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जगुआर एफ-टाइप एक्सपर्ट रिव्यू

Published On मई 04, 2020 By भानु for जगुआर एफ टाइप 2013-2020

Jaguar F-Type 2.0-litre Petrol

एक्सटीरियर 

जगुआर एफ-टाइप का एक्सटीरियर डिज़ाइन स्पोर्टी और स्टाइलिश है। कुल मिलाकर ये बाज़ार में उपलब्ध सबसे गुड लुकिंग कारों में से एक है। स्टाइलिश के साथ-साथ इसे सिंपल भी कहा जा सकता है। इसे स्पोर्ट्स कार जैसा दिखाने के लिए ना तो इसके डिज़ाइन में किसी तरह के कट्स दिए गए हैं और ना ही क्रीज़ लाइन्स का इस्तेमाल किया गया है।

जगुआर ने एफ-टाइप को जनरेशन अपडेट दिया है, ऐसे में इसमें नए बंपर, नए डे-टाइम रनिंग लैंप से लैस नए हेडलैंप्स और नई डिज़ाइन का टेलगेट दिया गया है। नई एफ टाइप में वी6 और वी8 के अलावा एक छोटा इंजन भी शामिल कर दिया गया है। इस 4-सिलेंडर इंजन से लैस एफ-टाइप की पहचान के लिए इसके रियर पर 'पी300' की बैजिंग दी गई है, जबकि वी8 इंजन वाली एफ-टाइप की पहचान के लिए क्वाड टेल पाइप दिए गए हैं तो वहीं वी6 के लिए दो राउंड एग्जॉस्ट दिए गए हैं। 

एफ-टाइप बाहर से इतनी आकर्षक कार है कि हम जब इसे टेस्टिंग के लिए सड़क पर निकले तो बाइक सवारों ने हमें घेरकर इसकी फोटो को अपने मोबाइल फोन में कैद करना चाहा। हालांकि, भारत में काफी कम लोग जगुआर एफ-टाइप के बारे में जानते हैं और कई लोग तो इसे फरारी समझने की भी भूल कर बैठते हैं। 

इंटीरियर

एफ-टाइप का केबिन तो काफी अच्छा है, मगर एक्सटीरियर के कंपेरिज़न में ये एक बार में पसंद आने जैसा भी नहीं है। इसमें स्पोर्ट्स कारों की तरह लो सीटिंग पोजिशन मिलती है, मगर एक्सई सेडान से दोगुनी कीमत पर आने वाली इस कार का केबिन कंपनी की इस एंट्री लेवल सेडान जैसा ही लगता है। 

इसके केबिन में औसत दर्जे के प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। यहां तक कि स्टीयरिंग माउंटेड कट्रोल्स पर भी प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। कुल मिलाकर इतना पैसा खर्च कर इस कार को खरीदने के बाद केबिन को देखकर आप रोमांचित नहीं होंगे। इस कार के टॉप वेरिएंट आर डायनैमिक में 6 तरीकों से एडजस्ट हो सकने वाली पावर एडजस्टेबल सीट्स, मोटराइज्ड स्टीयरिंग एडजस्टर, रियर पार्किंग सेंसर और स्पीड लिमिटर से लैस क्रूज़ कंट्रोल का फीचर दिया गया है। इसके अलावा इसमें मैमोरी सीट्स स्टीयरिंग, हीटेड एंड कूल्ड सीट्स, फ्रंट पार्किंग सेंसर,पैसिव की लैस एंट्री, 2-जोन क्लाइमेट कंट्रोल का फीचर भी दिया गया है। यहां तक कि इसके टॉप वेरिएंट में रियर कैमरा जैसे फीचर को भी ऑप्शनल रखा गया है। ऐसे में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करते वक्त आप इन बातों के बारे में जरूर सोचेंगे। 

इसमें सेंट्रल एसी वेंट्स डैशबोर्ड के अंदर से बाहर आते हैं और स्विच ऑफ करने के बाद वापस अंदर चले जाते हैं। इसमें स्पोर्टीनैस के लिए रेड कलर की सीट बेल्ट दी गई है। 

केबिन स्पेस की बात करें तो लो सीटिंग पोजिशन होने के बावजूद इसमें 6.5 फीट की लंबाई वाला पैसेंजर आराम से बैठ सकता है। थोड़ा बहुत सामान रखने के लिए इसमें अच्छा खासा बूट स्पेस दिया गया है। इसके बूट स्पेस में ही स्पेयर टायर को भी जगह दी गई है, मगर आप अगर ज्यादा बूट स्पेस चाहते हैं तो आप इस टायर को कहीं और रख सकते हैं। 

परफॉर्मेंस

जगुआर की इस स्पोर्ट्स कार में दो इंजन का ऑप्शन दिया गया है। गाड़ी का 2.0-लीटर 4-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड इंजन 300 पीएस की पावर और 400 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। वहीं, 5.0-लीटर सुपरचार्ज्ड वी8 इंजन 575 पीएस की पावर और 700 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। इंजन के साथ इस में 8-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दिया गया है। इस में ऑल-व्हील-ड्राइव का विकल्प भी मिलता है। यह कार 12 किलोमीटर प्रति लीटर से 15 किलोमीटर प्रति लीटर तक का माइलेज देती है। हमने इस टेस्ट राइड में 2.0 लीटर टर्बोचार्ज्ड 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन वाले मॉडल का इस्तेमाल किया है। यह वी6 इंजन के मुकाबले 52 किलोग्राम हल्का है। 

