे फिर बाहर का व्यू भी काफी साफ दिखाई देता है, जिससे नए ड्राइवर का भी कॉन्फिडेंस बना रहता है। इसकी सीटों को केवल रिक्लाइन किया जा सकता है और केवल ड्राइवर की सीट ही आगे खिसकाई जा सकती है और दोनों ही सीटों में हाइट एडजस्टमेंट का फीचर नहीं दिया गया है।


यदि आप ये सोच रहे हैं कि इस कार में छोटे मोटे सामान कहां रख सकते हैं तो आपको बता दें कि मारुति की इस कार में ऐसी चीजों के लिए स्पेस की काफी कमी है। इसके डैशबोर्ड के निचले हिस्से में आपको कुछ कबी होल्स मिल जाएंगे, जिनमें आप एक औसत साइज का स्मार्टफोन और पर्ची, रुपये या चाबी जैसी चीजें रख सकते हैं। इसके रियर सेंटर कंसोल में छोटा सा बॉटल होल्डर दिया गया है जो भी काम का नहीं लगता है। मारुति ने इस एमपीवी में सेंटर कंसोल में 12 वोल्ट का सॉकेट दिया है और आप केवल पूरी कार में यहीं से ही अपना फोन वगैरह चार्ज कर सकते हैं।
रियर सीट्स


हमनें ईको के केवल 5 सीटर वर्जन को ही ड्राइव किया था, इसलिए हम थर्ड रो के बारे में आपको जानकारी नहीं दे पाएंगे। मगर इसकी सेकंड रो पर हमें काफी अच्छा खासा स्पेस मिला। यहां हम तीन मीडियम साइज के वयस्क एक दूसरे के अगल बगल में आराम से बैठे जहां हेडरूम और शोल्डर रूम की कोई कमी नजर नहीं आई। ट्रांसमिशन टनल ना होने की वजह से हम अपने पैरों को भी फैला पाए।
इसमें दिए गए हेडरेस्ट को आप अपनी हाइट के अनुसार एडजस्ट नहीं कर सकते हैं। रियर पैसेंजर्स के लिए इसमें कोई प्रैक्टिकल या सुविधाजनक फीचर्स नहीं दिए गए हैं, मगर पीछे की विंडोज़ काफी बड़ी है जिससे लंबे सफर के दौरान आप बाहर का नजारा देखते हुए अपना समय काट सकते हैं। फ्रंट और रियर पैसेंजर्स के लिए इसमें ना तो बॉटल होल्डर और ना ही डोर पॉकेट्स का फीचर दिया गया है।
काफी अच्छा बूट स्पेस दिया गया है इसमें


