भारत में अब माइनिंग इंडस्ट्री में भी होगा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल
प्रकाशित: जनवरी 31, 2023 07:51 pm । सोनू
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हिंदूस्तान जिंक भारत की पहली माइनिंग कंपनी है जो माइनिंग के लिए के इलेक्ट्रिक गाड़ी का इस्तेमाल कर रही है।
भारत में इन दिनों धीरे-धीरे ही सही लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ लोगों को रूझान बढ़ने लगा है। अब भारत के माइनिंग सेक्टर ने भी इलेक्ट्रिक वाहन के इस्तेमाल में दिलचस्पी दिखाई है। भारत की माइनिंग कंपनी हिंदूस्तान जिंक ने अपने माइनिंग वाहनों के बेड़े में इलेक्ट्रिक गाड़ी को शामिल किया है। ऐसा करने वाली यह भारत की पहली माइनिंग कंपनी है। इस इलेक्ट्रिक गाड़ी को कंपनी के सिंदेसर खुर्द माइन में तैयार किया गया है और इसे Normet Utimec MF 500 Transmixer SmartDrive EV नाम दिया गया है।
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इसमें 90केडब्ल्यूएच बैटरी पैक और दो मोटर लगी है। यह ऑल व्हील ड्राइव गाड़ी है जिससे माइनिंग के काम में इसका अच्छे से इस्तेमाल लिया जा सकेगा। इसमें लगी मोटर का संयुक्त पावर 272 पीएस है। नॉर्मेट की स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 30 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
इसकी बैटरी को डीसी फास्ट चार्जर से 40 मिनट में 0 से 80 फीसदी चार्ज किया जा सकता है। जगुआर आई-पेस में भी इतनी कैपेसिटी का बैटरी पैक दिया गया है, जिसकी फुल चार्ज में रेंज 470 किलोमीटर है और इसका पावर आउटपुट 400पीएस है।
भारत में माइनिंग सेक्टर सबसे ज्यादा वायू प्रदूषण करता है, क्योंकि इस सेक्टर में डीजल इंजन वाले वाहनों का इस्तेमाल होता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से प्रदूषण में तो कमी आएगी ही, साथ ही प्रोडक्टीविटी भी बढ़ेगी जिससे ऑपरेटिंग खर्चे कम जाएंगे।
इस समस्या को देखते हुए हिंदूस्तान जिंक ने नॉर्मेट स्मार्टड्राइव इलेक्ट्रिक माइनिंग व्हीकल को अपने बेड़े में शामिल किया है। इसमें फास्ट चार्जिंग के साथ कंक्रीट स्प्रेयर दिया गया है जो इसके बैटरी पैक से ऑपरेट होता है। कंपनी की योजना आने वाले पांच सालों में अपनी सभी डीजल इंजन वाली माइनिंग गाड़ियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में कनवर्ट करने की है। इसके लिए कंपनी एक बिलियन डॉलर (करीब 8,181 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी।
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