एफ-टाइप का इंजन ऑन होते ही आवाज़ करने लगता है, मगर उतना नहीं जितना कि वी6 और वी8 इंजन करते हैं। यह 4-सिलेंडर इंजन काफी फुर्तिला है। इसमें 1500 आरपीएम से नीचे पर टॉर्क की डिलेवरी होती है। इस कार को 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ने में 6.56 सेकंड का समय लगता है और ये आंकड़ा उतना रोमांचक नहीं है, क्योंकि इतना ही समय मर्सिडीज़ बेंज ई350 डी भी लेती है। 8वें गियर पर भी इसमें इतना टॉर्क उपलब्ध रहता है कि आप हाईवे वाली स्पीड पर आराम से दूसरी गाड़ी को ओवरटेक कर सकते हैं। इस दौरान आप पैडल शिफ्टर्स की मदद से गियर डाउन भी कर सकते हैं। 

हमारे टेस्ट में इसके 4-सिलेंडर इंजन ने 12.28 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया। लंबे रास्तों पर यह टॉप गियर में 2000 आरपीएम से नीचे रहने पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार आराम से पकड़ लेती है। रूटीन ड्राइविंग के लिहाज से भी ये इंजन काफी अच्छा है और लो स्पीड पर अच्छा आउटपुट देता है। स्मूद राइडिंग के दौरान इससे अच्छी पावर डिलीवरी मिलती है। हालांकि लो स्पीड के दौरान ऊपर वाले गियर पर आने से पहले इसका गियरबॉक्स काफी समय तक निचले गियर पर रहता है। ऊपर वाले गियर पर आने के बाद भी अगर आप इसकी स्पीड कम कर लेते हैं तो ये फिर से गियर बदल लेती है, जिससे सिटी में ड्राइव करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हालांकि, फास्ट स्पीड के दौरान आपको ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है, क्योंकि इसके गियरबॉक्स को हार्ड थ्रॉटल के लिहाज़ से ही ट्यून किया गया है। हमारी टेस्ट राइड में इस स्पोर्ट्स कार ने हमें सिटी में 7.68 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया। 

इसमें एक्टिव एग्जॉस्ट का फीचर भी दिया गया है जो इंजन की आवाज़ को थोड़ा दबा देता है। 

राइड और हैंडलिंग 

जगुआर एफ-टाइप की सबसे अच्छी बात इसकी हैंडलिंग है। कंपनी ने इस वेरिएंट में छोटे इंजन के होते हुए चेसिस को काफी अच्छे से सैट किया है। कॉर्नर्स पर इस कार को काफी ध्यान से निकालना पड़ता है। 

इसका स्टीयरिंग भी इस्तेमाल करने के लिहाज से काफी अच्छा है। दूसरी स्पोर्ट्स कारों के मुकाबले इसके स्टीयरिंग से काफी फीडबैक आपको मिलता रहता है। जैसे ही आप इस गाड़ी को हाईवे की चौड़ी और खुली सड़कों पर लेकर जाते हैं तो स्टीयरिंग का वजन भारी हो जाता है। 

इसके सस्पेंशन सिस्टम को भी अच्छे से ट्यून किया गया है। तेज रफ्तार में भी आप उबड़-खाबड़ रास्तों पर बिना हिचकिचाए इस कार को दौड़ा सकते हैं। स्पीड ब्रेकर्स को पार करने के लिए इसका ग्राउंड क्लीयरेंस काफी है, हालांकि थोड़े ऊंचे स्पीड ब्रेकर्स आने पर आप कार को साइड से ले जाएं। फिर भी अगर आप को इसके नीचे से कोई आवाज आए तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि वो आवाज ​फ्रंट स्पिलटर के प्लास्टिक एलिमेंट्स के टकराने से आती है। 

एफ-टाइप की ब्रेकिंग परफॉर्मेंस भी काफी स्ट्रॉन्ग है और ब्रेक लगाने के बाद ये 38.75 मीटर चलने के बाद 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शुन्य पर आ जाती है। 

सेफ्टी

सेफ्टी के लिहाज़ से इस स्पोर्ट्स कार में एबीएस के साथ ईबीडी, ट्रैक्शन कंट्रोल, ड्यूल फ्रंट और ड्यूल साइड एयरबैग, ऑल राउंड पार्किंग सेंसर और रियर कैमरे का फीचर दिया गया है। इसके अलावा इसमें दुर्घटना होने की स्थिति में पैदल चालक की सेफ्टी के लिए पैडिस्ट्रियन कॉन्टेक्ट सेंसिंग सिस्टम दिया गया है जो बोनट को उठा देता है। 

निष्कर्ष

जगुआर एफ-टाइप की प्राइस 90.93 एक्स-शोरूम है, जो यकीनन काफी महंगी है। ये पोर्श 718 केमन से 6 लाख रुपये महंगी है। इस कार की कीमत को वाजिब साबित करने के लिए जगुआर को इसके इंटीरियर की मैटैरियल क्वालिटी को थोड़ा और सुधारना चाहिए था। वहीं इसमें कुछ फीचर्स स्टैंडर्ड भी देने चाहिए थे। 

हालांकि, हमें ये कार फिर भी पसंद आई और इसके लिए ढेर सारा पैसा खर्च करने के बारे में सोचा जा सकता है। हमें इसकी परफॉर्मेंस और स्टाइलिंग काफी पसंद आई। इसका इंजन भी काफी रिस्पॉन्सिव है और हैंंडल करने के लिहाज से भी ये कार काफी अच्छी है। 

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