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2021 में दिल्ली सरकार ने लागू किए ये पांच महत्वपूर्ण ट्रैफिक नियम

प्रकाशित: दिसंबर 31, 2021 04:22 pm । rohit
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देश की राजधानी दिल्ली को सड़क परिवहन के मामले में कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सड़क सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक जाम और आरटीओ सेवाओं के डिजिटलीकरण तक दिल्ली सरकार नए और ट्रांसफोर्मेटिव सॉल्यूशंस के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है।

दिल्ली सरकार ने 2021 में राजधानी दिल्ली में कई नए नियम और कानून लागू किए जिनमें से कुछ एक्सपेरिमेंटल थे। इन नई नीतियों और कार्यक्रमों का उद्देश्य रोड यूज़र्स और कार ओनर्स की मदद करना है, साथ ही यातायात को आसान बनाना है और सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है। इसके अलावा वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण पर भी अंकुश लगाना है। आइए जानते हैं इस वर्ष दिल्ली सरकार द्वारा कौन-कौन से नए नियम लागू किए गए:-

सड़कों पर एवरेज स्पीड लिमिट को बढ़ाना

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (डीटीपी) ने 2-व्हीलर और फोर-व्हीलर समेत सभी कैटेगरी के व्हीकल की स्पीड लिमिट को बढ़ा दिया है जिससे भीड़भाड़ को कम करके रोड सेफ्टी को बढ़ाया जा सके, साथ ही ड्राइविंग को भी रोमांचक बनाया जा सके। कारों को अब रिंग रोड और आउटर रोड जैसी मेन सड़कों पर 60 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर चलाने की अनुमति मिल गई है। वहीं, हाइवे पर कारो की लिमिट 70 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है।

नई स्पीड लिमिट रोड और एरिया पर निर्भर करती है जो इस प्रकार है:-

  • नेशनल हाइवे और ई-वे : 70 किलोमीटर/घंटे (2-व्हीलर के लिए 60 किलोमीटर/घंटे)
  • रिंग रोड और आउटर रिंग रोड : 60 किलोमीटर/घंटे
  • मेन आर्टेरियल रोड : 50 किलोमीटर/घंटे
  • नेहबरहुड रोड : 30 किलोमीटर/घंटे
  • फ्लाईओवर एग्ज़िट व एंट्री लूप्स : 40 किलोमीटर/घंटे

डीटीपी के अनुसार यदि किसी व्हीकल की स्पीड निर्धारित अधिकतम स्पीड के 5 प्रतिशत के अंदर अंदर है तो इसे ओवरस्पीडिंग के रूप में नहीं माना जाएगा।

वाहन के प्रदूषण को कम करना

पीयूसी नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ा जुर्माना : प्रूफ के रूप में एक वैध पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट नहीं कैर्री करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना या छह महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं। नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस सर्टिफिकेट को दिखाने में विफल रहने पर ड्राइवर का लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा।

पेट्रोल/डीजल कमर्शियल व्हीकल को एक सप्ताह के लिए बैन करना : दिल्ली के खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को सुधारने के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल कमर्शियल व्हीकल्स को एक सप्ताह (27 नवंबर से 3 दिसंबर) के लिए राजधानी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, यह एक परमानेंट सोल्यूशन नहीं है, लकिन यह प्रदूषण से निपटने में जरूर मदद कर सकता है।

15 साल या उससे पुराने व्हीकल को स्क्रैप करना : दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए 15 साल या उससे ज्यादा साल के वाहनों को स्क्रैप करना अनिवार्य कर दिया है। नए नियम के अनुसार सड़कों पर या सार्वजनिक स्थानों पर पार्क किए गए ऐसे किसी भी वाहन को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा ,साथ ही कार के ओनर पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। पुरानी कारों में ज्यादा उत्सर्जन होता है जिसके चलते यह मॉडर्न पेट्रोल या डीजल कारों की तुलना में ज्यादा प्रदूषण करती है।

पुराने डीजल व्हीकल को इलेक्ट्रिक में बदलना : नवंबर 2021 में दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कहा था कि 10 साल से ज्यादा पुराने सभी डीजल व्हीकल्स को सड़कों पर चलाने की अनुमति तब ही मिलेगी जब उनके इंजन को इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से रिप्लेस कर दिया जाएगा। इसे लागू करने के लिए सरकार ईवी किट मैन्युफैक्चर के साथ भी साझेदारी कर रही है।

ईवी चार्जर का सात दिनों में इंस्टॉलेशन :

दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग ने कमर्शियल, इंस्टीट्यूशनल और आवासीय क्षेत्रों में प्राइवेट ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिंगल-विंडो फैसिलिटी शुरू की है। इलेक्ट्रिफिकेशन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए सरकार ने कहा है कि चार्जर जल्द स्थापित किए जाएंगे और यह सात दिन के अंदर-अंदर काम करने लगेंगे। कस्मटर्स को उनकी सुविधा के अनुसार इंस्टॉलेशन शेड्यूल करने की भी अनुमति दी गई है।

इन ईवी चार्जर के पहले 30,000 एप्लीकेंट्स 6,000 रुपये की सब्सिडी के पात्र हैं जिससे इसकी कीमत 2,500 रुपये तक कम हो जाती है। इन स्टेशन पर इलेक्ट्रिसिटी की कीमत को 4.5 प्रति यूनिट तक सेट किया गया है।

आरटीओ सर्विस का डिजिटाइजेशन

2020 में महामारी के कारण पैदा हुए संकट के बाद 2021 में मुख्य अपडेट के रूप में दिल्ली सरकार ने लर्नर लाइसेंस टेस्ट, व्हीकल रजिस्ट्रेशन और परमिट समेत कुल 33 ट्रांसपोर्ट सर्विस का डिजिटाइज़ेशन लागू कर दिया था।

लगभग 200 सेल्फ-रजिस्टर्ड डीलर्स को नए कार खरीददारों के लिए ऑन-द-स्पॉट टेम्पररी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेशन (आरसी) बनाने की अनुमति दी गई है। ऐसे डीलर्स को परमानेंट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी सौंपने की अनुमति देने की आगे की योजना है जिससे आरटीओ जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

रोड सेफ्टी सुधारने के लिए टेक्टिकल अरबनाइज़्म

सड़कें हर किसी के लिए होती हैं, ऐसे में सभी यूज़र्स के लिए इस पर अच्छी खासी सेफ्टी होनी बेहद जरूरी है। पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और नॉन-मोटराइज़्ड ट्रांसपोर्ट यूज़र्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए परिवहन मंत्री ने दिल्ली की दुर्घटना ग्रस्त जगहों पर 'जीरो फेटेलिटी कॉरिडोर' स्थापित करने के सरकार के उद्देश्य के रूप में 'टेक्टिकल अरबनाज़्म' (टीयू) ट्रायल की शुरुआत की है।

इन ट्रायल में रोड जियोमेट्रिक को मॉडिफाई करके सड़क स्पेस को दोबारा से चेक करना और पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को जोड़ना शामिल है। वर्तमान में यह सभी मॉडिफिकेशन अस्थाई हैं।

यह ट्रायल राजघाट में नवंबर 2021 से शुरू हो चुके हैं और दो महीने तक जारी रहेंगे।

ऊपर लिखी सभी पॉलिसी व प्रोग्राम दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए स्टेप्स के कुछ हाइलाइट पॉइंट हैं।

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