भारत में इलेक्ट्रिक कार से रोड ट्रिप के दौरान आ सकती हैं ये समस्याएं, आप भी डालिए एक नजर
प्रकाशित: अक्टूबर 31, 2022 05:50 pm । भानु
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जनता के लिए की गई कुछ उम्मीद भरी घोषणाओं से उलट एक बेहतर ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर अभी दूर की कौड़ी होगी साबित
पिछले दो से तीन सालों में भारत का ईवी मार्केट काफी डेवलप हुआ है। आज कस्टमर्स के पास मास मार्केट में इलेक्ट्रिक कारों के काफी ऑप्शंस हैं और कई ऐसी कारें भी उपलब्ध हैं जिनकी रेंज 300 किलोमीटर से ज्यादा है। हालांकि चार्जिंग स्टेशन की कमी जरूर है, मगर ऐसा भी नहीं है कि अब इनकी बहुत ज्यादा कमी दिखाई देती हो। इलेक्ट्रिक व्हीकल और चार्जिंग पॉइन्ट्स को लेकर ईवी मैन्युफैक्चरर्स काफी रोचक तथ्य पेश कर चुके हैं, मगर अब भी कुछ सच्चाईयां ऐसी है जिनपर काम करना जरूरी है।
हमारी एडिटोरियल टीम के साथी ने इस साल की शुरूआत में इलेक्ट्रिक कार से एक रोड ट्रिप की और उनके अनुभवों के आधार पर कुछ सच्चाईयां सामने आई, जिनका निष्कर्ष ये निकलता है कि अब भी ऐसी कारें पेट्रोल डीजल कारों के सामने एक बेहतर विकल्प नहीं है।
कौनसी थी वो कार और कहां की गई ड्राइव
इस पूरे अनुभव को पेश करने में हमने पूरी पारदर्शिता रखी है। सबसे पहले तो ये बता दें कि जो कार ड्राइव की गई वो दो साल पुरानी हुंडई कोना ईवी थी। ये भारत की सबसे पहली लॉन्ग रेंज ईवी है जिसकी एआरएआई सर्टिफाइड रेंज 452 किलोमीटर है। इसमें 39.2 केडब्ल्यूएच का बैटरी पैक दिया गया है और इसकी इलेक्ट्रिक मोटर का पावर और टॉर्क आउटपुट क्रमश: 136 पीएस और 395 एनएम है।
ये ट्रिप गर्मियों में बेंगलुरू से एक पास ही में हिल स्टेशन तक की थी। हालांकि ऐसी कंडीशंस में एक इलेक्ट्रिक कार से अच्छी परफॉर्मेंस की उम्मीद रखना ठीक नहीं है और इस कार में 4 लोगों समेत काफी लगेज भी रखा गया था।
1. दावे से उलट कम मिलती है रेंज
इलेक्ट्रिक कारों में मल्टी इंफॉर्मेशन डिस्प्ले पर दिखने वाली एक्टिव रेंज एस्टिमेशन पर भरोसा कम ही रखना चाहिए। हालांकि अब कुछ नई और थोड़ी ज्यादा कीमत वाली इलेक्ट्रिक करों में ड्राइविंग कंडीशंस के हिसाब से रेंज की सटीक जानकारी डिस्प्ले होती है। मगर फिर भी रियल रेंज आपको कम ही मिलती है।
उदाहरण के तौर पर बताएं तो हुंडई कोना ईवी को वॉल्बॉक्स चार्जर से पूरी रात चार्ज किया गया जिसके बाद सुबह इसे शुरू करने से पहले 345 किलोमीटर रेंज डिस्प्ले हो रही थी। बेंगलुरू के ट्रैफिक से बचने के लिए सिटी का हिस्सा जल्दी जल्दी कवर कर लेना चाहते थे, इसलिए सुबह सुबह ही निकलना समझदारी थी। हालांकि 290 किलोमीटर की इस पूरी यात्रा को तय करने से पहले ही इसकी रेंज गिरने लगी।
इसके बाद 50 किलोमीटर की चढ़ाई भी चढ़नी थी और मजिंल पर पहुंचने तक कोना ईवी में 1 प्रतिशत बैट्री बची थी। इसमें चार्जिंग बचाए रखने के लिए एयरकॉन को बंद रखा और किसी बड़े वाहन के पीछे इसे काफी धीरे धीरे भी ड्राइव किया गया ताकि हवा की मार ना पड़ सके।
2.ऑन-वे चार्जिंग हमेशा सही ऑप्शन नहीं
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशंस की सीमितता को देखते हुए ईवी यूजर्स उसके मुताबिक ही अपना रूट प्लान करते हैं। ऐसे में ये चीज पेट्रोल/डीजल वाली कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक कारों के प्रति यूजर्स का नजरिया बदलने में आगे भी मुख्य तौर पर भूमिका निभाती नजर आएगी।
जो रूट लिया गया वहां चार्जिंग स्टेशंस के बारे में कोई सटीक जानकारी भी दिखाई नहीं दे रही थी। वहीं अगर आपको खराब नेटवर्क मिले या आप किसी अंजान एरिया में हो तो मोबाइल एप पर चार्ज पॉइन्ट लोकेट कर पाना भी काफी मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा जिस चार्जिंग स्टेशन पर अच्छी कैपेसिटी वाला चार्जर उपलब्ध हो तो हो सकता है कि फिर वो आपके रूट पर ही ना हो। ऐसे में उस चार्जिंग स्टेशन पर पहुंचने के लिए पहले तो आप अपने रूट से अलग हो जाएंगे जिसमें एक्सट्रा बैट्री की खपत होगी।
ऐसे में आईसीई कारों में जहां आपको फ्यूल की कोई टेंशन नहीं रहती, वहीं इलेक्ट्रिक कारों में आपको रिचार्ज के लिए पहले से ही प्लानिंग करनी पड़ती है। इसके अलावा अगर आप बहुत सारे लोगों के साथ ट्रैवल कर रहे हैं तो हो सकता है कार चार्ज करने में लगने वाले समय के कारण उन लोगों को परेशानी होने लगे। ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पर कैफेटेरिया का इंतजाम भी होना जरूरी है, जहां लोग चाय कॉफी और स्नैक्स का आनंद लेते हुए टाइम पास कर सकें।
3. आपकी डेस्टिनेशन पर उपलब्ध चार्जर अगर काम ही ना करे तो?