इसके 5 सीटर वर्जन में थर्ड रो की कमी महसूस होती है, मगर इसमें इतना कार्गो स्पेस दिया गया है कि इससे आप अपना घर का सामान तक दूसरे घर में शिफ्ट कर सकते हैं। हमनें इसके बूट में तीन ट्रैवल सूटकेस के साथ दो डफल बैग रखे और तब भी यहां कुछ छोटे बैग रखने के लिए स्पेस बचा हुआ था। इसे एंबुलेंस और गुड्स कैरियर के तौर पर लेने वाले हर शख्स को इसका बूट स्पेस काफी पसंद आएगा। यदि आप ईको का सीएनजी वर्जन लेते हैं तो बूट में आपको सीएनजी टैंक मिलेगा जो बूट एरिया को घेर लेता है। मगर ये सीएनजी टैंक एक पिंजरे में बंद है ऐसे में आप उसपर कुछ छोटी मोटी हल्की चीजें रख सकते हैं।
क्या इसमें हैं फीचर्स की भरमार?
आज कल हर नई कारों में कई तरह की डिस्प्ले दी जा रही है तो वहीं ईको आपको किसी 1990 या सन 2000 के शुरूआत के दौर में आने वाली कारों में होने जैसा फीलिंग देगी।
फीचर्स की बात करें तो ईको में उतने ही फीचर्स दिए गए हैं जो आप अपनी उंगलियों पर गिन सकते हैं। इसमें हीटर के साथ मैनुअल एसी, एक साधारण आईआरवीएम (इनसाइड रियरव्यू मिरर), केबिन लैंप और सन वाइज़र जैसे फीचर्स ही दिए गए हैं। हालांकि ये बात आपको बता दें कि ईको की एसी काफी पावरफुल है और चूंकि हमनें इसका टेस्ट गर्मी में ही किया है, इसलिए ये इस टेस्ट में पास हो गई। हालांकि, अब मारुति ईको कार की कीमत 5 लाख रुपये एक्सशोरूम तक पहुंच चुकी है, ऐसे में मारुति को कम से कम इसमें पावर स्टीयरिंग और सेंट्रल लॉकिन्ग का फीचर तो दे ही दिया जाना चाहिए था।
मारुति ईको खरीदने वाले ज्यादातर लोग हाईटेक फीचर्स या कूल सी दिखने वाली स्क्रीन के लिए इसे नहीं खरीदते हैं, बल्कि वो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने ले जाने या कार्गो ले जाने के लिहाज से ज्यादा स्पेस देखकर खरीदते हैं।
सेफ्टी फीचर्स
इस डिपार्टमेंट में भी इस एमपीवी में कोई स्पेशल फीचर्स नहीं दिए गए हैं और इसमें आपको केवल बेसिफ सेफ्टी फीचर्स ही मिलेंगे। ईको में ड्युअल फ्रंट एयरबैग, सेकंड रो में बीच में बैठने वाले पैसेंजर के लिए लैप बेल्ट समेत हर पैसेंजर के लिए सीटबेल्ट्स, एबीएस एवं ईबीडी और रियर पार्किंग सेंसर्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं। 2016 में जब मारुति ईको का क्रैश टेस्ट किया गया था, तब इसमें एयरबैग तक का फीचर नहीं दिया गया था इसलिए ये कार 1 स्टार रेटिंग लाने में भी कामयाब नहीं हो पाई थी।
इंजन और परफॉर्मेंस
मारुति ने ईको कार में 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन दिया है जो इसमें इसकी लॉन्चिंग के समय से ही मौजूद है। हालांकि इस इंजन को एमिशन नॉर्म्स के अनुसार कंपनी ने समय-समय पर अपडेट जरूर किया है। मौजूदा बीएस6 फेज 2 अपडेट के बाद मारुति ईको पेट्रोल मोड पर 81 पीएस की पावर और 104.4 एनएम का टॉर्क देती है और सीएनजी मोड पर इसमें 72 पीएस की पावर और 95 एनएम की टॉर्क जनरेट होती है।
इस टेस्ट में हमनें इसके केवल पेट्रोल मॉडल का ही टेस्ट किया जहां हमें महसूस हुआ कि ईको कार चलाने में काफी आसान है। यहां तक कि नए नए ड्राइवर को भी इसे ड्राइव करने में समय नहीं लगेगा। पहले गियर पर फुल लोड होने के बाद ये एमपीवी तुरंत से पिकअप ले लेती है। इसका इंजन रिफाइनमेंट लेवल काफी इंप्रेसिव है और जिस तरह से इसके इंजन को ड्राइवर और पैसेंजर सीट के नीचे लगाया गया है वो भी तरीफ के काबिल है। यूट टर्न लेते हुए या कार पार्क करते समय इसमें पावर स्टीयरिंग की कमी बहुत महसूस होती है। ईको का क्लच काफी हल्का है और गियर स्लॉट्स भी 5 रेश्यो में अच्छे से रखे गए हैं।
ईको एक सपाट लंबी सड़क पर लेकर जाएंगे तो ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड में भी काफी स्थिर होकर चलेगी। हालांकि इस स्पीड तक आते आते आपको इंजन से वाइब्रेशन महसूस होगी, ऐसे में आपको ओवरटेकिंग की पहले से ही प्लानिंग करनी पड़ेगी।
क्या कंफर्टेबल है ये कार?
ईको खासतौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैठाने या वेट लोडिंग के लिए बनी है, इसलिए आपको इसके सस्पेंशंस स्टिफ लगेंगे। हालांकि ज्यादा लोगों के बैठने या कार्गो लोड होने से ये सॉफ्ट महसूस जरूर होते हैं। इसके सस्पेंशन खराब सड़कों को आराम से झेल लेते हैं।
हमारी राय
एक सीधी बात आपको बता दें कि ईको हर किसी ग्राहक के लिए नहीं बनी है। मारुति ने कमर्शियल और युटिलिटी जैसी बातों को ध्यान में रखा और इसी के ईर्द गिर्द एक व्हीकल तैयार कर लिया। और इस चीज को देखें तो ईको एक अच्छी कार कही जा सकती है। मगर जब आप इसे ऑलराउंडर कार के नजरिए से देखेंगे तो इसमें आपको बहुत कमियां नजर आएंगी।
इसे खरीदने वाले ग्राहकों की कैटेगरी देखते हुए कहा जा सकता है कि ये काफी बेसिक कार है जो रोजाना ड्राइविंग के इस्तेमाल में ली जा सकती है और इसमें ज्यादा बूट स्पेस दिया गया है। साथ ही इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों या कार्गो को ले जाया जा सकता है और इसकी राइड क्वालिटी भी काफी अच्छी है। ऐसे में इसमें आजकल की कारों की तरह टचस्क्रीन या गैजेट्स या दूसरे कंफर्ट फीचर्स नहीं दिए गए हैं, मगर इसमें जरूरत के फीचर्स तो मौजूद है ही।
हमारा मानना है कि मारुति को ईको एमपीवी में थोड़े सॉफ्ट सस्पेंशंस देने चाहिए थे और साथ ही इसमें ड्राइविंग को और ज्यादा आसान बनाने के लिए पावर स्टीयरिंग और सेंट्रल लॉकिन्ग जैसे फीचर्स भी देने चाहिए थे। कुल मिलाकर बेसिक कार के हिसाब से ये अपना काम बखूबी कर रही है जो कि लोगों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाना या फिर कार्गो को ट्रांसपोर्ट करना है।