हमारी एडिटोरियल टीम के साथी अपनी डेस्टिनेशन पर एक ऐसी जगह रूके थे जहां पार्किंग एरिया में चार्जर उपलब्ध था। वहां पहुंचने के बाद वो उन्होंने अपनी कोना ईवी चार्जर के पास ही खड़ी की जो कि 2.8 किलोवॉट का पोर्टेबल चार्जर था।
चार्जर की डिस्प्ले तो जल रही थी मगर उसका इंटरफेस यूजर फ्रेंडली नहीं था और उसे इस्तेमाल करने के क्लीयर डायरेक्शन भी नहीं दिए गए थे। काफी बार चार्जर को प्लग इन प्लग आउट करने के बाद पता लगा कि ये तो काम ही नहीं कर रहा है। आखिर में फिर 15 एम्पियर के सॉकेट से ही कोना ईवी को चार्ज करने का रास्ता दिखाई दिया।
4. नौसिखिए स्टाफ से भी हो सकती है समस्या
होटल के स्टाफ से जब चार्ज पॉइन्ट में आ रही समस्या को सुलझाने में मदद करने के लिए कहा गया तो उनके पास भी इस बारे में काफी कम जानकारी थी। वे केवल इतना जानते थे कि लोगों को इसे प्लग इन करना है, भुगतान के लिए एक ऐप इंस्टॉल करना है, और बाकी सब कुछ काम करने लगेगा। जब उन्हें चार्जर के खराब होने की जानकारी दी गई तो उनके पास कोई जवाब नहीं था और जो व्यक्ति उसे ठीक कर सकता था वो वहां मौजूद नहीं था। अंंत में उनके पास माफी मांगने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
हालांकि, शहर से बाहर किसी हिल रिसॉर्ट में आपके साथ ऐसा होने के चांस कम हो सकते हैं, मगर आप भी नहीं चाहेंगे कि किसी रोड ट्रिप पर ऐसी मुसिबत में फंसे। कई पार्किंग स्पेस में चार्जर को ऑपरेट करने के लिए अलग से कोई आदमी मौजूद नहीं होता है, न्यू यूजर्स को केवल इस सर्विस का भुगतान करने के तरीके के बारे में ही बताया जाता है। ऐसे जब आपको किसी की जरूरत पड़ेगी तो शायद उस समय उसकी मौजूदगी ही वहां ना रहे।
क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल आपके लिए बोझ बन सकते हैं?
शायद हां! क्योंकि जब भी नई टेक्नोलॉजी आती है तो उसके साथ कुछ समस्याएं भी आती है और वो तब बाहर हो चुकी टेक्नोलॉजी जितनी स्मूद महसूस नहीं होती है। पूरी दुनिया में सरकारें और कार मैन्युफैक्चरर्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के फ्यूचर को लेकर प्रतिबद्ध हैं और लोगों को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। जबकि आपको ईवी पर स्विच करने के साथ सभी शुरुआती समस्याओं से निपटना पड़ता है, मगर आपको कम चार्ज रेट और प्राइस इंसेटिव का का लाभ भी मिलता है। आप इस बात से भी सांत्वना प्राप्त कर सकते हैं कि पॉल्यूशन घटाने में आपका भी इस दुनिया में एक छोटा सा योगदान जरूर है।
मेट्रो सिटी तक में इलेक्ट्रिक कार हर किसी के लिए एक बेस्ट चॉइस तो नहीं कही जा सकती, मगर जब तक ये अनिवार्य नहीं हो जाती उससे पहले इस पर गौर करने में ही फायदा है। जितने ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में रुचि दिखाएंगे फिर उसी हिसाब से सरकारें और बिजनेस हाउस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की तैयारी करेंगे। इंट्रा सिटी यूज के लिए मास मार्केट ईवी प्राइम फोकस होना चाहिए और हम फ्यूचर में अफोर्डेबल और परेशानी मुक्त ईवी एक्सपीरियंस को देखने के लिए भी काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं।
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